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चमोली में जल प्रलय: 15 और शव बरामद, UP के 64 लोग लापता
5 शव 520 मेगावाट की एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड सुरंग से मिले हैं। इसके अलावा 7 शव रैणी गांव से और 1 शव रूद्रप्रयाग जिले से मिला है। इसके साथ बरामद किए गए शवों की संख्या अब बढ़कर 51 हो गई है।
चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में सात फरवरी को ग्लेशियर फटने से हुई भीषण तबाही के बाद सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है। इस त्रासदी के बाद अबतक 53 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव अभियान के आठवें दिन यानी रविवार को 15 और शव मिले हैं।
रविवार को 15 और शव मिले
रविवार को बरामद शव में से 5 शव 520 मेगावाट की एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड सुरंग से मिले हैं। इसके अलावा 7 शव रैणी गांव से और 1 शव रूद्रप्रयाग जिले से मिला है। इसके साथ बरामद किए गए शवों की संख्या अब बढ़कर 51 हो गई है। बता दें कि इस आपदा के एक सप्ताह बाद भी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 64 लोग लापता है।
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यूपी के लखीमपुर खीरी से सबसे ज्यादा लोग लापता
राहत आयुक्त संजय गोयल के मुताबिक घटना में लापता हुए कुल 92 लोगों में से 64 के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। लखीमपुर खीरी में सबसे ज्यादा 30 लोग लापता हैं, उसके बाद सहारनपुर के 10 और श्रावस्ती के पांच लोगों के लापता होने की जानकारी मिल रही है। उन्होंने बताया कि लखमीनपुर खीरी के लापता लोगों में से 23 की जानकारी मिल गई है। अब उन्हें वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है।
टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने का अभियान जारी
तपोवन टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए पिछले एक सप्ताह से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रविवार को दो शव टनल से निकाले गए। उत्तराखंड पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी का संयुक्त बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है। वहीं एनडीआरएफ अब कैमरे के जरिये टनल के भीतर लोगों को तलाश करने की कोशिश कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि लापता और मृत मजदूरों में से अधिकांश एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगाड पनबिजली परियोजना और निजी स्वामित्व वाली ऋषिगंगा बिजली परियोजना में काम कर रहे थे।
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