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Budget 2023: चुनावी चाशनी में डूबा है मोदी सरकार का बजट, घोषणाओं में मिशन 2024 की दिखी झलक

Budget 2023-24: बजट में की गई बड़ी घोषणाओं से साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है। इसी कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आज पेश किए गए बजट को चुनावी चाशनी में डूबा हुआ बजट माना जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Published on: 1 Feb 2023 5:49 PM IST (Updated on: 1 Feb 2023 5:56 PM IST)
Budget 2023
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Budget 2023 (Social Media)

Budget 2023-24: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट में मिशन 2024 की स्पष्ट झलक दिखी है। बजट में की गई बड़ी घोषणाओं से साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है। इसी कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आज पेश किए गए बजट को चुनावी चाशनी में डूबा हुआ बजट माना जा रहा है। इस बजट में किसानों, महिलाओं, युवाओं,वरिष्ठ नागरिकों, मध्यम वर्ग,आदिवासियों और देश के गरीब तबके को साधने की पूरी कोशिश की गई है।

गरीब और मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करेगा बजट - पीएम मोदी

मोदी सरकार के मिशन 2024 को इस बात से समझा जा सकता है कि आठ साल बाद इनकम टैक्स की स्लैब में बदलाव किया गया है। सियासी जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार के आखिरी पूर्ण बजट में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ ऐलान जरूर किया गया है। इसके साथ ही विकास की रफ्तार को बनाए रखने की कोशिश भी की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि यह बजट देश के किसानों, गरीबों और मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करने वाला है। इसके जरिए विकसित भारत का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी।निश्चित रूप से बजट में की गई घोषणाओं के जरिए मोदी सरकार ने अपनी चुनावी संभावनाओं को और मजबूत बनाने की कोशिश की है।

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आठ साल बाद इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव

वित्त मंत्री की ओर से आज पेश किए गए बजट में इनकम टैक्स का नया स्लैब पेश किया गया है। आखिरी बार 2014-15 में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था। इस तरह सरकार की ओर से आठ साल बाद इस दिशा में कदम उठाया गया है। पिछले कई वर्षों से इस बाबत मांग उठ रही थी मगर मोदी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। अब सरकार ने टैक्स धारकों को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि अब सात लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। अभी तक पांच लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता था, लेकिन अब मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए इस कैप को बढ़ाकर सात लाख रुपए कर दिया है। सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम को मध्यम वर्ग को साधने की बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

मुफ्त राशन स्कीम रहेगी जारी

कोरोना महामारी के दौरान सरकार की ओर से देश के 80 करोड़ लोगों को 28 महीने तक मुफ्त राशन मुहैया कराया गया। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान इसका प्रमुखता से उल्लेख किया। अब सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए मुफ्त राशन की इस स्कीम को 1 जनवरी, 2024 तक बढ़ा दिया है। पिछले साल उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी कामयाबी के पीछे इस स्कीम को भी बड़ा कारण माना गया था। इस स्कीम को एक साल तक बढ़ाने का कदम भी सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि आगे चलकर इस अवधि को और भी बढ़ाया जा सकता है।

किसानों पर भी सरकार की निगाहें

वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी 65 फीसदी से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और लगभग 45 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। इसलिए कृषि क्षेत्र पर हमारा पूरा फोकस बना हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड के जरिए एग्रो स्टार्टअप को मदद दी जाएगी। इसके जरिए किसानों को आने वाली चुनौतियों का सामना करने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। डेयरी, मत्स्य पालन आदि में मदद के लिए भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए सहकारी समितियों का गठन होगा।

वित्त मंत्री ने कृषि से जुड़े स्टार्टअप को प्राथमिकता देने की घोषणा की। मिलेट्स को श्री अन्न के नाम से संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोटे अनाज पैदा करने के लिए सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। वित्त मंत्री ने हस्तशिल्प और अन्य वस्तुओं के निर्माण का काम करने वाले सीमांत श्रमिकों को फायदा पहुंचाने के लिए एक नई पीएम विकास योजना शुरू करने की भी घोषणा की।

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महिलाओं के लिए विशेष बचत योजना

देश के किसी भी चुनाव में महिलाओं की भूमिका काफी अहम होती है और इस बजट में महिलाओं को भी साधने का पूरा प्रयास किया गया है। बजट में महिलाओं के लिए खास योजना का ऐलान किया गया है जिसे महिला सम्मान बचत योजना नाम दिया गया है। 'महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र' नामक इस योजना में दो साल के लिए 7.5 प्रतिशत की निश्चित दर से जमा राशि पर ब्याज देने की घोषणा की गई है। इस योजना के तहत किसी भी महिला या बालिका के नाम पर पैसा जमा किया जा सकता है। इस योजना के तहत अधिकतम जमा राशि दो लाख रुपये रखी गई है और योजना में आंशिक निकासी की सुविधा भी होगी। माना जा रहा है कि इस योजना के तहत महिलाओं को बड़ा फायदा होने वाला है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी बड़ा ऐलान

