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Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में थम नहीं रही हिंसा, बीजेपी कार्यकर्ता का मिला शव, अब तक 10 की जा चुकी है जान
Bengal Violence: ऐसा कोई दिन नहीं बीतता जब राज्य के किसी हिस्से से राजनीतिक हिंसा की खबरें न आती हों। सोमवार को पुलिस ने पुरूलिया जिले के बोडो इलाके से बंकिम हंसदा नामक बीजेपी कार्यकर्ता के शव को बरामद किया है।
Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के महज चंद दिन शेष रह गए हैं। लेकिन राज्य में हिंसा चरम पर है। सियासी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच घमासन मचा हुआ है। एक-दूसरे के गुट पर जमकर हमले किए जा रहे हैं। ऐसा कोई दिन नहीं बीतता जब राज्य के किसी हिस्से से राजनीतिक हिंसा की खबरें न आती हों। सोमवार को पुलिस ने पुरूलिया जिले के बोडो इलाके से बंकिम हंसदा नामक बीजेपी कार्यकर्ता के शव को बरामद किया है।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि विरोधी दल के लोगों ने उनकी हत्या की है। घटना को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है। पुलिस ने शव को कस्टडी में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पंचायत चुनाव को लेकर बंगाल में जमकर खूनी खेल खेला जा रहा है। सत्तारूढ़ टीएमसी हो या विपक्षी बीजेपी, कांग्रेस और लेफ्ट सभी के कार्यकर्ता इस पागलपन में अपनी जान गंवा रहे हैं।
रविवार को दो अलग-अलग जिलों में हुई हिंसा
रविवार को पश्चिम बंगाल के दो अलग-अलग जिलों से राजनीतिक हिंसा की खबरें सामने आईं। रविवार रात को मुर्शिदाबाद जिले के समसेरगंज में एक कांग्रेस कार्यकर्ता आरिफ शेख को अज्ञात लोगों ने गोली मार दी। शेख की हालत गंभीर बताई जा रही है। नाराज कांग्रेसियों ने कल रात को ही सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने टीएमसी पर हमले का आरोप लगाया है, हालांकि, सत्ताधारी दल इससे इनकार कर रही है।
वहीं, दूसरी घटना पश्चिमी मेदिनीपुर जिले की है। रविवार को यहां लेफ्ट-आईएसएफ गठबंधन के समर्थकों और टीएमसी समर्थकों के बीच झड़प हो गई। दोनों गुटों के बीच पार्टी के झंडे को लगाने को लेकर तकरार शुरू हुई, जो देखते ही देखते हिंसक टकराव में बदल गई। इस घटना में दोनों पक्षों के 10 लोग जख्मी हुए हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को संभाला और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया।
कल यानी रविवार 2 जुलाई को ही दक्षिण 24 परगना जिले के हरोआ इलाके के एक गांव में देशी बम बनाने के दौरान विस्फोट हो गया। इस घटना में एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। पश्चिम बंगाल के गांवों में देशी बम बनाने के अवैध कारोबार की खबरें आती रही हैं।
टीएमसी उम्मीदवार के पिता की हत्या
राजनीतिक हिंसा के शिकार सत्तारूढ़ तृणमुल कांग्रेस के लोग भी हो रहे हैं। शनिवार रात को 52 वर्षीय टीएमसी वर्कर जियारूल मोल्ला की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे अपने घर लौट रहे थे। घटना दक्षिण 24 परगना जिले की है। जियारूल मोल्ला कथलबेरिया ग्राम पंचायत के टीएमसी उम्मीदवार के पिता थे। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उन्हें लगातार विरोधी पक्षों की ओर से हत्या की धमकी मिल रही थी।
कितने लोग हिंसा की भेंट चढे ?
पश्चिम बंगाल में जब से पंचायत चुनाव को लेकर नामांकन का काम शुरू हुआ है, राजनीतिक हिंसा की एक सीरीज शुरू हो गई है। 9 जून को राज्य में नामांकन दाखिल करने का काम आरंभ हुआ, तब से लेकर अब तक 10 लोग हिंसा की भेंट चढ़ चुके हैं। इसके अलावा दर्जनों घायल हुए हैं। ये पश्चिम बंगाल पुलिस का आंकड़ा है। राज्य में हिंसक माहौल को देखते हुए चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष संपन्न कराने के लिए सेंट्रल फोर्सेज की 800 से अधिक कंपनियां तैनात की गई हैं।
पश्चिम बंगाल में लगातार जारी हिंसक घटनाओं पर कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी अपनी चिंता प्रकट कर चुका है। बता दें कि राज्य में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होने हैं। 11 जुलाई को नतीजे घोषित होंगे। पंचायत चुनाव के नतीजे हमेशा राज्य की राजनीति पर असर डालते रहे हैं।