×

Budget 2023 Income Tax: जानिए क्या है नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था में अंतर

Budget 2023 Income Tax: बजट भाषण में वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था का जिक्र किया। क्या है ये नई व्यवस्था और क्या थी पुरानी व्यवस्था, जानते हैं इसके बारे में।

Neel Mani Lal
Published on: 1 Feb 2023 10:57 AM GMT (Updated on: 1 Feb 2023 11:43 AM GMT)
Budget 2023
X

Budget 2023 (Social Media)

Budget 2023 Income Tax: वर्ष 2023 के आम बजट में इनकम टैक्स देने वालों के लिए बहुत बड़ी राहत की घोषणा की गयी है। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था का जिक्र किया। क्या है ये नई व्यवस्था और क्या थी पुरानी व्यवस्था, जानते हैं इसके बारे में।

टैक्स स्लैब

नई कर व्यवस्था केवल व्यक्तियों (इंडिविजुअल) और एचयूएफ (हिन्दू अनडिवाइडेड फॅमिली) के लिए उपलब्ध है और वैकल्पिक है। नई कर व्यवस्था में इनकम टैक्स स्लैब 5 फीसदी, 10 फीसदी, 15 फीसदी, 20 फीसदी और 25 फीसदी है। अगर कोई करदाता कम टैक्सआ स्लैब दरों का लाभ उठाना चाहता है तो उसे विभिन्न कर कटौती और छूटों को छोड़ना होगा।

ये भी पढ़ें - Budget 2023: वेतनभोगी वर्ग को खुश करने की कोशिश

वेतन भोगी वर्ग

वेतनभोगी वर्ग यदि नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनता है तो वे उनको स्टैं डर्ड डिडक्श न, मकान किराया भत्ता, अवकाश यात्रा सहायता (एलटीसी) आदि का लाभ नहीं उठा पाएंगे। यदि आप नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं तो रिटायर वरिष्ठ नागरिक पूर्व नियोक्ता से पेंशन के संबंध में मानक कटौती के साथ-साथ डाकघर और बैंकों से ब्याज के संबंध में कटौती का दावा नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा चैप्टेर 6ए के तहत विभिन्न कटौती जैसे धारा 80 सी (ईपीएफ, एलआईपी, स्कूल शुल्क, पीपीएफ, एनएससी, ईएलएसएस, होम लोन रीपेमेंट आदि जैसी विभिन्न मदों से मिलकर), 80 सीसीडी (1) और 80 सीसीडी (1 बी) और 80डी (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम) आदि भी करदाताओं को उपलब्ध नहीं होंगे।


होम लोन

यदि करदाता ने मकान खरीदने या मकान की मरम्मत के लिए लोन लिया है और उस प्रॉपर्टी से कोई किराया प्राप्त नहीं होता है, तो भुगतान किए गए ब्याज के लिए कटौती का लाभ छोड़ना होगा जो कि हर साल 2 लाख रुपये तक उपलब्ध है।

नई कर योजना का उदहारण

यदि किसी ने होम लोन लेकर एक मकान खरीदा है तो ब्याज और मूलधन के पुनर्भुगतान के लिए होम लोन के लाभों का एक साथ 3.50 लाख रुपये क्लेम नहीं सकते। इसके अलावा नई योजना में 50,000 रुपये के स्टैंएडर्ड डिडक्श न के दावे को भी छोड़ना होगा। नई व्यवस्था का विकल्प चुनने पर 5 लाख से 10 लाख के बीच आय वाले 20 फीसदी टैक्स स्लैब में हैं। उनको 4,00,000 रुपये पर 80,000 रुपये टैक्स लगेगा। जो लोग 30 फीसदी टैक्स स्लैब में हैं, उनके लिए टैक्सं 1.20 लाख रुपये होगा। यानी मौजूदा योजना उस व्यक्ति के लिए बेहतर है जो सामान्य रूप से सभी मूल कटौती का लाभ उठाता है। इसके अलावा एनपीएस के संबंध में उपलब्ध विशेष लाभ को शामिल कर सकते हैं, जिसमें धारा 80 सीसीडी(1बी) के तहत 50,000 रुपये का लाभ उपलब्ध है।

एक और उदहारण

यदि किसी की आय 7 लाख रुपये तक है तो नई व्यवस्था के विकल्प में 32,500 रुपये का कर देना होगा। हालांकि अगर वह धारा 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये और एनपीएस के लिए धारा 80 सीसीडी(1बी) के तहत 50,000 की कटौती का दावा करने और अपनी कुल आय को 5 लाख से कम करने में सक्षम हैं तो धारा 87ए के तहत 12,500 रुपये टैक्सभ भरना होगा। इस तरह दो लाख रुपये का निवेश करके कोई भी व्यक्ति 32,500 रुपये का टैक्स बचाने में सक्षम होगा और वह भी पुरानी व्यवस्था में रहकर।

कैसे स्विच करें

जिन लोगों के पास व्यवसायिक आय नहीं है, उन्हें अपना आईटीआर दाखिल करते समय विकल्प का प्रयोग करना होगा। कोई भी व्यक्ति आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख तक हर साल पुरानी योजना या नई योजना में रहने का विकल्प चुन सकता है। जिनके पास व्यावसायिक आय है उन्हें आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख से पहले विकल्प का प्रयोग करना होगा और वे सिर्फ एक बार नई कर व्यवस्था से बाहर आने का विकल्प चुन सकते हैं और फिर से नई कर व्यवस्था का विकल्प नहीं चुन सकते।

Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

Next Story