महिलाओं के साथ ही सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों का भी ख्याल रखा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की अधिकतम जमा राशि को बढ़ाकर तीस लाख रुपए करने की घोषणा की है। इसके साथ ही पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम को सिंगल अकाउंट के लिए नौ लाख रुपए और ज्वाइंट अकाउंट के लिए 15 लाख रुपए कर दिया गया है। हालांकि ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों को छूट बहाल करने की घोषणा नहीं की गई है मगर जानकारों का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस दिशा में भी कदम उठाया जा सकता है।

पूरा होगा गरीबों के घर का सपना

बजट भाषण का एक उल्लेखनीय पहलू गरीबों के लिए अपने घर के सपने को पूरा करने का रहा है। गरीबों के अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए पीएम आवास योजना के बजट में बड़ा इजाफा करने की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान बताया कि पीएम आवास योजना के लिए बजट आवंटन को 66 फीसदी बढ़ाकर 79 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से राज्यों और शहरों को शहरी नियोजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

आदिवासी समुदाय पर भी सरकार मेहरबान

देश में आदिवासी समुदाय की बड़ी संख्या को देखते हुए सरकार इस वर्ग पर भी मेहरबान दिखी है। मोदी सरकार की ओर से आदिवासी समुदाय के लिए 15,000 करोड़ रुपए की नई योजना शुरू करने की घोषणा की गई है। सरकार का कहना है कि कमजोर आदिवासी समूहों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा इसके लिए बजट में पीएम-पीवीटीजी विकास मिशन शुरू करने की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस मिशन के तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को कई सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इस मिशन के तहत स्थायी आजीविका, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सड़क और दूरसंचार संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी है। इसके साथ ही देश के 740 एकलव्य स्कूलों में अगले तीन वर्षों के दौरान 38000 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। एकलव्य स्कूलों में देश के करीब साढ़े तीन लाख आदिवासी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।

रेल सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी

देश में हर वर्ग से जुड़े हुए लोग ट्रेनों में सफर करते हैं। ऐसे में रेल सुविधाओं में बढ़ोतरी पर भी सरकार की ओर से विशेष ध्यान दिया गया है। आम बजट में भारतीय रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई है। रेलवे के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा ऐलान है। यदि 2013-14 के रेल बजट से तुलना की जाए तो रेलवे के बजट में 9 गुना बढ़ोतरी की गई है। सरकार की ओर से रेलवे के लिए इस बड़े बजट आवंटन के बाद माना जा रहा है कि आने वाले समय में यात्री टिकट और माल भाड़े में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि यात्रियों की बढ़ती उम्मीदों के साथ राजधानी, शताब्दी, दूरंतो, हमसफर और तेजस जैसी प्रमुख ट्रेनों के एक हजार से अधिक कोचों के नवीनीकरण की तैयारी है। ट्रेनों की बोगियों को अत्याधुनिक बड़ा बनाकर यात्री सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इसके साथ ही कई नए रुट्स पर वंदे भारत ट्रेन चलाने की भी तैयारी है। इससे यात्रियों का सफर और आसान हो जाएगा।

शहरी विकास की बड़ी योजना

मोदी सरकार की ओर से बजट में शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड का ऐलान भी किया गया है। इसके तहत टियर 2 और टियर 3 शहरों के विकास पर दस हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों को भी वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन दिए जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अर्बन इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट फंड बनाया जाएगा और इसका मैनेजमेंट नेशनल हाउसिंग बैंक देखेगा। इसके जरिए देश के विभिन्न शहरों के विकास में मदद मिलेगी।

बजट के जरिए चुनावों पर निगाहें

बजट पेश किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बजट में गांव,गरीब और किसानों का पूरा ध्यान रखा गया है। इसके साथ ही सरकार ने मध्यमवर्ग, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों का भी ख्याल रखा है। उन्होंने कहा कि अमृत काल के इस पहले बजट के जरिए विकसित भारत का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आज बजट में की गई घोषणाओं को इस साल नौ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आने वाले दिनों में भाजपा को नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव की महत्वपूर्ण सियासी जंग लड़नी है। इसे सत्ता का सेमीफाइनल मुकाबला माना जा रहा है। उसके बाद अगले साल फाइनल मुकाबले में 2024 की बड़ी सियासी जंग होगी। ऐसे में मोदी सरकर के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट भाजपा की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।



Durgesh Sharma

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