Udhayanidhi Stalin Case: उदयनिधि का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, देश के 262 शख्सियतों ने खत लिखकर एक्शन लेने की मांग की

Udhayanidhi Stalin Case: दिल्ली, मुंबई और बिहार में उदयनिधि के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। अब उदयनिधि के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट को खत लिखा गया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 5 Sep 2023 8:19 AM GMT (Updated on: 5 Sep 2023 12:38 PM GMT)
Udhayanidhi Stalin Case: उदयनिधि का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, देश के 262 शख्सियतों ने खत लिखकर एक्शन लेने की मांग की
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Udhayanidhi Stalin (photo: social media )

Udhayanidhi Stalin Case: सनानत धर्म को मिटाने की बात करने वाले तमिलनाडु सीएम के बेटे और कैबिनेट मंत्री उदयनिधि स्टालिन का विरोध बढ़जा जा रहा है। उनके खिलाफ समाज के हर वर्ग से आवाज बुलंद हो रही है। दिल्ली, मुंबई और बिहार में उनके खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। अब उनके खिलाफ सख्त एक्शन लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट को खत लिखा गया है। उदयनिधि के विवादित बयान के खिलाफ देश के 262 शख्सियतों ने शीर्ष अदालत को चिट्ठी लिखी है। इनमें जज, नौकरशाह और सेना के रिटायर्ड अफसर शामिल हैं।

देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे गए खत में सुप्रीम कोर्ट से तमिलनाडु सीएम के बेटे की हेट स्पीच पर स्वतः संज्ञान लेने की मांग की गई है। उदयनिधि स्टालिन के भाषण को अदालत की अवमानना करार दिया गया है। खत में कहा गया कि उनका यह भाषण देश में सांप्रदायिक हिंसा को भड़का सकता है।

262 शख्सियतों में कौन-कौन शामिल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ सीजेआई को जिन 262 शख्सियतों ने खत लिखा है, उसमें तेलंगाना हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस, एमपी, उत्तराखंड, सिक्किम, पंजाब और हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, दिल्ली हाईकोर्ट्स के पूर्व जज शामिल हैं। इसके साथ ही पूर्व विदेश सचिव, यूपी के पूर्व डीजीपी, पूर्व रॉ प्रमुख, केंद्र सरकार के पूर्व सचिव, सीवीसी के पूर्व सचिव, पंजाब, यूपी, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव शामिल हैं। इसके अलावा कई और पूर्व आईएएस और पूर्व आईपीएस शामिल हैं।

ममता के बाद अब केजरीवाल ने भी दी सलाह

तमिलनाडु सरकार के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि स्टालिन मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एमके स्टालिन के बेटे हैं। इसलिए उनके विवादित बयान पर विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेता भी संभल कर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी उन्हें सलाह दी है। केजरीवाल ने कहा कि मैं भी सनातन धर्म से हूं। इसके बाद उन्होंने उदयनिधि का नाम न लेते हुए कहा कि दूसरे धर्मों की इज्जत की जानी चाहिए। वहीं, राजद और कांग्रेस में इस मामले को लेकर दो स्वर सुनाई दे रहे हैं।

क्या कहा था उदयनिधि ने ?

तमिलनाडु सरकार में कैबिनेट मंत्री उदयनिधि स्टालिन 2 सितंबर को राजधानी चेन्नई में आयोजित एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि सनातम नाम संस्कृत का है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मलेरिया, मच्छर या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है। अपने इस विवादित बयान पर चौतरफा घिरने के बावजूद उन्होंने इसे वापस लेने से इनकार कर दिया है। उदयनिधि ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और किसी भी कानूनी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

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