×

उद्धव ठाकरे की कुर्सी से संकट टला, आयोग ने दी MLC चुनाव कराने की अनुमति

उद्धव ठाकरे को 27 मई तक विधानसभा या विधानपरिषद में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी है। चुनाव आयोग की अनुमति के साथ है उद्धव ठाकरे पर आई एक बड़ी मुसीबत टल गई है।

Vidushi Mishra
Published on: 1 May 2020 1:36 PM IST
उद्धव ठाकरे की कुर्सी से संकट टला, आयोग ने दी MLC चुनाव कराने की अनुमति
X
उद्धव ठाकरे की कुर्सी से संकट टला, आयोग ने दी MLC चुनाव कराने की अनुमति

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर छाया संकट अब टलता नजर आ रहा है। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में विधानपरिषद के लिए चुनाव कराने की अनुमति दे दी है। उद्धव ठाकरे को 27 मई तक विधानसभा या विधानपरिषद में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी है। चुनाव आयोग की अनुमति के साथ है उद्धव ठाकरे पर आई एक बड़ी मुसीबत टल गई है।

ये भी पढ़ें… बैंकों में ताला: 13 दिन काम रहेगा ठप, निपटा लें पहले ही सारे जरूरी काम

27 मई तक सदस्य बनना जरूरी

उद्धव ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी। अभी तक वे विधानमंडल के सदस्य नहीं बन सके हैं। संवैधानिक नियमों के अनुसार ठाकरे को सीएम बनने के 6 महीने के भीतर यानी 27 मई तक विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य होना जरूरी है।

ऐसा ना होने पर उनकी सीएम की कुर्सी चली जाएगी। चुनाव आयोग के विधान परिषद के चुनाव को हरी झंडी दिखाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राहत की सांस ली है और उनकी कुर्सी पर आया संकट टलता नजर आ रहा है।

राज्यपाल ने नहीं दी मनोनयन की मंजूरी

दरअसल उद्धव ठाकरे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के रुख से परेशान थे। महाराष्ट्र कैबिनेट ने दो बार उद्धव ठाकरे को विधानपरिषद का सदस्य मनोनीत करने के लिए प्रस्ताव पारित किया मगर दोनों प्रस्तावों को कोश्यारी ने अभी तक मंजूरी नहीं दी थी।

ये भी पढ़ें… CM योगी का बड़ा तोहफा: 1000-1000 रुपए 30 लाख मजदूरों को

दूसरे प्रस्ताव के बाद उन्होंने विधानपरिषद की नौ रिक्त सीटों के लिए चुनाव कराने का आयोग से अनुरोध किया था। राज्यपाल के इस अनुरोध को चुनाव आयोग ने मंजूरी दे दी है।

महाराष्ट्र में थी सियासी अनिश्चितता

महाराष्ट्र कैबिनेट के उद्धव ठाकरे को विधानपरिषद का सदस्य मनोनीत करने के प्रस्ताव पर राज्यपाल द्वारा मोहर ना लगाए जाने के कारण महाराष्ट्र में सियासी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई थी।

महाराष्ट्र के कई वरिष्ठ मंत्रियों ने इस बाबत राज्यपाल से मुलाकात भी की थी मगर फिर भी अभी तक इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी थी।

मनोनयन के प्रस्ताव को ना मानकर

शिवसेना ने इसे लेकर आरोप भी लगाया था कि राज्यपाल जानबूझकर प्रस्ताव को लटकाए हुए हैं ताकि उद्धव ठाकरे की कुर्सी छिन जाए। दूसरी और भाजपा का कहना था कि उद्धव को विधानपरिषद का सदस्य मनोनीत करने का कदम गलत होगा और राज्यपाल ने मनोनयन के प्रस्ताव को ना मानकर उचित कदम उठाया है।

ये भी जरूर पढ़ें… बदला ATM: ग्राहकों को मिलेगी राहत, आज से शुरू हुए ये नियम

उद्धव ने की थी पीएम मोदी से बात

कुर्सी पर छाए संकट के बीच उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी फोन पर बातचीत की थी और उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था।

उद्व ने यह बातचीत तब की जब उन्हें यह लगने लगा कि राज्यपाल उन्हें विधानपरिषद का सदस्य मनोनीत करने के प्रस्ताव में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने उद्धव की बातें ध्यान से सुनने के बाद इस मुद्दे पर पहल करने का आश्वासन दिया था। पीएम मोदी से उद्धव की इस बातचीत के बाद राज्यपाल ने विधानपरिषद की 9 रिक्त सीटों पर चुनाव कराने की सिफारिश की थी। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग ने सारे पहलुओं पर विचार करने के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

एहतियाती उपाय करने के निर्देश

महाराष्ट्र में कोरोना संकट काफी गहराया हुआ है। देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में ही हैं। इस कारण विधानपरिषद के चुनाव को हरी झंडी दिखाने के साथ ही आयोग ने कोरोना के संक्रमण को देखते हुए आवश्यक एहतियाती उपाय करने के भी निर्देश दिए हैं।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story