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भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी-यूज्ड कारों में बूम

seema
Published on: 19 May 2023 6:24 PM IST (Updated on: 19 May 2023 6:02 PM IST)
भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी-यूज्ड कारों में बूम
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मुम्बई : जहां एक तरह भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी है वहीं यूज्ड या सेकेंड हैंड कार मार्केट में बूम आया हुआ है। यूज्ड कारों में तेजी दरअसल छोटे शहरों और कस्बों में आई है। वजह है कि बड़े शहरों में उपभोक्ताओं की पसंद बदल रही है और प्रदूषण समेत कई मामलों में सख्त नियम-कानून के कारण लोग पुरानी कारें बेच कर नई गाडिय़ां खरीद रहे हैं। सो बड़े शहरों में यूज्ड कारों की मार्केट ठंडी है।

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यूज्ड कारों की बिक्री की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष में जहां ४० लाख गाडिय़ां बिकी थीं वहीं इस वित्त वर्ष में ४४ लाख गाडिय़ों की बिक्री होने का अनुमान है। ये संख्या २०२३ तक ६६ लाख तक हो जाने का अनुमान है।

यूज्ड कारों के बिजनेस में लगी बड़ी कंपनियों का कहना है कि महानगरों में लोग अपनी गाडिय़ां जल्दी जल्दी बदलते हैं। इसके अलावा जब सरकार का आदेश आ जायेगा कि दिल्ली-एनसीआर में १५ साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल कारें व १० साल से ज्यादा पुरानी डीजल गाडिय़ां चलने की अनुमति नहीं दी जायेगी तो ये वाहन ठीकठाक करा कर अंतत: छोटे शहरों ही बिकेंगे।

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नई कारों के मुकाबले २०१२ में यूज्ड कारों का बाजार ०.८ फीसदी था जो मार्च २०१९ तक बढ़ कर १.२ गुना बढ़ गया।

ऑटो सेक्टर में मांग तेजी से घट रही है। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (सियाम) के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री ३२ फीसदी घटी है। सियाम ने सवारी वाहनों की बिक्री का डेटा १९९७-९८ से जुटाना शुरू किया था तबसे अब तक लगातार दसवीं बार मासिक बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है।

कार मार्केट में छह से आठ साल पुरानी कारों का हिस्सा वित्तीय वर्ष २०१७ में शून्य था जो २०१९ में २८ फीसदी तक जा पहुंचा।

यूज्ड कारों के ५० फीसदी खरीदार २५ से ३४ वर्ष आयु वर्ग के हैं।

यूज्ड कारों को फाइनेंस करने का हिस्सा पिछले तीन वर्षों में १० फीसदी से बढ़ कर १७ फीसदी हो गया है।

ऐसे लोग जो पुरानी गाड़ी बेच कर फिर पुरानी गाड़ी खरीदते हैं उनका हिस्सा २०१६ से २०१९ तक दोगुना हो गया है।

यूज्ड कारों का बाजार आज नई कार बाजार के मुकाबले १.३ गुना बड़ा है और वर्ष २०२३ तक इसके २५ बिलियन डॉलर के हो जाने की संभावना है।

किसी सेक्टर में मंदी दूसरे सेक्टर में किस तरह तेजी लाती है उसका बढिय़ा उदाहरण यूज्ड कार सेक्टर का है। जब लोगों के पास सरप्लस पैसे की तंगी रहती है तो पैसा बचाने की जुगत की जाती है। ऐसे में लोग डिस्काउंट, ऑफर या अन्य विकल्प तलाशने लगते हैं। ऐसे लोग जो पुरानी कार के बारे पहले नहीं सोचते हैं उनकी रुचि इसमें हो जाती है। ओएलएक्स के एक अध्ययन के अनुसार यूज्ड कारों के युवा खरीदारों की पहली पसंद सीडान और हैचबैक होती हैं। ये खरीदार इंट्री लेवल की छोटी कार की जगह यूज्ड बड़ी कार खरीदना चाहते हैं।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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