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अजीबो गरीब फतवा: यहां टीवी देखना-गाना सुनना है हराम, 7000 रुपये तक जुर्माना

फतवों का उल्लंघन करता पाया जाएगा तो उस पर 500 रुपये से लेकर 7000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही इन फतवों को न मानने वालों के लिए कान पकड़ कर उठक-बैठक कराने की सज़ा के साथ सिर मुंडवाने का भी प्रावधान किया गया है।

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Published on: 21 Aug 2020 10:18 AM GMT
अजीबो गरीब फतवा: यहां टीवी देखना-गाना सुनना है हराम, 7000 रुपये तक जुर्माना
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अजीबो गरीब फतवा: यहां टीवी देखना-गाना सुनना है हराम, 7000 रुपये तक जुर्माना

कोलकाता: देश के कई इलाकों में आज भी कई अजीबो-गरीब फरमान सुनाये जाते हैं। मामला है बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के एक मुस्लिम बाहुल्य गांव की जहां आ है। गांव के प्रधान ने अपने फतवे में कहा गया है कि टीवी देखने, कैरम खेलने, लॉटरी खरीदना और मोबाइल या कम्प्यूटर का इस्तेमाल करके गाने सुनना 'हराम' है। जिसके कारण इन सभी काम को प्रतिबंधित कर दिया है।

फतवे की नाफ़रमानी के लिए जुर्माना

बताया जा रहा है कि ये फतवा 'सोशल रिफॉर्म्स कमेटी' के बैनर से जारी किया गया। कमेटी का कहना है कि अगर कोई भी इन फतवों का उल्लंघन करता पाया जाएगा तो उस पर 500 रुपये से लेकर 7000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही इन फतवों को न मानने वालों के लिए कान पकड़ कर उठक-बैठक कराने की सज़ा के साथ सिर मुंडवाने का भी प्रावधान किया गया है। जानकारी के मुताबिक, ये फतवा बांग्लादेश की सीमा से सटे मुर्शिदाबाद जिले के अद्वैतनगर गांव में एक बैठक के बाद जारी किया गया, जहां की जनसंख्या लगभग 12,000 है। ये गांव बंगाल और झारखंड की सीमा पर स्थित रघुनाथगंज अनुमंडल में आते हैं।

नैतिक और सांस्कृतिक पतन की ओर

अद्वैतनगर सोशल रिफॉर्म्स कमेटी के सचिव अज़हरुल शेख ने कहा कि कुछ क्रियाकलापों को प्रतिबंधित किया गया है क्योंकि युवा वर्ग इन सबकी वजह से नैतिक और सांस्कृतिक पतन की ओर उन्मुख हो रहा है।उन्होंने कहा कि वे युवाओं को ऐसी फ़िल्में, गाने और सीरियल देखने की अनुमति बिल्कुल भी नहीं दे सकते, जो इस्लाम के मजहबी नियम-क़ानूनों के अंतर्गत फिट नहीं बैठता हो। कमिटी ने 9 अगस्त को ये फतवे जारी किए हैं और साथ ही हिदायत दी कि अगर कोई भी इसका उल्लंघन करते पाया गया तो वो सजा भुगतने के लिए तैयार रहे।

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गांव में चिपकाए गए पोस्टर ऐसे हैं जुर्माने का प्रावधान

इस फतवे से जुड़े पोस्टर-बैनर्स को आसपास के गांवों में चिपकाया भी गया है। इसमें कहा गया है कि मोबाइल फोन या कंप्यूटर का इस्तेमाल करके अगर कोई गाना सुनते हुआ पकड़ा गया तो उस पर फतवे के हिसाब से 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। कैरम खेलने वालों को 500 रुपये और लॉटरी टिकट खरीदने वालों को 2000 रुपये बतौर जुर्माना देना पड़ेगा। साथ ही इन 'हराम' क्रियाकलापों को करने वालों के बारे में सूचना देने वालों को इनाम देने की भी व्यवस्था की गई है।

मुखबिरों को 200 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक के इनाम

मुखबिरों को 200 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक के इनाम देने की घोषणा की गई है। अगर कोई शराब बेचते हुए पाया गया तो उसे 7000 रुपये बतौर जुर्माना देना होगा। सिर्फ जुर्माना राशि ही नहीं उठक-बैठक भी कराया जाएगा। वहीं, शराब बेचने वाले को सिर मुड़वा कर उसे पूरे गांव में घुमाया जाएगा। अगर कोई शराब पिता हुआ पाया गया तो उस पर 2000 रुपये के जुर्माने के साथ उसे 10 बार उठक-बैठक करनी पड़ेगी।

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तृणमूल नेताओं ने किया फतवे का समर्थन

इधर, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा है कि इस फतवा में कुछ भी गलत नहीं है। तृणमूल के प्रभाव वाले वसाइपैकर पंचायत में पार्टी के नेता और पंचायत प्रधान अब्दुर रउफ ने कहा कि शराब को प्रतिबंधित करना एक अच्छा निर्णय है। साथ ही उन्होंने कैरम खेलने और गाने सुनने पर प्रतिबंध का स्वागत करते हुए कहा कि युवाओं को इन सबकी लत लग रही है, इसीलिए ये ज़रूरी था।

क़ानून का उलंघन करने पर कार्रवाई होगी- बीडीओ

वहीं, स्थानीय शमशेरगंज ब्लॉक के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) जॉयदीप चक्रवर्ती ने इस फतवे पर कहा कि अगर कोई भी क़ानून को अपने हाथ में लेता है तो उसके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने इस मामले में इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा।

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