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Water Scarcity: प्यास बुझाना भी हो जाएगा मुश्किल, गर्मी के मौसम में करे जल बचाव

Water Scarcity: भारत देश में पानी की बर्बादी पर अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो पानी का संकट नियंत्रण से बाहर हो सकता है।

Vertika Sonakia
Published on: 10 May 2023 4:23 PM IST
Water Scarcity: प्यास बुझाना भी हो जाएगा मुश्किल, गर्मी के मौसम में करे जल बचाव
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भारत में जल संकट (फ़ोटो: सोशल मीडिया)

Water Scarcity: लोग कही भी रहते हो, शहर या गाँव पानी को खुलेआम बिना डरे इस्तेमाल करते हैं। भारत देश में पानी का कितना संकट है यह आपको इस रिपोर्ट से पता चल जाएगा।

यूनेस्को की जल संकट पर आधारित रिपोर्ट

यूनेस्को की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 तक भारत में पानी की समस्या बढ़ जाएगी। भविष्य में जल संरक्षण की कमी, प्रदूषण, ग्लेशियर का पिघलने के कारण आने वाले समय में गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु जैसी हिमालयी नदियों का प्रवाह कम हो जाएगा। वर्ष 2016 से 9.33 करोड़ आबादी जल संकट से जूझ रही है।

भारत के मुख्य शहर जल संकट से जूझ रहें

जल प्रबंधक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 21 शहरों में 10 करोड़ लोग जल संकट से जूझ रहे हैं। वर्ष 2025 तक प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता केवल 1600 घन मीटर रह जाने की आशंका जतायी गयी है।

हाल ही में हुई पहली जल जनगणना

अप्रैल माह में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा पहलीं जल शक्ति जनगणना रिपोर्ट जारी करी गयी। इस रिपोर्ट के देश के तालाब, झील, टैंक का रिपोर्ट है। पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 7.47 लाख जल संरचनाएं हैं और सिक्किम में सबसे कम 134 जल संरचनाएं हैं। भारत देश में कुल 24.24 जल संरचनाएँ हैं। 23.55 लाख ग्रामीण छेत्र में हैं और केवल 69,485 शहरों में हैं। तमिलनाडु में सबसे अधिक संख्या में झील पायी जाती। आंध्र प्रदेश में टैंकों की सबसे अधिक संख्या है।

महाराष्ट्र में सबसे अधिक जलाशय की गणना

जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार पूरे भारत देश में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा जलाशय की गणना की गई है। भारत में अधिकतर जल निकाय एक हेक्टेयर से कम हैं। इनको मान चित्रित करना एक कठिन काम है इसलिए जलशक्ति जनगणना की शुरुआत की गई।दुनिया में 26% आबादी जल के लिए तरस रही है ये एक चिंताजनक स्थिति है। दुनिया में लगभग दो तीन अरब लोग एक महीने तक जल संकट से जूझते हैं। लोगो के पीने तक के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं है।

कारखानों का पानी जा रहा नदियों और ऋतु चक्र में बदलाव

जलसंकट का एक बड़ा कारण है कि कारखानों का गंदा पानी पाइप द्वारा नदियों में जा रहा है। बूचड़खानों में प्रतिदिन लाखों लीटर पानी बर्बाद होता है। बढ़ते तापमान और अधिक गर्मी के कारण ऋतु चक्र में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। पिछले 20 सालों में बढ़ते तापमान, ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीन हाउस इफेक्ट के कारण ऋतु चक्र में अलनीनो का असर देखने को मिल रहा है जिसका अर्थ बरसात कम हो रही है और गर्मी अधिक बढ़ रही है।

महाराष्ट्र में पानी की कमी के कारण हो रही दो शादी

महाराष्ट्र के लोग पानी की कमी के कारण दो शादियां कर रहे हैं। एक पत्नी पानी लाने में मदद करेगी तो दूसरी घरेलू कार्य में। इस टर्म को वॉटर वाइफ़ कहते हैं। अधिक पानी की कमी के कारण भविष्य में और राज्यों ने भी यह महाराष्ट्र का प्रयोग देखने को मिल सकता है।



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