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विकास की रणनीतिः इसके चलते बना पुलिस के लिए छलावा, ये सात दिन की कहानी

2 जुलाई की रात को वह वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो गया था। पुलिस की कड़ी पहरेदारी के बावजूद विकास बॉर्डर क्रॉस करने में कामयाब रहा और हरियाणा पहुंच गया। वहां फरीदाबाद के एक होटल में रुका।

Newstrack
Published on: 9 July 2020 6:14 AM GMT
विकास की रणनीतिः इसके चलते बना पुलिस के लिए छलावा, ये सात दिन की कहानी
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उज्‍जैन: कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्‍या का सबसे बड़े आरोपी विकास को हफ्ते भर से पुलिस ढूंढ रही थी। गैंगस्‍टर विकास दुबे आखिरकार पकड़ा गया। 2 जुलाई की रात को वह वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो गया था। पुलिस की कड़ी पहरेदारी के बावजूद विकास बॉर्डर क्रॉस करने में कामयाब रहा और हरियाणा पहुंच गया। वहां फरीदाबाद के एक होटल में रुका।

उज्‍जैन के महाकाल मंदिर से किया गया अरेस्‍ट

बता दें कि पुलिस रेड डालती इससे पहले वहां से चंपत हो गया। लोकल सीसीटीवी में वह ऑटो पकड़ता नजर आया। इसके बाद उसके सरेंडर की अटकलें तेज हो गईं। मगर फरीदाबाद से निकलकर विकास मध्‍य प्रदेश पहुंच गया। बताया जाता है कि वह उज्‍जैन के महाकाल मंदिर गया था। वहां उसने सिक्‍यूरिटी गार्ड को अपनी पहचान बताई जिसके बाद उसे अरेस्‍ट कर लिया गया।

जान-बूझकर गार्ड को अपनी पहचान बताई

विकास दुबे ने उज्‍जैन के महाकाल मंदिर को बेहद सोच-समझकर चुना है, ऐसा लगता है। सावन होने की वजह से वहां पर वैसे ही भारी भीड़ होती है, ऐसे में किसी अपराधी का एनकाउंटर होना नामुमकिन है। खुद को इतनी भीड़ में सेफ जानकर ही विकास दुबे ने मंदिर के अंदर जाकर सरेंडर की कोशिश की। उसने जान-बूझकर गार्ड को अपनी पहचान बताई जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

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सरेंडर करने की हर संभावना पर पुलिस का पहरा

विकास दुबे सरेंडर करेगा, इसकी अटकलें तेज थीं। सूत्रों के मुताबिक, उसे डर था कि अगर पुलिस के हत्‍थे चढ़ा तो उसका एनकाउंटर हो जाएगा। दिल्‍ली या हरियाणा की किसी कोर्ट में सरेंडर की संभावना को लेकर सिक्‍यूरिटी बढ़ा दी गई थी। एक संभावना नोएडा के फिल्‍म सिटी जाकर किसी न्‍यूज चैनल के स्‍टूडियों में सरेंडर करने की भी थी जिसके बाद पुलिस ने वहां पर भारी फोर्स लगा दी थी।

2 जुलाई की रात दब‍िश देने गई टीम हुई ताबड़तोड़ फायरिंग

कानपुर में 2 जुलाई की रात विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। इसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। विकास दुबे कानपुर का हिस्ट्रीशीटर भी हैं इसके ऊपर कई मुकदमें दर्ज हैं। इस पर दबिश डालने के लिए पुलिस बिकरू गांव पहुंची थी जहां पर पुलिस को रोकने के लिए इन्होंने पहले से ही जेसीबी वगैरह लगा कर रास्ता रोक रखा था। पुलिस पार्टी के पहुंचते ही बदमाशों ने छतों से पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए।

चौबेपुर के पूरे थाने पर की गई कार्रवाई

विकास से संबंधों के शक में चौबेपुर के पूरे थाने पर कार्रवाई की गई है। मंगलवार को 68 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई, जबकि इससे पहले चौबेपुर के एसओ, दो दारोगाओं व एक सिपाही को निलंबित और 10 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया जा चुका है। बिकरू कांड के बाद पांच लाख के इनामी विकास दुबे के साथियों की सूची व पोस्टर पुलिस ने जारी की थी। मोस्टवांटेड की सूची में शामिल रहे संजीव दुबे और जहान यादव को भी चौबेपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों को थाने में रखकर पूछताछ की जा रही है।

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