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क्या है वैक्सीन पासपोर्ट: घूमने से पहले जान लें इसके बारे में, ऐसा होगा ये नया सिस्टम
आपको बता दें कि वैक्सीन पासपोर्ट मोबाइल ऐप की तरह होने वाला है, जिसमें इस बात की जानकारी होगी कि यूजर कोरोना पॉजिटिव है या फिर कोरोना निगेटिव है। यह ऐप विदेश यात्रा समेत सिनेमाघर, कॉन्सर्ट वेन्यू, स्टेडियम और कार्यालय में एंट्री पाने के लिए यह ऐप यूजर की मदद करेगा।
नई दिल्ली: साल 2020 एक ऐसा साल जिसे शायद ही कोई भूल पाए। जैसे तैसे यह बुरा साल खत्म होने वाला है। ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाला नया साल सभी के अच्छा रहें। ज्यादातर लोग नये साल में बाहर घूमने का प्लान करते है। ऐसे में आप भी अगर घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो आपको बताते दें कि आने वाले नए साल से वैक्सीन पासपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है। जी हां, अमेरिका के एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह जानकारी सामने आई है।
मोबाइल ऐप की तरह हो सकता है वैक्सीन पासपोर्ट
आपको बता दें कि वैक्सीन पासपोर्ट मोबाइल ऐप की तरह होने वाला है, जिसमें इस बात की जानकारी होगी कि यूजर कोरोना पॉजिटिव है या फिर कोरोना निगेटिव है। यह ऐप विदेश यात्रा समेत सिनेमाघर, कॉन्सर्ट वेन्यू, स्टेडियम और कार्यालय में एंट्री पाने के लिए यह ऐप यूजर की मदद करेगा। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि हो सकता है ये पासपोर्ट संक्रमण को रोकने में सहायता ना प्रदान करें, इसलिए हमेशा ही वायरस की दूसरी लहर की संभावना रहेगी। हालांकि, तमाम जानकारी सामने आने के बाद आपको इस वैक्सीन पासपोर्ट के बारे में कुछ और जानकारी साझा करते है, तो आइए जानते हैं इस नयाब पासपोर्ट के बारे में...
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कोरोना परीक्षण और टीकाकरण से जुड़ी जानकारी होगी
बता दें कि वैक्सीन पासपोर्ट एक तरह का डिजिटल कार्ड होगा, जिसमें कोरोना परीक्षण और टीकाकरण से जुड़ी जानकारी होगी, जब इस बारे में आपसे जानकारी मांगी जाएगी तो वे इस डिजिटल कार्ड को दिखाना होगा। इसके अलावा IBM ने भी डिजिटल हेल्थ पास नामक एक ऐप विकसित किया है। यह एप्लिकेशन कंपनियों को लोगों की एंट्री करने की उनकी आवश्यकताओं के लिए स्कैन करने की अनुमति देता है, जिसमें कोरोना वायरस परीक्षण और तापमान जांच शामिल है।
प्रमाणपत्रों की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है- WHO
WHO ने कहा, महामारी के इस बिंदु पर 'इम्युनिटी पासपोर्ट' या 'जोखिम-मुक्त प्रमाण पत्र' की सटीकता की गारंटी के लिए एंटीबॉडी-मध्यस्थता प्रतिरक्षा की प्रभावशीलता के बारे में पर्याप्त सबूत नहीं हैं। WHO ने कहा कि ऐसे प्रमाणपत्रों की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। वर्तमान में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि जो लोग कोविड-19 से उबर चुके हैं और उनके शरीर में एंटीबॉडी हैं, वे एक दूसरे संक्रमण से सुरक्षित हैं।
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