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Uttarakhand UCC Draft: लिव इन रिलेशन, महिला अधिकार, जेंडर इक्वालिटी...उत्तराखंड में कुछ ऐसी होगी यूनिफार्म सिविल कोड

Uttarakhand UCC Draft: जस्टिस रंजना देसाई ने बताया कि, हर मुद्दे पर कमेटी ने विचार किया। कुछ लोगों ने विरोध भी किया। मगर, अधिकांश लोगों से अच्छा रिस्पॉन्स कमेटी को मिला। उन्होंने कहा, हमारा फोकस जेंडर इक्वालिटी पर है।

Aman Kumar Singh
Published on: 30 Jun 2023 10:57 AM GMT (Updated on: 30 Jun 2023 11:05 AM GMT)
Uttarakhand UCC Draft: लिव इन रिलेशन, महिला अधिकार, जेंडर इक्वालिटी...उत्तराखंड में कुछ ऐसी होगी यूनिफार्म सिविल कोड
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Uttarakhand UCC Draft (Social Media)

Uttarakhand UCC Draft : देश के राजनीतिक गलियारों में इस वक़्त समान नागरिक संहिता (UCC) की है चर्चा है। आम आदमी पार्टी (AAP) और शिवसेना के उद्धव गुट सहित कई विपक्षी पार्टियां भी इस मसले पर केंद्र सरकार को समर्थन देने की बात कह चुकी है। इसी कड़ी में उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) सरकार ने भी कदम बढ़ाया है। याद दिला दें, 2022 में विधानसभा चुनाव में जीत के ठीक बाद ही बीजेपी नीत धामी सरकार ने राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लाने की बात कही थी।

समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर उत्तराखंड गवर्नमेंट ने 7 मई 2022 को रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (Ret. Justice Ranjana Prakash Desai) की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई। कमेटी की अध्यक्ष रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि, कमेटी ने समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जल्द ही ड्राफ्ट को मुख्यमंत्री धामी को सौंपा जाएगा। देसाई ने ये भी बताया कि ये कानून सबके लिए हितकारी होगा।

इस्लामिक और क्रिश्चियन देश के कानूनों का अध्ययन

News 18 की खबर के अनुसार, रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई वाली कमिटी ने करीब 10 देशों के कानूनों का अध्ययन किया। उनमें मुस्लिम बहुल देश (Islamic Country), क्रिश्चियन देश (UCC in Christian Country) तथा ट्राइबल अर्थात सूरीनाम (Suriname) जैसे देश शामिल हैं। कमेटी के द्वारा इन देशों के कानूनों का अध्ययन किया गया। वहां के कुछ अंशों को इस ड्राफ्ट में शामिल भी किया गया।

लिव इन रिलेशन और महिला अधिकारों पर जोर

इसके अलावा, लिव इन रिलेशनशिप (Live-in Relationship) मामलों को लेकर भी कमेटी में चर्चा हुई। इसके लिए भी कुछ क्लॉज इस ड्राफ्ट में डाले गए हैं। समान नागरिक संहिता पर आने वाले बिल में खासकर महिला अधिकारों (women's rights) पर विशेष जोर दिया गया है। इनमें शादी, तलाक, तलाक के बाद गुजारा भत्ता, संपत्ति का अधिकार और बच्चे गोद लेने जैसे मामले हैं।

ऐसे तैयार हुआ ड्राफ्ट

दरअसल, उत्तराखंड की धामी सरकार ने यूसीसी ड्राफ्ट को लेकर एक समिति गठित की थी। समिति की पहली बैठक पिछले साल यानी 4 जुलाई 2022 को हुई थी। तब से कमेटी कई बैठकें कर चुकी है। समिति ने भारत-चीन बॉर्डर स्थित गांव माणा से लेकर पूरे उत्तराखंड और दिल्ली तक में कई बैठकें की। साथ ही, लोगों से राय-मशविरा भी किया। सुझाव लिए। जस्टिस देसाई वाली कमेटी ने राजनीतिक दल, सामाजिक संस्थाओं सहित धार्मिक संगठनों के साथ बैठकें भी की। इन सभी प्रक्रियाओं के बाद कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार किया है। अब उसे सरकार को सौंप दिया जाएगा।

CM धामी- संविधान की मूल भावना के अनुरूप ही फैसला

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है, 'UCC पर भारत के संविधान की मूल भावना के अनुरूप ही फैसला लिया जायेगा। समिति इस पर काम कर रही है। सबके हित में निर्णय होगा। उत्तराखंड से इसकी शुरुआत हुई है। देवभूमि इसकी अगुवाई कर रही है। हमारी यह अपेक्षा है कि आने वाले समय में देश भर में UCC लागू हो।'

Aman Kumar Singh

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