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व्हाट्सएप ग्रुप के संदिग्धों की तलाश शुरू, जल्द ISI एजेंट से जुड़े लोग होंगे बेनकाब

एटीएस ने चंदौली के चौरहट निवासी राशिद अहमद की गिरफ्तारी के बाद दो भारतीय सिम से पाकिस्तान में चल रहे व्हाट्स एप से जुड़े लोगों की तलाश शुरू की है। जांच में सामने आया है कि दोनों व्हाट्स एप नंबर से कुछ ग्रुप बनाए गए हैं।

suman
Published on: 23 Jan 2020 11:03 AM IST
व्हाट्सएप ग्रुप के संदिग्धों की तलाश शुरू, जल्द ISI एजेंट से जुड़े लोग होंगे बेनकाब
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वाराणसी:एटीएस ने चंदौली के चौरहट निवासी राशिद अहमद की गिरफ्तारी के बाद दो भारतीय सिम से पाकिस्तान में चल रहे व्हाट्स एप से जुड़े लोगों की तलाश शुरू की है। जांच में सामने आया है कि दोनों व्हाट्स एप नंबर से कुछ ग्रुप बनाए गए हैं। इनसे भारत में आईएसआई के स्लीपिंग मॉड्यूल्स जुड़े हुए हैं। आशंका है कि इनमें से कुछ लोग जयपुर, जोधपुर और मुंबई में रहते हैं। वहीं इस बारे में राशिद एटीएस को कोई ठोस जानकारी नहीं दे सका है।

तीन दिन की कस्टडी रिमांड पर लिए गए राशिद से एटीएस के अलावा मिलिट्री इंटेलिजेंस, आईबी और अन्य प्रदेशों के आतंकवाद निरोधक दस्तों सहित आठ एजेंसियों ने पूछताछ की। उसे शुक्रवार सुबह वापस जेल में दाखिल किया जाएगा। अब तक की जांच में सामने आया कि राशिद द्वारा आईएसआई एजेंट आसिम को दिए गए दो भारतीय सिम के नंबरों से पाकिस्तान में अब भी व्हाट्स एप चल रहे हैं।

साथ ही संदेशों का आदान-प्रदान भी हो रहा है। एटीएस के अफसरों के अनुसार, आईएसआई एजेंट के संपर्क में रह रहे अन्य लोग भी जल्द ही बेनकाब होंगे। इस संबंध में अन्य राज्यों की एटीएस और शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों से भी सूचनाएं साझा की गई हैं।

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बता दें देश के सैन्य अड्डों और सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील स्थानों की फोटो और वीडियो आईएसआई को भेजने के आरोप में बीती 19 जनवरी की रात राशिद को पड़ाव से एटीएस के इंस्पेक्टर शैलेंद्र त्रिपाठी ने गिरफ्तार किया था। राशिद 2017 और 2018 में दो बार पाकिस्तान गया था। इसी दौरान वह आईएसआई एजेंट के संपर्क में आया और फरवरी 2019 में वापस भारत लौटा।

पूछताछ में बताया

राशिद ने पूछताछ ने बताया कि उसने जिन दो सिम के नंबर और ओटीपी आईएसआई एजेंट को दिए थे, उन्हें उसने 50 रुपये में खरीदा था। दोनों सिम उसके गांव के एक युवक ने अपने नाम से खरीदे थे। उसने दोनों सिम अपने भाई को दे दिए। उसके भाई से राशिद ने दोनों सिम खरीदे। राशिद को पता था कि अगर वह अपने नाम से सिम खरीदेगा तो पकड़ा जाएगा।

उसने बताया कि बनारस में उसके चार दोस्त हैं, लेकिन वह सब उसके और आईएसआई एजेंट के संपर्क के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। एटीएस राशिद के चारों दोस्तों और सिम देने वाले दोनों लोगों से भी पूछताछ करेगी।

आईएसआई के दोनों एजेंट ने ही उसे बताया था कि व्हाट्स एप से कॉल करने और सूचनाओं के आदान-प्रदान से वह कभी पकड़ा नहीं जाएगा। मार्च 2019 के बाद वह कराची में रहने वाली अपनी प्रेमिका अनम को फोन कर अकसर बात करने लगा तो सुरक्षा एजेंसियों को उस पर शंका हुई। यदि उसने जोधपुर में सैन्य अड्डे के पास दुकान खोल ली होती तो एक बार फिर पाकिस्तान जाता।

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किसी ने सही गलत नहीं बताया

गिरफ्तार राशिद पाकिस्तान के एक पत्रकार के भी संपर्क में था और अक्सर उससे बातचीत करता था। इसके प्रमाण भी ऑडियो क्लिप के तौर पर राशिद के मोबाइल से मिले हैं। मगर, पत्रकार ने कोई गोपनीय सूचना, फोटो या वीडियो उससे नहीं मांगे।

राशिद को जब लगने लगा कि कराची में रहने वाली उसकी प्रेमिका अनम से निकाह नहीं हो पाएगा तो उसने उससे बातचीत करनी लगभग बंद कर दी थी। इस बीच मुंबई आने-जाने के दौरान वहां की एक युवती से उसे प्यार हो गया। हालांकि मौजूदा समय में इस युवती से भी उसकी बातचीत न के बराबर होती थी।

उस पर कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया। उसने आठवीं तक पढ़ाई की। इसके बाद उसे जब जो उचित लगा, वह वैसा करता चला गया। यदि उसे किसी ने अच्छी बातें बताई होतीं तो शायद वह ऐसी बड़ी गलती कभी नहीं करता।

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