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Bengal Doctors' Strike : डॉक्टरों से ममता बनर्जी ने की मुलाकात, हड़ताल खत्म करने को कहा

पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी है। देशभर के कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन और हड़ताल कर समर्थन जताया है। वहीं, हड़ताल की वजह से देशभर के कई अस्पतालों में मरीज परेशान हैं।

Aditya Mishra
Published on: 14 Jun 2019 10:13 AM GMT
Bengal Doctors Strike : डॉक्टरों से ममता बनर्जी ने की मुलाकात, हड़ताल खत्म करने को कहा
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी है। देशभर के कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन और हड़ताल कर समर्थन जताया है। वहीं, हड़ताल की वजह से देशभर के कई अस्पतालों में मरीज परेशान हैं।

दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन किया है।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा पर हड़ताल करने की तैयारी कर रहे हैं।

उधर अब तक कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 95, दार्जिलिंग में नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के 27 और सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज के 18 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। उनका कहना है कि वे हिंसा और धमकियों के माहौल में काम नहीं कर सकते।

बता दें कि हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार को दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश को नहीं माना था और कहा कि सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों पर बरसते हुए विपक्षी भाजपा और माकपा पर उन्हें भड़काने तथा मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया था।

डाक्टरों से ममता बनर्जी ने की मुलाकात

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करवाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शीर्ष डॉक्टरों के पैनल से मुलाकात कर रही हैं। मीटिंग कोलकाता में हो रही है।

डाक्टरों ने सीएम ममता बनर्जी के सामने रखी शर्त

हड़ताली डॉक्टरों ने अपना आंदोलन वापस रखने रखने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने छह शर्तें रखी हैं। इनमें ममता बनर्जी का बिना शर्त माफी मांगना भी शामिल है।

वहीं, आंदोलनकारी डॉक्टरों के समर्थन में शुक्रवार को कोलकाता शहर के कई प्रबुद्ध लोग भी आ गए और उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गतिरोध का समाधान निकालने का अनुरोध किया। फिल्मकार अपर्णा सेन, कलाकार कौशिक सेन, संगीतकार देवज्योति मिश्रा और कई वरिष्ठ डॉक्टर हड़ताली डॉक्टरों से मिलने एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल गए।

सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल

अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित कराए जाने की मांग की है। इस संबंध में सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किए जाने का निर्देश जारी करने की मांग की।

हाईकोर्ट ने ममता सरकार से 7 दिन में मांगा जवाब

कलकत्ता हाई कोर्ट ने प. बंगाल सरकार को डॉक्टरों की हड़ताल के मुद्दे पर दाखिल पीआईएल पर 7 दिन में जवाब देने को कहा। कोर्ट ने ये भी पूछा कि अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और कहा कि राज्य सरकार को इस समस्या का हल निकालना होगा।

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पढ़ें बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल के बाद पूरे देशभर में पड़ रहे असर के LIVE UPDATES:

2:00 PM- उत्तरी बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 27 डॉक्टरों ने इस मामले में अभी तक इस्तीफा दिया है।

1:10 PM- कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 16 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा।

12: 15 PM- डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल के सीएम से अपील करता हूं कि इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं। उन्होंने डॉक्टरों को एक अल्टीमेटम दिया, जिसकी वजह से वे नाराज हो गए और हड़ताल पर चले गए। आज मैं ममता बनर्जी जी को लिखूंगा और उनसे इस मुद्दे पर बात करने की भी कोशिश करूंगा।



11:45 AM- केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने डॉक्टरों की हड़ताल के मामले में कहा कि मैं सभी डॉक्टरों को यह सुनिश्चत कराना चाहता हूं कि सरकार उनकी सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। मैं उनसे अपील करता हूं कि केवल प्रतीकात्मक विरोध जताएं और अपनी ड्यूटी पर लौटें।

11:30 AM- देशभर कई अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीज बेहाल हैं।

11:15 AM- राजस्थान के जयपुर में स्थित जयपुरिया अस्पताल में डॉक्टर हाथ में काली पट्टी बांधकर इलाज कर रहे हैं। वे बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले का विरोध जता रहे हैं।

10:45 AM - कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टर धरने पर बैठ गए हैं।

10:30 AM- इस मामले में महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स का भी साथ मिला है। वे आज हड़ताल कर रहे हैं। आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि हम आज सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक ओपीडी, वार्ड आदि को बंद कर रहे हैं। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी।



10:15 AM- इससे पहले डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से कई सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों अस्पतालों में तीसरे दिन भी आपातकालीन वार्ड, ओपीडी सेवाएं, पैथोलॉजिकल इकाइयां बंद रही थीं। निजी अस्पतालों में भी चिकित्सकीय सेवाएं बंद रहीं।

डॉक्टर कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद भीड़ द्वारा अपने दो सहकर्मियों पर हमले के मद्देनजर प्रदर्शन कर रहे हैं।

