TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

जानिए क्या है UAPA बिल 2019, कौन हो सकता है आतंकवादी घोषित

राज्यसभा में शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (UAPA) संशोधन 2019 पास हो गया। विपक्ष ने इस बिल को लेकर आपत्तियां जताई, तो गृहमंत्री अमित शाह ने सिलसिलेवार तरीके से विपक्ष के सवालों का जवाब दिया।

Dharmendra kumar
Published on: 2 Aug 2019 9:32 PM IST
जानिए क्या है UAPA बिल 2019, कौन हो सकता है आतंकवादी घोषित
X

नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (UAPA) संशोधन 2019 पास हो गया। विपक्ष ने इस बिल को लेकर आपत्तियां जताई, तो गृहमंत्री अमित शाह ने सिलसिलेवार तरीके से विपक्ष के सवालों का जवाब दिया।

क्या किए गए हैं संशोधन

-पहले सरकार किसी व्यक्ति को नहीं बल्कि संस्था को आतंकवादी घोषित करती थी। अब किसी व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जा सकता है।

-पहले इस कानून के तहत केस की जांच डीएसपी या एसीपी स्तर के अधिकारी ही करते थे। अब इंस्पेक्टर लेवल के अधिकारी भी जांच कर पाएंगे।

यह भी पढ़ें…
राज्‍यसभा में UAPA बिल पास, अब आतंकवाद से सख्‍ती से निपटेगा भारत

-पहले किसी आतंकवादी की प्रॉपर्टी जब्त करने के लिए राज्य के डीजी की अनुमति लेनी होती थी। अब एनआईए का अधिकारी अपने यानी एनआईए के डीजी की अनुमति लेकर आतंकवादी की प्रॉपर्टी जब्त करने की कार्रवाई कर सकता है।

कौन हो सकता है आतंकवादी घोषित

गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि किसे आतंकवादी घोषित किया जा सकता है।

-जब कोई आतंकी गतिविधियों में भाग लेता है।

-आतंकवाद के लिए तैयारी करने में मदद करता है।

-आतंकवाद को बढ़ाने की कार्ययोजना बनाता है।

-घोषित आतंकवादी संस्थाओं में मिला हुआ है।

यह भी पढ़ें…जानिए कैसे, कुलदीप सिंह सेंगर की बर्बादी के सबसे असली विलेन हैं अखिलेश यादव

संपत्ति जब्त होगी

मौजूदा कानून के मुताबिक एक जांच अधिकारी को आंतकी से संबंधित संपत्ति को जब्त करने के लिए राज्य पुलिस के महानिदेशक का परमिशन लेने की आवश्यक्ता होती है जबकि अब नए बिल में प्रावधान हैं कि आतंकवादी गतिविधि पर संपत्ति जब्त करने से पहले एनआईए को अपने महानिदेशक से मंजूरी लेनी होगी।

यह भी पढ़ें…हाई अलर्ट! J&K में बड़ा हमला कर सकते हैं आतंकी, प्रशासन ने कहा- लौट जाएं सैलानी

ये कर सकते हैं जांच

मौजूदा कानून के मुताबिक उप पुलिस अधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त या इससे ऊपर रैंक के अधिकारी ही मामले की जांच कर सकते हैं जबकि नए बिल में प्रावधान है कि आतंकवाद के मामले में एनआईए का इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी भी जांच कर सकेगा। इसके अलावा आतंकी घोषित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद कानून के बिंदुओ को भी जोड़ा जाएगा।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story