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जानिए क्यों फूट-फूट कर रोए छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल
बस्तर के कद्दावर नेता और कोंडागांव से विधायक मोहन मरकाम ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष का पद संभाल लिया। 1 जून 2014 से प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल यह पद संभाल रहे थे। अब पद छोड़कर मोहन मरकाम को जिम्मेदारी सौंपते वक्त मुख्यमंत्री की आंखों से आंसू आ गए।
रायपुर: बस्तर के कद्दावर नेता और कोंडागांव से विधायक मोहन मरकाम ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष का पद संभाल लिया। 1 जून 2014 से प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल यह पद संभाल रहे थे। अब पद छोड़कर मोहन मरकाम को जिम्मेदारी सौंपते वक्त मुख्यमंत्री की आंखों से आंसू आ गए।
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लोगों का आभार जताया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते नए प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को अपनी कुर्सी सौंपी। इस दौरान भूपेश बघेल अपने संघर्ष के दिनों को याद कर रो पड़े। मंच से बोलते समय मुख्यमंत्री की आंखों से आंसू निकल आए। आंसूओं को थामते हुए पीसीसी अध्यक्ष पद के रूप में अपने अंतिम संबोधन में भूपेश बघेल ने सभी लोगों का आभार जताया। इस मौके पर कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, छत्तीसगढ़ प्रभारी अरूण उरांव, चंदन यादव समेत प्रदेश कांग्रेस मौजूद थे।
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''अकेले चलने के हौंसले होते हैं, उनके पीछे काफिले चलते हैं''
प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद मोहन मरकाम ने कहा, सीएम भूपेश बघेल का कार्यकाल याद आता है। भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव की जुगलबंदी ही अलग थी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को चार्ज करने का काम किया था। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले नेताओं को कांग्रेस ने पहचाना है और उन्हें मौका मिला। जिनमें अकेले चलने के हौंसले होते हैं, उनके पीछे काफिले चलते हैं।