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श्रीलंका में और हमलों को लेकर अमेरिका ने किया आगाह
श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के अनुसार ईस्टर हमले में मारे गए 42 विदेशी नागरिकों में एक व्यक्ति के पास अमेरिकी नागरिकता थी और दो लोगों के पास अमेरिका तथा ब्रिटेन की नागरिकता थी।
कोलंबो: अमेरिका ने आगाह किया है कि श्रीलंका में आतंकवादी खतरा अब भी बना हुआ है क्योंकि ईस्टर पर आत्मघाती हमले करने वाले संगठन के सदस्य अब भी बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं।
अमेरिकी दूतावास ने यहां कहा कि श्रीलंकाई सरकार के अनुरोध पर अमेरिका के सुरक्षा विशेषज्ञ हाल के हमलों के संबंध में विशिष्ट उद्देश्यों को पूरा करने और दोषियों को सजा दिलाने पर अपने श्रीलंकाई साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
कोलंबो में अमेरिकी दूतावास की प्रवक्ता नैंसी वानहोर्न ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि ईस्टर पर आतंकवादी हमले करने वाले समूह के सदस्य अब भी बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं।
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प्रवक्ता ने कोलंबो गजट से कहा, ‘‘जैसा कि अमेरिकी राजदूत एलेना टेप्लिट्ज ने पहले कहा और जैसा कि हमारे यात्रा परामर्श से पता चलता है कि आतंकवादी खतरा अब भी बना हुआ है।’’
श्रीलंकाई अधिकारियों ने कहा कि उनका मानना है कि इस हमले के पीछे स्थानीय आतंकवादी इस्लामिक समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) का हाथ है। हालांकि, एनटीजे ने हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है। इन हमलों में 253 लोगों की मौत हो गई और करीब 500 लोग घायल हो गए।
इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन ने मंगलवार को कहा था कि उसने हमले किए और उसने हमलावरों का वीडियो जारी किया था।राजदूत टेप्लिट्ज ने कहा कि हमले कुछ लोगों का काम है ना कि पूरे समुदाय का। श्रीलंका में सभी पृष्ठभूमियों और धर्मों के लोगों ने एक साथ मिलकर इन हमलों की निंदा की है। एकता आतंकवाद का सबसे मुंहतोड़ जवाब है।
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श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के अनुसार ईस्टर हमले में मारे गए 42 विदेशी नागरिकों में एक व्यक्ति के पास अमेरिकी नागरिकता थी और दो लोगों के पास अमेरिका तथा ब्रिटेन की नागरिकता थी।
(भाषा)