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Lakhimpur Kheri News: मासूम बच्चे ने कहा- इन डॉक्टरों ने ले ली मेरे पापा की जान.... अगर समय से आते तो साथ होते पापा

Lakhimpur Kheri News: डॉक्टर ने मरीज को एक पर्चे पर रेफर दू फिजीशियन लिखकर एडमिट कर दिया लेकिन समय से इलाज न मिलने के कारण पिता ने बच्चे के सामने दम तोड़ दिया। अपनी आंखों के सामने पिता को मरते देख बेटे ने कहां कि डॉक्टरों की लापरवाही से मेरे पापा की मौत हो गई।

Himanshu Srivastava
Published on: 19 March 2023 4:19 AM IST
Lakhimpur Kheri News: मासूम बच्चे ने कहा-  इन डॉक्टरों ने ले ली मेरे पापा की जान.... अगर समय से आते तो साथ होते पापा
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Lakhimpur Kheri News: जिला अस्पताल में समय से डॉक्टर ने मिलने की वजह एक बेटे मरीज ने दम तोड़ दिया। डॉक्टर ने मरीज को हॉस्पिटल में एडमिट तो किया लेकिन उसे कोई देखने नहीं पहुंचा। यह आरोप एक बच्चे ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर लगाया। दरअसल एक 12 वर्षीय बच्चा अपने पिता को करीब रात करीब 1:00 बजे जिला अस्पताल लेकर आया। डॉक्टर ने मरीज को एक पर्चे पर रेफर दू फिजीशियन लिखकर एडमिट कर दिया लेकिन समय से इलाज न मिलने के कारण पिता ने बच्चे के सामने दम तोड़ दिया। अपनी आंखों के सामने पिता को मरते देख बेटे ने कहां कि डॉक्टरों की लापरवाही से मेरे पापा की मौत हो गई, डॉक्टर की हिम्मत है तो मेरे पापा को लौटा दें। उसने रोते हुए सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की है जिसका वीडियो सामने आया है।

बच्चे ने कहा- डॉक्टरों की लापरवाही से गई पिता की जान

कस्बा आयल के मोहल्ला महावीरी निवासी 55 वर्षीय राम चंद्र पांडे पुत्र कोदी पांडे का ब्लड प्रेशर बढ़ने पर परिजन उसे 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। उसके साथ उनका बेटा आदर्श भी आया था। आदर्श ने रोते हुए कहा मैं अपने पिता को मम्मी के साथ लेकर आया था। भर्ती होने के बाद मेरे उन्हें कोई डॉक्टर समय से देखने नहीं आया। मेरी मां ने पूछा तो बताया कि डॉ अगले दिन 9:00 बजे यो 11:00 बजे आएंगे। उसने कहा कि करीब आधे घंटे बाद डॉ. ललित कुमार ने पापा को भर्ती किया। लेकिन उसके बाद कोई देखने नहीं आया। करीब रात 1:50 बजे पिता ने दम तोड़ दिया था। डॉक्टरों की लापरवाही से पिता की जान चली गई।

बच्चे ने डॉक्टरों की लापरवाही की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की। हालांकि हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कर ली गई है। मरीज की मौत के मामले को लेकर जिला अस्पताल के डॉक्टरों से बात की गई तो डॉक्टर रामसेवक भदोरिया ने बताया कि मरीज का पल्स रेट बहुत कम था। उसे तुरंत ऑक्सीजन लगाया गया, जितना संभव था, उसको बचाने को प्रयास किया गया। डॉक्टरों पर लगाए गए आरोप गलत हैं।

Himanshu Srivastava

Himanshu Srivastava

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