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झारखंड: सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का बुरा हाल, नहीं होता नियमित पेंशन का भुगतान

90 साल की बुधनी बेदरा बताती हैं कि, कई बार आवेदन देने के बाद भी पेंशन स्वीकृत नहीं हुआ। जानकारी के लिए कई बार प्रखंड कार्यालय गईं लेकिन कोई सूचना नहीं मिली।

Roshni Khan
Published on: 17 Feb 2021 5:31 AM GMT
झारखंड: सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का बुरा हाल, नहीं होता नियमित पेंशन का भुगतान
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झारखंड: सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का बुरा हाल, नहीं होता नियमित पेंशन का भुगतान (PC: social media)

रांची: झारखंड के पश्चिमि सिंहभूम ज़िला में खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच ने ज़िला स्तरीय जन सुनवाई का कार्यक्रम रखा। इस कार्यक्रम में जो तथ्य निकलकर सामने आए वो परेशान करने वाले हैं। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का ज़िला में बुरा हाल है। बुज़ुर्गों, महिलाओं और विकलांगों के लिए पेंशन उन्हे सम्मान के साथ जीने में मदद करता है। हालांकि, पेंशन योजनओं में खामियों की वजह से हज़ारों लोग इससे महरूम हैं। मंच से जुड़े कार्यकर्ताओं ने क़रीब एक माह तक ज़िला के विभिन्न गांवों का दौरा कर पेंशन से जुड़ी समस्याओं को जानने की कोशिश की।

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बार-बार आवेदन के बाद भी स्वीकृति नहीं

jharkhand-matter jharkhand-matter (PC: social media)

90 साल की बुधनी बेदरा बताती हैं कि, कई बार आवेदन देने के बाद भी पेंशन स्वीकृत नहीं हुआ। जानकारी के लिए कई बार प्रखंड कार्यालय गईं लेकिन कोई सूचना नहीं मिली। नाउम्मीद होकर घर लौट आईं। कहती हैं कि, पति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और घर में कमाने वाला कोई नहीं है। 66 साल की कानूराम बानरा और 75 वर्ष की तुलसी देवी बताती हैं कि, 6 बार पेंशन के लिए आवेदन करने के बाद भी स्वीकृति नहीं मिली। प्रखंड कार्यालय में आवेदन ज़रूर लिया गया लेकिन पेंशन नहीं मिला।

प्रमाण पत्र बनाने में कठिनाई

तुली देवी बताती हैं कि, तीन बार विधवा पेंशन के लिए आवेदन दिया। पति का मृत्यु प्रमाण नहीं होने की वजह से स्वीकृति नहीं मिली है। कमला कुई बताती हैं कि, 20 साल पहले पति दुनिया से चले गए। आज तक पति का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पाया। महेंद्र जामुदा विकलांग होने की वजह से चल नहीं पाते हैं। तीन साल पहले प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन दिया था लेकिन आज तक नहीं बना।

समस्याओं के बीच ग्रामीण

ज़िला के ग्रामीण कई समस्याओं से परेशान हैं। छोटी-छोटी समस्याओं के कारण उन्हे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। आधार कार्ड में कम उम्र दर्ज होना, आधार नहीं होने के कारण पेंशन स्वीकृत नहीं होना, बैंक से संबंधित समस्याएं, एकल महिलाओं से जुड़ी पात्रता, ज़िला में पेंशन योजनाओं की सीमित कवरेज समेत कई समस्याओं हैं जिसके कारण लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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jharkhand-matter jharkhand-matter (PC: social media)

मंच की सरकार से मांग

सभी बुजुर्गों, महिलाओं और विकलांगों को पेंशन मिले।

पेंशन की राशि बढ़ाकर 3000 रुपए प्रतिमाह की जाए।

आधार नंबर की अनिवार्यता को खत्म किया जाए।

पेंशनधारियों को हर माह के सातवें दिन पेंशन दी जाए।

मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया आसान बनाई जाए।

विकलांग प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया सरल बनाई जाए।

पेंशन संबंधी शिकायतों का तुरंत निपटारा हो।

रिपोर्ट- शाहनवाज़

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