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UPSC Topper: फौजी पिता को रोल मॉडल मानती हैं UPSC टॉपर इशिता, IAS बनने का था सपना
UPSC Topper Ishita Kishore: यूपीएससी सीएससीई परीक्षा 2022 में इशिता किशोर ने टॉप किया। इशिता किशोर तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की। उन्होनें स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से की।
UPSC Topper Ishita Kishore: संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पहले स्थान पर रहीं इशिता किशोर हमेशा से टॉपर रही हैं। यूपीएससी सीएससीई परीक्षा 2022 में इशिता किशोर ने टॉप किया। इशिता किशोर तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की। उन्होनें स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से की। इशिता ने बचपन में ही सोच लिया था कि वो आईएएस बनेंगी। इशिता, उत्तर प्रदेश (UP) के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) की रहने वाली हैं। उन्हें मधुबनी पेंटिंग करने का शौक है।
तीसरे प्रयास में हासिल किया मुकाम
इशिता किशोर के पिता भारतीय वायूसेना में अधिकारी हैं और वह अपनी फैमिली के साथ नोएडा में रहती है। इशिता ने 12वीं की पढ़ाई साल 2014 में बाल भारती से की। इसके बाद श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स से वर्ष 2017 में इकोनॉमिक्स ऑनर्स से स्नातक किया। यूपीएससी एग्जाम में ये उनका तीसरा प्रयास था। इशिता का स्नातक में वैकल्पिक विषय पॉलिटिकल सांइस और इंटरनेशनल रिलेशन्स था। इसके बाद उन्होंने एक एमएनसी (कंपनी) में बतौर रिस्क एडवाइजर की नौकरी की। लेकिन, आईएएस बनने का सपना उन्हें सिविल सेवा परीक्षा की ओर ले आया और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।
पिता को देखकर निर्धारित किया लक्ष्य
इशिता आज यानी 23 मई को रिजल्ट का इंतजार कर रही थीं, लेकिन उन्हें ये उम्मीद नहीं था कि वो देश में पहला स्थान हासिल करेंगी। जैसे ही रिजल्ट जारी हुआ उनके नाम का चारों तरफ ढंका बज गया। उन्होंने अपनी मां को टॉप करने की बात बताई तो वो भी खुशी से झूम उठी। इशिता के मुताबिक मैंने अपने पिता को हमेशा देश सेवा में तत्पर देखा है, इसलिए बचपन में ठान लिया था कि मैं भी बड़ी होकर देश हित में ही कोई ऐसा नौकरी करूंगी जिससे उनकी तरह देश सेवा कर सकूं।
गाजीपुर की काजल बनी आईएएस
यूपीएससी की परीक्षा में गाजीपुर के देवकली ब्लाक की काजल ने प्रथम प्रयास मे आईएएस बन कर जनपद का नाम रोशन किया। काजल ने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई जेएनयू से की है। जबकि ग्रेजुएशन दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरा किया। उन्होनें पहली प्रयास में यह सफलता 23 वर्ष की उम्र में प्राप्त की। इनके पिता अनिल कुमार एडिशनल फूड कमीश्नर के पद पर लखनऊ में कार्यरत हैं।