TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कृषि कानूनों पर जंग और तीखी, किसान नेताओं ने दी सरकार को बड़ी चेतावनी

दूसरी ओर किसान संगठनों ने एक बार फिर सरकार को अपना रवैया बदलने की चेतावनी दी है। सोनीपत में हुई किसान पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार पर जमकर निशाना साधा और चेतावनी दी

Roshni Khan
Published on: 23 Feb 2021 10:12 AM IST
कृषि कानूनों पर जंग और तीखी, किसान नेताओं ने दी सरकार को बड़ी चेतावनी
X
कृषि कानूनों पर जंग और तीखी, किसान नेताओं ने दी सरकार को बड़ी चेतावनी (PC: social media)

नई दिल्ली: संसद में पारित तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच पैदा हुआ गतिरोध खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। दोनों पक्षों के बीच आखिरी दौर की बातचीत 22 जनवरी को हुई थी और उसके बाद दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। दोनों पक्षों में बातचीत हुए एक महीने का समय बीत चुका है और नई बातचीत के कोई आसार भी नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में यह आंदोलन अब और लंबा खिंचता नजर आ रहा है।

ये भी पढ़ें:वैक्सीन पर बड़ा एलानः गरीब देशों को मिलेगा मुआवजा, WHO ने दी सहमति

farmer farmer (PC: social media)

दूसरी ओर किसान संगठनों ने एक बार फिर सरकार को अपना रवैया बदलने की चेतावनी दी है। सोनीपत में हुई किसान पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार पर जमकर निशाना साधा और चेतावनी दी कि हम कानून ही नहीं, सरकार भी बदल देंगे। किसान संगठनों के रवैये से साथ है कि उन्होंने नए कृषि कानूनों के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया है। अब हर किसी की नजर सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों पर टिकी है।

एक महीने से दोनों पक्षों में बातचीत नहीं

सरकार और किसान संगठनों में आखिरी दौर की बातचीत 22 जनवरी को हुई थी और उसके बाद दोनों पक्षों में कोई बातचीत नहीं हुई है। इस बातचीत के दौरान सरकार की ओर से तीनों कानूनों को डेढ़ साल तक की स्थगित रखने का प्रस्ताव रखा गया था मगर किसान संगठन तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े रहे।

इस कारण बना हुआ है गतिरोध

उसके बाद से कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कई बार कहा है कि सरकार खुले दिल से किसान संगठनों से बातचीत को तैयार है। वे कभी भी समय बताकर बातचीत के लिए आ सकते हैं मगर सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस प्रस्ताव किसान संगठनों के पास नहीं भेजा गया है। इस कारण तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर दोनों पक्षों में गतिरोध बना हुआ है और इसके जल्द खत्म होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं।

पिछले महीने गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा व उपद्रव की घटना ने भी आंदोलन की छवि को नुकसान पहुंचाया है और इससे सरकार को भी किसान संगठनों को घेरने का मौका मिल गया। इस सिलसिले में पुलिस की ओर से अभी तक कई आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और पुलिस इन सभी के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटी हुई है।

पंजाब के संगठन चाहते हैं सरकार से बातचीत

वैसे किसान आंदोलन के नेतृत्व को लेकर भी मतभेद उभरते दिख रहे हैं। गणतंत्र दिवस की घटना के बाद आंदोलन की कमान पूरी तरह राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी के हाथों में आ गई है और पंजाब के किसान संगठन पीछे दिखाई दे रहे हैं।

सूत्रों का यह भी कहना है कि पंजाब के किसान संगठन सरकार से बातचीत कर मामले को सुलझाने के पक्ष मे हैं मगर अन्य नेता इस मामले में कोई पहल नहीं कर रहे हैं।

टिकैत ने दी सरकार को बड़ी चेतावनी

इस बीच किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। सोमवार को सोनीपत के खरखोदा अनाज मंडी में हुई किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम भीड़ से कानून ही नहीं बल्कि सरकार भी बदल देने की हैसियत रखते हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अब ऐसी स्थिति में पहुंच गया है जहां किसी भी सूरत में किसान पीछे नहीं हट सकते।

rakesh-tikait rakesh-tikait (PC: social media)

ये भी पढ़ें:गुजरात निकाय चुनाव 2021ः वोटों की गिनती जारी, BJP-कांगेस के बीच मुकाबला

कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं

उन्होंने कहा कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है कि किसानों को कानून की जानकारी नहीं है। सच्चाई तो यह है कि सरकार में बैठे लोगों से ज्यादा जानकारी किसानों के पास है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यदि किसान को फसल के अच्छे दाम मिलते हैं तब तो कानून अच्छा है और नहीं मिलते हैं तो कानून निश्चित तौर पर खराब है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि हमें कानून वापसी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं है।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story