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ये 'टूलकिट' क्या है: किसान आंदोलन से क्या है कनेक्शन, जानें पूरी डिटेल
पर्यावरण कार्यकर्ता 22 वर्षीय दिशा रवि पर आरोप है कि उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में बनाई गई टूलकिट को एडिट किया है और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है। यह वही टूलकिट है, जिसे स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल किया था।
नई दिल्ली: बेंगलूरू की पर्यावरण कार्यकर्ता 22 वर्षीय दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। किसान आंदोलन से सम्बंधित टूलकिट मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिशा रवि को दिल्ली पुलिस को पांच दिनों की रिमांड पर सौंपा है। बता दें कि उन्हें टूलकिट मामले में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था।
टूलकिट के एडिटरों के खिलाफ FIR
किसान आंदोलन में दिल्ली पुलिस ने आपराधिक साजिश रचने के आरोप में टूलकिट के एडिटरों के खिलाफ FIR नंबर 49/21 दर्ज किया था। पुलिस ने आरोप लगाया है कि टूलकिट मामला खालिस्तानी ग्रुप को दोबारा खड़ा करने और भारत सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश है। पुलिस ने 26 जनवरी की हिंसा में भी टूलकिट की साजिश के संकेत दिए हैं।
दिशा रवि पर टूलकिट सम्बंधित क्या है आरोप?
पर्यावरण कार्यकर्ता 22 वर्षीय दिशा रवि पर आरोप है कि उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में बनाई गई टूलकिट को एडिट किया है और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है। यह वही टूलकिट है, जिसे स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल किया था। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि दिशा रवि उस टूलकिट की एडिटर हैं और उस दस्तावेज़ को तैयार करने से लेकर उसे सोशल मीडिया पर साझा करने वाली मुख्य साज़िशकर्ता हैं। आईये यहां जानते हैं कि आखिर ये टूलकिट होता क्या है।
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क्या होता है टूलकिट?
बता दें कि "टूलकिट" किसी भी मुद्दे को समझाने के लिए बनाया गया एक गूगल डॉक्यूमेंट होता है। यह इस बात की जानकारी देता है कि किसी समस्या के समाधान के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए? यानी इसमें एक्शन प्वाइंट्स दर्ज होते हैं। इसे ही टूलकिट कहते हैं।
इसका इस्तेमाल सोशल मीडिया के संदर्भ में होता है, जिसमें सोशल मीडिया पर कैम्पेन स्ट्रेटजी के अलावा वास्तविक रूप में सामूहिक प्रदर्शन या आंदोलन करने से जुड़ी जानकारी दी जाती है। इसमें किसी भी मुद्दे पर दर्ज याचिकाओं, विरोध-प्रदर्शन और जनांदोलनों के बारे में जानकारी शामिल हो सकती है।
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ग्रेटा थनबर्ग का टूलकिट कनेक्शन?
इस मामले में जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सबसे पहले तीन फरवरी को किसान आंदोलन से जुड़ा एक टूलकिट ट्विटर पर सोशल किया था। हालांकि, बाद में उसे डिलीट कर दिया गया। उसमें ग्रेटा ने लिखा था, "अगर आप किसानों की मदद करना चाहते हैं तो आप इस टूलकिट (दस्तावेज़) की मदद ले सकते हैं।" इसके बाद फिर चार फरवरी को ग्रेटा ने दोबारा टूलकिट शेयर किया और लिखा, "ये नई टूलकिट है जिसे उन लोगों ने बनाया है जो इस समय भारत में ज़मीन पर काम कर रहे हैं। इसके ज़रिए आप चाहें तो उनकी मदद कर सकते हैं।"
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