क्या 1962 में जंग की हार के बाद 'नेहरू' को मारा गया था थप्पड़? जानें सच्चाई

इस फोटो से साफ होता है कि ये किसी भी तरह से भारत-चीन वॉर से जुड़ी नहीं है और सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर की जा रही है।

Shivakant Shukla
Published on: 5 Jun 2023 1:51 PM GMT
क्या 1962 में जंग की हार के बाद नेहरू को मारा गया था थप्पड़? जानें सच्चाई
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लखनऊ: देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की एक फोटो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब शेयर की जा रही है कि 1962 जंग की हार के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू को थप्पड़ मारा गया था? और थप्पड़ खाने के बाद नेहरू जवाबी हमला करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से खुद को रोक लिया।

दरअसल वायरल हो रही इस फोटो में दिखाई दे रहा है कि एक शख्स ने उन्हें पीछे से पकड़ा हुआ है, वहीं आस-पास काफी भीड़ है। तो आइये हम आपको बताते हैं वायल हो रही इस फोटो की सच्चाई के बारे में...

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फोटो के साथ वायरल हो रहे मैसेज में लिखा है कि एक इवेंट में एक वेदिक स्कॉलर और इस आयोजन के मुख्य अतिथि, स्वामी विद्यानंद विदेह ने 1962 के भारत-चीन वॉर में हार के बाद नेहरू को थप्पड़ मार दिया था।

वायरल हो रहे मैसेज के मुताबिक, नेहरू को इसलिए थप्पड़ मारा गया था क्योंकि उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि 'आर्य भारत में शरणार्थी थे।' स्वामी ने कथित तौर पर नेहरू के दावे को नकार दिया था। स्वामी ने ये भी कहा था कि अगर सरदार पटेल पीएम होते, तो देश की हालत काफी खराब होती।

फेसबुक पर भी काफी बार शेयर हुआ ये मैसेज

जानें वॉयरल हो रहे मैसेज की सच्चाई

वैसे आपको बता दें कि इस बात में बिल्कुल सच्चाई नहीं है कि 1962 की लड़ाई के बाद नेहरू को उनके भाषण के लिए थप्पड़ मारा गया था। हालांकि ये सच है कि ये तस्वीर 1962 की ही पटना में कांग्रेस पार्टी के एक इवेंट की है। इस बात को कहीं रिपोर्ट नहीं किया गया कि नेहरू को इस इवेंट या कहीं और थप्पड़ मारा गया था।

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जब इस मैसेज की पड़ताल की गई तो रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें आउटलुक मैगजीन की एक फोटो मिली।

फोटो के कैप्शन के मुताबिक, नेहरू को 1962 में, वॉर से पहले दंगाई भीड़ से बचाया जा रहा था। फोटो का क्रेडिट एसोसिएटेड प्रेस को दिया गया है।

हमने इसके बाद फोटो को एसोसिएटेड प्रेस फोटो अर्काइव में 'नेहरू 1962' कीवर्ड्स से सर्च किया, जिसके बाद हमें ओरिजनल फोटो मिली।

ये है सच्चाई

अंतत: इस फोटो की पड़ताल में हमें पता चला कि 'जनवरी 1962 में भारत के पटना में कांग्रेस पार्टी की एक मीटिंग में दंगाई भीड़ से भारतीय प्रधानमंत्री नेहरू को बचाते हुए एक सिक्योरिटी गार्ड की है। बता दें कि इसी साल, चीन ने भारत पर हमला किया था, जिससे नेहरू के सामने बड़ी मुश्किलें खड़ी हो गई थीं।'

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कैप्शन से साफ पता चलता है कि ये फोटो भारत-चीन वॉर के पहले ली गई थी, वहीं दोनों देशों के बीच जंग 1962 में अक्टूबर-नवंबर में हुई थी। इससे साफ होता है कि फोटो वॉर से पहले की है।

1962 के भारत-चीन वॉर के बाद लोगों ने नेहरू की पिटाई की थी, इस दावे के साथ ये फोटो वायरल होती रहती है। इस फोटो से साफ होता है कि ये किसी भी तरह से भारत-चीन वॉर से जुड़ी नहीं है और सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर की जा रही है।

Shivakant Shukla

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