अंतिम संस्कार के बाद क्यों जरूरी होता है स्नान करना, यह है बड़ी वजह

हर धर्म के लोग जन्म से लेकर मौत तक सभी अपने धर्म के मुताबिक अपने रीति रिवाज निभाते हैं। किसी भी शवयात्रा में जाना और मृत शरीर को कंधा देना लगभग सभी धर्मों में बड़े ही पुण्य कार्य माना जाता है। हिन्दू धर्म में जब किसी भी मृत व्यक्ति की शव यात्रा निकाली जाती है तो उसके दाह संस्कार के बाद शव यात्रा में शामिल हुए सभी लोग नहाते हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 21 Jun 2019 2:50 PM GMT
अंतिम संस्कार के बाद क्यों जरूरी होता है स्नान करना, यह है बड़ी वजह
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नई दिल्ली: हर धर्म के लोग जन्म से लेकर मौत तक सभी अपने धर्म के मुताबिक अपने रीति रिवाज निभाते हैं। किसी भी शवयात्रा में जाना और मृत शरीर को कंधा देना लगभग सभी धर्मों में बड़े ही पुण्य कार्य माना जाता है। हिन्दू धर्म में जब किसी भी मृत व्यक्ति की शव यात्रा निकाली जाती है तो उसके दाह संस्कार के बाद शव यात्रा में शामिल हुए सभी लोग नहाते हैं। ये रिवाज सदियों से निभाया जा रहा है।

शायद ही लोगों को पता हो कि अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद क्यो स्नान करते हैं। जबकि अंतिम संस्कार के बाद स्नान करने के पीछे धार्मिक अौर वैज्ञानिक कारण हैं।

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श्मशान से आकर तुरंत स्नान करने की आवश्यकता क्या है? इतना ही नहीं कई सारे ऐसे प्रश्न हैं तो अधिकतर लोगों के मन में आता ही होगा पर इसके पीछे का कारण किसी को नहीं पता होता है तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके पीछे परंपरा के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण क्या हैं ?

शास्त्रों के अनुसार जब शव का दाह संस्कार कर दिया जाता है उसके बाद भी उस मृतआत्मा का सूक्ष्म शरीर कुछ समय तक वहां उपस्थित रहता है, जो अपनी प्रकृति के अनुसार कोई भी हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। अतः वहां जाकर आने के बाद नहाना चाहिए।

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हिन्दू धर्म शास्त्रों की मानें तो ऐसा कहा गया है कि शवयात्रा में शामिल होने या फिर श्मशान जाने से मनुष्य के भीतर भले ही कुछ देर के लिए ही लेकिन जीवन की सच्चाई का आभास होने लगता है। जिस मोह-माया के बंधन ने उसे जकड़कर रखा है, वह स्वयं उन्हें काटने का प्रयास करता है।

वैज्ञानिक कारण: इसके अनुसार शव का अंतिम संस्कार करने से पहले ही वातावरण सूक्ष्म और सक्रामक कीटाणुओं से ग्रसित हो जाता है।

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इसके इलावा मरने वाला व्यक्ति भी किसी सक्रामक बीमारी से ग्रसित हो सकता है। ऐसे में वहां मौजूद लोगों को बाद में स्नान करना जरूरी होता है।

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