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विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़ा लेकिन सवालों में घिरा पाकिस्तान

भारतीय वायु सेना के पायलट, विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान शुक्रवार रात भारत लौट आए। उन्हें पाकिस्तान ने उस वक्त अपने कब्जे में ले लिया था, जब उनका मिग-21 लड़ाकू विमान पाकिस्तानी क्षेत्र में हादसे का शिकार हो गया था।

Anoop Ojha
Published on: 2 March 2019 11:17 AM IST
विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़ा लेकिन सवालों में घिरा पाकिस्तान
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नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना के पायलट, विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान शुक्रवार रात भारत लौट आए। उन्हें पाकिस्तान ने उस वक्त अपने कब्जे में ले लिया था, जब उनका मिग-21 लड़ाकू विमान पाकिस्तानी क्षेत्र में हादसे का शिकार हो गया था। वतन की सर जमीें पर कदम रखते ही विंग कमांडर अभिनंदन ने सबसे पहले कहा, ‘अब अच्छा लग रहा है’। भरत के वीर सपूत अभिनंदन की अगवानी सीमा सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों ने बाघा बॉर्डर पर की। 1 मार्च का दिन पाकिस्तान के लिए उस सबक जैसा था जो वह कभी भुला नहीं सकता है।-

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अटारी सीमा पर शुक्रवार सुबह से ही लोगों का हुजूम इकट्ठा होने लगा था। लोग तब सीमा पर डटे रहे जब तक हमारा अभिनंदन भारत की सरजमीं पर कदम नहीं रख दिया। ये लंबा इंतजार लोगों के लिए इतना उत्साह भरा था कि वो सीमा पर टिके रहे।इससे पहले पाकिस्तान की ओर से राजनीति के बहुत दांव पेंच खेले गए। कूटनीति के तमाम वार पलटवार हुए लेकिन जब अभिनंदन ने भारत की सीमा में पैर रखे तो सारे दुख, सारा इंतजार, सारी थकान हवा हो गई।

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विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की वतन वापसी के पीछे पाकिस्तान की कुत्सित मानसिकता कुछ ऐसे सवाल उभर कर सामने आ रहे है जो पाकिस्तान करना तो नहीं चाह रहा था लेकिन उसे दबाव में ​करना पड़ा। पाकिस्तान चाहता था कि वाघा-अटारी सीमा पर शाम के बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन को भारत के सुपुर्द किया जाए लेकिन भारत ने दो टूक कह दिया कि ऐसा करने का सवाल ही नहीं उठता। आखिर हिंदुस्तान अपने वीर की वापसी को तमाशे में कैसे बदलने देता।इतना ही नहीं पाक ने विंग कमांडर को भारत भेजने से पहले कई बार समय बदले। भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी हुकूमत को साफ संदेश भेजा कि आप उतना ही कीजिए जितना जिनेवा की संधि कहती है।

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पाकिस्तान के कथित 'ग्रैंड जेस्चर' पर तब और सवाल उठ गए जब पाकिस्तानी सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज में अभिनंदन को पीओडब्लू लिखा गया लेकिन यह कहीं उसमें जिक्र नहीं किया गया कि उन्हें जिनेवा कन्वेंशन के तहत छोड़ा गया है

पाकिस्तान अगर प्रेस रिलीज में पीओडब्लू लिख रहा है इसका मतलब है कि इस लड़ाई को वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाह रहा है।

इतना ही नहीं जिनेवा कन्वेंशन को दरकिनार करते हुए दुनिया में यह जतलाने की कोशिश करता है कि भारतीय कमांडर को 'गुडविल' और शांति संदेश के नाते छोड़ा जा रहा है। इस पर आगे विवाद होना तय है क्योंकि भारत इसे दुनिया के सामने जरूर रखेगा।

पाकिस्तान का एक बड़ा प्रपंच तब और सामने आया जब उसने अभिनंदन को भारत सौंपने से पहले एक वीडियो जारी किया जिसमें कई संपादित कट्स देखे गए।

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पाकिस्तान जरूर चाहेगा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण जाधव के साथ अभिनंदन का जिक्र कर दे, संयुक्त राष्ट्र में भी इसका जिक्र कर दे, ऐसी परिस्थितियों में उसे इस बात का जवाब देना पड़ेगा कि अगर अभिनंदन को आंख पर चोट लगी है तो क्यों, वीडियो क्यों बनाए गए क्योंकि जिनेवा कन्वेंशन के तहत वीडियो नहीं बना सकते।

अगर किसी दूसरे देश के फौजी को पाकिस्तान ने अपने पास रखा तो वह उसकी तस्वीर भी नहीं खींच सकता लेकिन वहां तो वीडियो बनाए गए। इसलिए एक पसोपेश की हालत में प्रेस रिलीज में अभिनंदन को पीओडब्लू तो लिखा गया लेकिन पाकिस्तान शायद यह भूल रहा है कि ऐसी सूरत में उसका विश्व बिदारदी में हल्का होना लाजिमी है।

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जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन

वर्ष 1949 के कन्वेंशन के दौरान बनाई गई संधियों में से एक, जेनेवा कन्वेंशन (III) 'प्रिजनर ऑफ वॉर' को परिभाषित करता है और ऐसे कैदियों को उचित और मानवीय उपचार देने के बारे में बात करता है जिनका उल्लेख पहले कन्वेंशन में मिलता है।

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तीसरे जिनेवा कन्वेंशन का अनुच्छेद 13 कहता है- किसी भी युद्धबंदी के साथ हर कीमत पर मानवीय व्यवहार होना चाहिए। युद्धबंदी जब तक कैद में हो उसके साथ किसी भी तरह का अमानवीय व्यवहार नहीं होना चाहिए। युद्धबंदी के साथ कोई भी गैरकानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। युद्धबंदी के स्वास्थ्य पर किसी भी तरह का बुरा असर नहीं पड़ना चाहिए और न ही उस पर ऐसी कोई सख्ती दिखानी चाहिए जिससे उसकी जान पर बन आए। अभिनंदन पर हुई सख्ती की गवाही तो उनके आने वाले वक्त के बयान से जाहिर होगी लेकिन यह तो साफ है कि जिनेवा समझौते का पाक उल्लंघन कर गया।



Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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