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जीतें 1 लाख रुपए: सिर्फ कोरोना पर शेयर करें अपने Ideas, मौका कमाने का

कोरोना को हराने के लिए कश्मीर के वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों और जियांग विश्वविद्यालय चीन में कार्यरत कश्मीर के एक प्रबंधन विशेषज्ञ ने मिलकर एक इनोवेटिव आइडिया चैलेंज शुरु किया है।

Vidushi Mishra
Published on: 4 April 2020 9:22 AM GMT
जीतें 1 लाख रुपए: सिर्फ कोरोना पर शेयर करें अपने Ideas, मौका कमाने का
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नई दिल्ली। दुनिया में हर कोई कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने में लगा है, लेकिन अभी तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। कोरोना को हराने के लिए कश्मीर के वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों और जियांग विश्वविद्यालय चीन में कार्यरत कश्मीर के एक प्रबंधन विशेषज्ञ ने मिलकर एक इनोवेटिव आइडिया चैलेंज शुरु किया है। कोविड-19 इनोवेशन चैलेंज का उद्देश्य कोविड-19 वायरस का जल्द पता लगाने, उसके बचाव की प्रक्रिया, कोई नया बचाव उपकरण तैयार करना, कम लागत में वेंटीलेटर-मास्क निर्माण सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं को लेकर सुझाव पाना है।

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मिलेगा 1 लाख रुपये

इसके साथ यही नहीं सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित बनाते हुए कोई नया तरीका, कोविड-19 के मरीजों के प्रभावी प्रबंधन और संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों का मनोबल बढ़ाने व समाज में उन्हें दोबारा प्रतिष्ठित करने पर कोई युक्ति सुझाना भी होगा। जिस के सुझाव और तकनीक को चुना जाएगा, उन्हें 1 लाख रुपये की नकदी और एक प्रमाणपत्र मिलेगा।

इस इनोवेटिव पहल को शुरू करने वालों में एनआइटी श्रीनगर के प्रो. साद, जिजयांग विश्वविद्यालय चीन में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के डाॅ शेख फैयाज, रहीम ग्रीन्स कश्मीर के मालिक अब्दुल हमीद और आरफ फूड कश्मीर के मालिक अब्दुल रशीद शामिल हैं। स्थानीय लोगों की इस पहल से सरकार को कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद की जा रही है।

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सुझावों, फार्मूलों पर एक विशेषज्ञ समिति

ऐसे में रहीम ग्रीन्स कश्मीर के मालिक अब्दुील हमीद ने कहा कि इस चैलेंज में भाग लेने वाले अपने विचार और प्रस्तावित तकनीक के बारे में इनोवेशनफोरम कश्मीर एटजीमेलडॉटकाम पर 15 अप्रैल 2020 तक मेल कर सकते हैं। इन सभी सुझावों, फार्मूलों पर एक विशेषज्ञ समिति विचार करेगी। जो सबसे बेहतर होंगे, उन्हें सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं के संज्ञान में लाकर उन पर आगे काम किया जाएगा।

आगे उन्होंने कहा कि अगर कोई तकनीक स्थानीय संसाधनों के आधार पर विकसित की जा सकती है तो हम अपने स्तर पर उस पर काम करें।

उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट से निपटने के लिए हमारे पास सीमित संसाधन हैं। हमारे पास पर्याप्त संख्या में वेंटीलेटर नहीं है। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि रहीम ग्रीन्स ने कोरोना से लड़ने के लिए 10 लाख रुपये की धनराशि का योगदान करने के साथ ही श्रीनगर में बनाए गए क्वारंटाइन केंद्रों में जनरेटरों की सुविधा भी प्रदान की है।

कोरोना को हराना है और हम हराएंगे

आगे डाॅ शेख फैयाज ने कहा कि कश्मीर में कोविड-19 से जुड़े मामलों का अध्ययन करने पर हमने पाया है कि यहां प्रबंधन से जुड़े कई मुद्दे हैं। लोगों में पीड़ितों के प्रति एक नकारात्मक भावना को महसूस किया जा रहा है।

हमने इस समस्या को स्थानीय परिवेश में देखते हुए स्थानीय परिस्थितयों में ही इसका हल करना है। हमें इसका प्रसार रोकना है। हमें कोरोना को हराना है और हम हराएंगे।

हमने विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों से जुड़े विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों से भी इस संदर्भ में समन्वय बना रखा है ताकि हम कोविड-19 से निपटने के लिए अपनायी जा रही तकनीक व तौर तरीकों में जो बेहतर हैं, उन्हें यहां लागू कर सकें। ऐसा करने से हमें वायरस के निपटारे में सहायता मिलेगी।

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Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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