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रेप-मर्डर और साजिश, जानें कठुआ कांड में शुरू से अब तक क्या हुआ?

बहुचर्चित कठुआ सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड में आज फैसला सुनाया जा रहा है। सात में से छह आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। एक को बरी कर दिया गया है। वहीं मामले में सजा का एलान अभी बाकी है।

Aditya Mishra
Published on: 10 Jun 2019 3:40 PM IST
रेप-मर्डर और साजिश, जानें कठुआ कांड में शुरू से अब तक क्या हुआ?
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जम्मू: बहुचर्चित कठुआ सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड में आज फैसला सुनाया जा रहा है। सात में से छह आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। एक को बरी कर दिया गया है। वहीं मामले में सजा का एलान अभी बाकी है।

मंदिर के संरक्षक व ग्राम प्रधान सांझी राम, एसपीओ सुरेन्द्र कुमार, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया, सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज और प्रवेश कुमार को दोषी करार दिया गया है। सांझी राम के बेटे विशाल को बरी कर दिया गया है।

ये है पूरा मामला

जम्मू के कठुआ जिले में 17 जनवरी 2018 को 8 साल की बच्ची का लाश मिली थी। घरवालों का आरोप था उसका अपहरण करने के बाद उसके साथ रेप और फिर हत्या की गई थी। रेप और हत्या की घटना ने हिंदू-मुस्लिम रंग लेने के बाद देश ही नहीं, बल्कि दुनिया को हिलाकर रख दिया था।

बच्ची के पिता का कहना था कि यदि वे (आरोपी) बदला लेना चाहते थे, तो किसी दूसरे को उठा सकते थे। वह मासूम बच्ची थी, जिसे हिंदू और मुस्लिम क्या होता है, इसके बारे में कुछ पता नहीं है।

बच्ची के पिता ने पूर्व राजस्व अधिकारी सांझी राम पर आरोप लगाया था कि वही इस घटनाक्रम का मास्टरमाइंड है। वह रिटायरमेंट के बाद गांव के ही एक मंदिर की देखरेख करते थे।

क्यों की गई थी मासूम की हत्या ?

पीड़िता के पिता का कहना था कि हमारे पशुओं के उनके खेतों में जाकर फसल खराब करने के कारण सांझी गुस्सा था। हमें लगा था कि नुकसान होगा, तो हमें थप्पड़ मारेंगे, पुलिस में एफआईआर करेंगे या जुर्माना लगा देंगे। हमें नहीं पता था कि वे ऐसी घिनौनी हरकत करेंगे।

दरअसल, रसाना गांव हिंदू बाहुल्य इलाका है, जहां बकरवाल मुसलमान चरवाहों के साथ आते हैं। बच्ची उसी परिवार से थी। हिंदुओं का कहना है कि जमीन पर कब्जा हो रहा है और पशु खेत में जाकर फसल बर्बाद करते हैं। पीड़िता के पिता का कहना है कि इस घटना को सिर्फ उस इलाके में रह रहे अल्पसंख्यक जनजाति समुदाय के लोगों को डराने के लिए अंजाम दिया था।

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बर्बरता

क्राइम ब्रांच की मामले की जांच में पता चला कि आरोपियों ने आसिफा की गला घोंट कर हत्या की। इसके बाद उसकी कमर की हड्डी को इस तरह से तोड़ा गया कि यह सारा मामला दुर्घटना का लगे। आसिफा की हत्या के बाद उसके शव को पास के जंगलों में फेंक दिया गया। इससे पहले नशे की गोलियां देकर बच्ची के साथ कई बार दुष्कर्म किया गया।

इस मामले की जांच के लिए जब लड़की के कपड़े एफएसएल भजे गए, तो सामने आया कि लड़की के कपड़ों पर किसी तरह का कोई निशान नहीं है। सुबूत मिटाने के लिए कपड़ों को धो कर एफएसएल भेजा गया है।

इन लोगों पर लगा आरोप

पुलिस की ओर से दायर की गई 15 पन्नों की चार्जशीट में रासना गांव में देवीस्थान, मंदिर के सेवादार संजी को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। मास्टरमाइंड संजी ने समुदाय को हटाने के लिए इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया। इसके लिए वह अपने नाबालिग भतीजे और अन्य छह लोगों को लगातार उकसा रहा था।

पुलिस के मुताबिक साजिशकर्ता संजी के साथ विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा, उसके दोस्त परवेश कुमार उर्फ मन्नू, भतीजा राम किशोर और उसका बेटा विशाल जंगोत्रा उर्फ शम्मा भी कथित रूप से इस घिनौने कृत्य में शामिल रहे।

क्या थी वजह

चार्जशीट में कहा गया है कि साजिशकर्ता संजी बकरवाल समुदाय के तहसील में बसने के खिलाफ था। उसने हिंदू समुदाय के लोगों को भी भड़काया कि वे इस समुदाय के लोगों को बसने के लिए जमीनें न दें। चार्जशीट में कहा गया है कि तहसील में ज्यादातर हिंदू समुदाय की यह सोच बन गई थी कि यह समुदाय गो-हत्या और ड्रग तस्करी से जुड़ा है।

अगर ये यहां बसते हैं तो उनके बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा। इस कारण से किसी न किसी बात को लेकर बकरवाल समुदाय के लोगों को धमकियां दी जाती रहीं। इस मामले में दो एसपीओ जो गिरफ्तार हुए हैं, वो उसी गांव के हैं। मुसलामानों से इनकी झड़प होती रहती थी।

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10 जनवरी से शुरू हुआ मामला

10 जनवरी को रासना गांव में रहने वाले आसिफा बानो अचानक लापता हो गई। मामले में 11 तारीख को आसिफा के पिता ने पुलिस से शिकायत की।

12 तारीख को पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया। पुलिस और आसिफा के परिजनों ने उसकी तलाश जारी रखी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

17 जनवरी को दोपहर में जंगल में आसिफा का शव पुलिस को मिला। आसिफा के परिजन जम्मू पठानकोट हाईवे पर प्रदर्शन किया।

18 जनवरी को ही पुलिस इस मामले में एक 15 साल के नाबालिग युवक को गिरफ्तार किया, जिसके बाद अपराध के सुराग मिलते गए।

22 जनवरी को पुलिस ने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी। क्राइम ब्रांच ने पुलिस में ही तैनात दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स को गिरफ्तार किया।

वकीलों ने किया विरोध

कठुआ बार एसोसिएशन के सभी सदस्यों ने मामले में अपराध शाखा की ओर से आरोप पत्र दाखिल करने को लेकर विरोध किया है। वे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।

एसोसिएशन के अध्यक्ष कीर्ति भूषण महाजन ने कहा कि मामले में अपराध शाखा की तहकीकात को लेकर बार एसोसिएशन हड़ताल पर है और सीबीआई जांच के पक्ष में है। जम्मू बार एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि अपराध शाखा डोगरा समुदाय को जांच में निशाना बना रही है।

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