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उन्नाव रेप केस: स्पेशल कोर्ट में शुरु हुई सुनवाई, जानें क्या हैं आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट से एम्स के ट्रामा सेंटर में एक अस्थायी कोर्ट के बनाने की अनुमति मिल गई है। जिसके बाद आज से उन्नाव रेप केस की पीड़िता के बंद कमरे में बयान दर्ज किए जाएंगें।

Shreya
Published on: 14 April 2023 11:59 PM IST
उन्नाव रेप केस: स्पेशल कोर्ट में शुरु हुई सुनवाई, जानें क्या हैं आदेश
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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट से एम्स के ट्रामा सेंटर में एक अस्थायी कोर्ट के बनाने की अनुमति मिल गई है। जिसके बाद आज से उन्नाव रेप केस की पीड़िता के बंद कमरे में बयान दर्ज किए जाएंगें। बता दें कि उन्नाव रेप केस में बीजेपी से निष्कासित किए जा चुके विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पीड़िता से रेप के आरोप हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से एम्स के ट्रामा सेंटर में अस्थायी कोर्ट बनाने की इजाजत 6 सितंबर को मिली थी। पीड़िता रायबरेली में हुए सड़क दुर्घटना के बाद से ही वहां भर्ती है। इस केस की सुनवाई कर रहे जिला न्यायाधीश धर्मेंद्र शर्मा ने 7 सितंबर को एम्स के जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रामा सेंटर में अस्थायी अदालत बनाने के निर्देश दिए थे। जिस कमरे में पीड़िता के बयान दर्ज किए जाएंगे उस कमरे में अन्य लोग और मीडिया के जाने की अनुमति नहीं है।

सीसीटीवी बंद रखने के निर्देश-

बता दें कि पिछली सुनवाई में अदालत ने निर्देश दिए हैं कि सुनवाई में ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं होगी। वहीं चिकित्सा अधीक्षक से आग्रह किया है कि सुनवाई के दौरान ये सुनिश्चित करें कि सेमिनार हॉल के सीसीटीवी कैमरे बंद हों। इसमें अधिकारियों से कहा गया है कि सुनिश्चित करें कि महिला और आरोपी आमने-सामने ना हों।

अदालत ने कहा है कि पीड़िता के बयानों की रिकॉर्डिंग 11 सितंबर से सुबह सवा दस बजे से शुरु होगी। साथ ही कहा है कि जब तक गवाही पूरी नहीं होती तब तक रोजाना ये कार्यवाही जारी रहेगी।

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सुनवाई के दौरान मौजूद रहेगी अनुभवी नर्सिंग-

निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप हैं कि सेंगर ने सह-आरोपी शशि सिहं के साथ मिलकर पीड़िता का अपहरण किया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता नाबालिग थी। अदालत ने एम्स के चिकित्सा अधीक्षक को ये निर्देश दिए हैं कि पूरी कार्यवाई के दौरान एक अनुभवी नर्सिंग को तैनात किया जाए। जो कि सुनवाई के दौरान सेमिनार हॉल में मौजूद रहेगी और जो पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टरों के संपर्क में रहेगी और उन्हें पीड़िता के चिकित्सीय हालत के बारे में जानकारी देती रहेगी।

स्ट्रेचर पर हॉल में पेश होगी पीड़िता-

आदेश के अनुसार पीड़िता को सुनवाई के दौरान सेमिनार हॉल में स्ट्रेचर पर लाया जाएगा और हॉल में चबूतरे के दाहिनी ओर रखा जाएगा ताकि पीड़िता केवल अदालत को देख सकें न कि दोनों पक्षों के वकीलों को। कार्यवाही बंदज कमरे में होगी और सेमिनार हॉल में अदालत के अनुमति के बिना प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।

उचित सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंध करने के निर्दश-

अदालत ने तिहाड़ जेल के जेल निर्देशक को निर्देश दिए हैं कि आरोपियों को सुनवाई स्थल पर लाने के लिए विशेष व्यवस्था की जाए। साथ ही सीबीआई को निर्देश दिए हैं कि सेमिनार हॉल की लॉबी में उचित सुरक्षा इंतजाम किए जाएं। अदालत ने निर्देश दिया है कि कम्प्यूटर शाखा के टेक्नीशियन को पीड़िता की गवाही पूरी होने तक अदालत में तैनात किए जाए।

साथ ही दोनों पक्षों के वकीलों को वकील के परिधान में न रहने की अनुमति मिली है। शिकायतकर्ता के वकील को आदेश दिया गया है कि अदालत में उनके साथ एक से ज्यादा सहायक न हों। जबकि बचाव पक्ष के वकील के पास दे से ज्यादा सहयोगी न हों।

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