10:00 AM - भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने घटना के खिलाफ तथा हड़ताली डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार को अखिल भारतीय विरोध दिवस घोषित किया है। इस बीच एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रधानाचार्य साइबल मुखर्जी तथा चिकित्सा अधीक्षक एवं उप प्रधानाचार्य प्रो सौरभ चटोपाध्याय ने संस्थान के संकट से निपटने में विफल रहने की वजह से इस्तीफा दे दिया है।

विपक्ष का ममता पर हमला

विपक्ष ने गतिरोध के लिए बनर्जी पर हमला किया है और भाजपा ने उनपर हिटलर की तरह काम करने का आरोप लगाया। जब मुख्यमंत्री दोपहर में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने 'हमें इंसाफ चाहिए के नारे लगाए। उन्होंने कहा, 'मैं आंदोलन की निंदा करती हूं। कनिष्ठ चिकित्सकों का आंदोलन माकपा और भाजपा का षड्यंत्र है।' बनर्जी के पास स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का भी प्रभार है।

उन्होंने चिकित्सकों को चार घंटे के भीतर काम पर लौटने को कहा था लेकिन बाद में समय-सीमा में संशोधन करके इसे अपराह्न दो बजे कर दिया।

उन्होंने ऐसा नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी और कहा कि उन्हें छात्रावास खाली करने होंगे। बनर्जी की समय सीमा के बावजूद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखी।

डॉक्टरों की एक टीम ने इस मुद्दे पर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की। राज्यपाल ने भी उनसे हड़ताल खत्म करने की अपील की। त्रिपाठी से भेंट के बाद राजभवन के बाहर एक जूनियर डॉक्टर ने कहा कि मांग पूरी होने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

हमारी मांगे साधारण हैं... उचित सुरक्षा मिले और सभी अस्पताल में सशस्त्र पुलिस बल तैनात हों तथा एनआरएस अस्पताल में शनिवार को हुए हमले में शामिल अपराधियों को गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तार किया जाए।

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यूपी तक पहुंची हड़ताल की आंच

कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कालेज की घटना से नाराज पश्चिम बंगाल के डाक्टरों की हड़ताल का असर अब यूपी में भी देखने को मिल रहा है। यूपी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल में डाक्टरों पर हुई बर्बरतापूर्ण हमले पर विरोध प्रकट किया है।

राजधानी लखनऊ स्थित लोहिया संस्थान के रेजिडेंट डाक्टर्स ने कोलकाता की घटना के विरोध में दोपहर 12 बजे से दो बजे तक, दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया।

आईएमए के सभी डाक्टरों ने शुक्रवार को काली पटटी बांध कर काम किया। आईएमए शुक्रवार शाम राज्यपाल को इस घटना के विरोध में ज्ञापन सौंप कर अपना विरोध प्रकट करेगा।

इधर लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ित चिकित्सकों के साथ खड़े होने का ऐलान किया है। एसोसिएशन ने इस सम्बन्ध में काररवाई की मांग करते हुए एक निंदा प्रस्ताव पारित किया है।

इस प्रस्ताव की प्रति पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, केंद्र के स्वास्थ्य मंत्री, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को भी भेजी है।

इस बीच यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने डाक्टरों से अपील की है कि विरोध प्रदर्शन के साथ मरीजों पर भी ध्यान दे, मरीजों को किसी तरह की असुविधा न होने पाये। उन्होंने कहा कि बंगाल की घटना पर ममता बनर्जी को जवाब देना चाहिये।

डाक्टरों की हडताल पर ममता ने दिया ये जवाब

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डाक्टरों की हड़ताल पर कहा कि हमें बांग्ला को आगे लाना होगा। जब मैं बिहार, यूपी, पंजाब जाती हूं, तो मैं उनकी भाषा में बात करती हूं, अगर आप बंगाल में हैं तो आपको बंगला बोलना होगा। मैं उन अपराधियों को बर्दाश्त नहीं करूंगी जो बंगाल में रहते हैं और बाइक पर घूमते हैं।

कानपुर में डाक्टरों ने किया अनोखा प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल में हुए डाक्टरों पर हमले के बाद से पूरे देश में विरोध के स्वर उठने लगे है। इसी कड़ी में कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध हैलट अस्पताल में सीनियर डॉक्टरों और जूनियर डॉक्टरों ने विरोध करने का नया तरीका खोज निकला। शुक्रवार को हैलट अस्पताल के डॉक्टरों ने काला हेलमेट लगाकर और हाथो पर काली पट्टी बांध कर अपना विरोध प्रकट किया ।

पश्चिम बंगाल के कोलकत्ता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज जूनियर डॉक्टरों पर हमले के विरोध में कानपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर भी उतर आए है । मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर हड़ताल में जाने की बजाय हेलमेट लगाकर ईलाज कर विरोध दर्ज किया है । डॉक्टरों का ये अनोखा विरोध प्रदर्शन देखकर पेशेंट और तीमारदार भी उनकी सराहना कर रहे है।

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Aditya Mishra

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