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Udhayanidhi Stalin: सनातन धर्म के खिलाफ स्टालिन के बेटे के बिगड़े बोल से BJP को मिला बड़ा हथियार, INDIA गठबंधन बैकफुट पर
Udhayanidhi Stalin: द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन के बयान ने देश में सियासी भूचाल पैदा कर दिया है। भाजपा ने इस बयान को लेकर स्टालिन ही नहीं बल्कि विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के खिलाफ चौतरफा मोर्चा खोल दिया है।
Udhayanidhi Stalin: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म के खिलाफ बिगड़े बोल से भाजपा को बड़ा हथियार मिल गया है। भाजपा अब इस सियासी पिच पर धुआंधार बैटिंग करने में जुट गई है। इस सियासी पिच पर भाजपा के खिलाफ खेलने में विपक्ष के नेताओं को घबराहट महसूस होती है। द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन के बयान ने देश में सियासी भूचाल पैदा कर दिया है। भाजपा ने इस बयान को लेकर स्टालिन ही नहीं बल्कि विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के खिलाफ चौतरफा मोर्चा खोल दिया है।
भाजपा के तीखे हमले के बाद इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेता बैकफुट पर दिख रहे हैं। गठबंधन में शामिल मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने उदयनिधि स्टालिन के इस बयान से पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस नेताओं ने सभी धर्म का सम्मान करने की बात कही है। इंडिया गठबंधन में शामिल दो और प्रमुख दलों आम आदमी पार्टी और जदयू में भी इसे दरमुख नेता का निजी बयान बताते हुए इससे किनारा कर लिया है। दूसरी और भाजपा इस मुद्दे को लगातार गरमाने की कोशिश में जुटी हुई है।
स्टालिन के बेटे के इस बयान पर पैदा हुआ विवाद
देश में 2024 में होने वाली सबसे बड़ी सियासी जंग से पहले भाजपा और इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों के बीच जोरदार जोर आजमाइश का दौर चल रहा है। ऐसे में द्रमक नेता उदयनिधि स्टालिन के बयान पर सियासत गरमा गई है। उदयनिधि ने कहा है कि सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया और कोरोना की तरह है और इसे खत्म कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। इसका सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसे समाप्त कर दिया जाना चाहिए। डेंगू, मलेरिया और कोरोना की तरह हमें सनातन धर्म को भी मिटाना है। इस बयान को लेकर उदयनिधि के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई है।
बयान के बाद उदयनिधि ने पेश की सफाई
बयान पर भाजपा के तीखे हमले के बाद उदयनिधि ने सफाई भी पेश की है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने बयान में कहीं भी नरसंहार का जिक्र नहीं किया है। सिर्फ सनातन धर्म की आलोचना की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वे कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे कांग्रेसियों की हत्या की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने बयान पर कायम हैं और सनातन धर्म को खत्म करने की बात आगे भी करते रहेंगे।
द्रमुक नेता के बयान पर भाजपा हमलावर
द्रमुक नेता का यह बयान इंडिया गठबंधन के लिए बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। भाजपा ने इस बयान को लेकर इंडिया गठबंधन के खिलाफ चौतरफा मोर्चा खोल दिया है। इस बयान के सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वास सीमा, तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के अन्नामलाई, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के अन्य दिग्गज नेताओं की फौज सियासी अखाड़े में कूद पड़ी और द्रमुक व कांग्रेस के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया।
सनातन धर्म का अपमान करने का बड़ा आरोप
इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि इन लोगों ने वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए सनातन धर्म को समाप्त करने की बात की है। हमारी संस्कृति, हमारे इतिहास और सनातन धर्म का अपमान किया है। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सवाल किया कि क्या उदयनिधि का बयान इंडिया गठबंधन की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है? जहां एक तरफ हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में लगे हैं, वहीं यह घमंडिया गठबंधन हमारी संस्कृति, धर्म, और संस्कारों पर हमला करने का प्रयास कर रहा है।
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि स्टालिन के बयान से मोहब्बत की दुकान का असली किरदार सबके सामने उजागर हो गया है। भाजपा के अन्य नेताओं ने भी इस बयान को लेकर तीखा हमला बोला है।
कांग्रेस ने स्टालिन के बयान से झाड़ा पल्ला
स्टालिन के इस बयान के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में भी खलबली मची हुई है। एकजुटता का संदेश देने की विपक्षी नेताओं की कवायद फेल साबित होती दिख रही है। इंडिया गठबंधन में शामिल प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने इस बयान से पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने उदयनिधि के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह देश सभी धर्मों के सम्मान के लिए जाना जाता है। हमारे देश का संविधान धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि यहां विभिन्न धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। हालांकि उन्होंने धर्म का राजनीतिकरण करने के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताया।
महाराष्ट्र के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि विभिन्न धर्मो के मामले में कांग्रेस का रुख पहले से ही पूरी तरह स्पष्ट है। हम किसी भी धर्म पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते और किसी भी धर्म से जुड़े लोगों की भावनाओं को कोई ठेस नहीं पहुंचाना चाहते।
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि एक हजार साल से धनातन धर्म को मिटाने की कोशिश हो रही है मगर आज तक इस काम में किसी को कामयाबी नहीं मिली।
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि सनातन धर्म एक स्थापित जीवन शैली है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने उदयनिधि की टिप्पणी को उनका निजी बयान बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया में बहुत सारे धर्म हैं और किसी भी धर्म के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।
आप और जदयू को भी बयान पर आपत्ति
इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य प्रमुख दल आम आदमी पार्टी ने भी उदयनिधि स्टालिन के बयान से पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा कि भारत में अलग-अलग धर्म, जातियां और भाषाएं हैं। हमारी सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि इसके बावजूद हम सभी मिलजुल कर एक साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हर धर्म का सम्मान किया जाना चाहिए और किसी को भी दूसरे धर्म के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
जदयू नेता नीरज कुमार ने भी स्टालिन के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि सभी धर्म के लोगों का सम्मान किया जाना चाहिए और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।
भाजपा को मिला हमले का बड़ा हथियार
सियासी जानकारी का मानना है कि स्टालिन के बयान ने एक नया विवाद पैदा कर दिया है जिससे इंडिया गठबंधन की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेता इस बयान से दूरी बनाकर चलते हुए दिख रहे हैं क्योंकि भाजपा इसका सियासी फायदा उठाने की कोशिश में जुट गई है।
कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा को एक बड़ा हथियार मिल गया है और भाजपा अपनी चुनावी सभाओं के जरिए इस मुद्दे को आने वाले दिनों में और गरमा सकती है।
गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी शुरुआत कर दी है। आने वाले दिनों में चुनावी माहौल और गरमाएगा और इसके साथ ही इस मुद्दे पर भाजपा और तीखा रुख अख्तियार कर सकती है।