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झारखंड में लाह की खेती को मिलेगा कृषि का दर्जा, सरकार एमएसपी करेगी तय

झारखंड सरकार लाह की खेती को कृषि का दर्जा देगी और और इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य भी तय करेगी। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रांची स्थित भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान, नामकुम में आयोजित दो दिवसीय किसान मेला- सह- कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में यह घोषणा की।

Ashiki
Published on: 11 Feb 2021 2:05 PM GMT
झारखंड में लाह की खेती को मिलेगा कृषि का दर्जा, सरकार एमएसपी करेगी तय
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झारखंड में लाह की खेती को मिलेगा कृषि का दर्जा, सरकार एमएसपी करेगी तय

रांची: झारखंड सरकार लाह की खेती को कृषि का दर्जा देगी और और इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य भी तय करेगी। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रांची स्थित भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान, नामकुम में आयोजित दो दिवसीय किसान मेला- सह- कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि, किसानों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना सरकार का संकल्प है। इस बाबत कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री पशुधन योजना शुरू करने के साथ किसानों के ऋण को भी माफ कर रही है। किसानों को उनका उचित हक और अधिकार मिले, इसके लिए सरकार सभी संभव कदम उठाएगी ।

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किसानों की समस्या होगी दूर

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, किसान देश की रीढ़ हैं। ऐसे में किसानों की समस्याओं को लेकर राज्य सरकार चिंतित है। किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए सरकार कार्य योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि आज हम विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं लेकिन किसान धीरे-धीरे हाशिए पर जा रहे हैं। यह काफी चिंता की बात है। किसानों के हित में सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस वर्ष लक्ष्य की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा धान की खरीदारी की है।

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झारखंड और लाह की खेती

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, एक वक्त था, जब झारखंड की देश और दुनिया में लाह की खेती के लिए अलग पहचान थी। धीरे-धीरे इसमें गिरावट आने लगी। लेकिन मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि, झारखंडवासियों के खून में लाह की खेती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, लाह समेत अन्य वन उपज का वैल्यू एडिशन कर उसे पुरानी पहचान दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लाह की खेती के क्षेत्र में हम सिर्फ 15 प्रतिशत क्षमता का इस्तेमाल कर लगभग 20 हज़ार टन लाह उत्पादन कर रहे हैं। अगर पूरी क्षमता का इस्तेमाल हो तो फिर रिकॉर्ड उत्पादन के साथ देश दुनिया में झारखंड जाना जाएगा । इसमें भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान एक अहम रोल निभाता आ रहा है और आगे भी निभाएगा।

रिपोर्ट: शाहनवाज़

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