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15 August 2023: जानिए सुभाष चंद्र बोस का जीवन और उनकी मौत का सच, क्यों आजतक बना हुआ है रहस्य

15 August 2023: सुभाष चंद्र बोस एक भारतीय राजनीतिक नेता और भारतीय स्वतंत्रता के लिए समर्पित राष्ट्रवादी थे। वो लोगों के बीच नेताजी के नाम से मशहूर थे। उनके जीवन से जुड़े कई राज़ थे जिनपर से आजतक पर्दा नहीं उठ पाया।

Shweta Shrivastava
Published on: 11 Aug 2023 6:03 AM GMT
15 August 2023: जानिए सुभाष चंद्र बोस का जीवन और उनकी मौत का सच, क्यों आजतक बना हुआ है रहस्य
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15 August 2023 (Image Credit-Social Media)

15 August 2023: सुभाष चंद्र बोस एक भारतीय राजनीतिक नेता और भारतीय स्वतंत्रता के लिए समर्पित राष्ट्रवादी थे। वो लोगों के बीच नेताजी के नाम से मशहूर थे। उनके जीवन से जुड़े कई राज़ थे जिनपर से आजतक पर्दा नहीं उठ पाया। कहा जाता है कि 18 अगस्त 1945 को ताइपे में एक विमान दुर्घटना की वजह से उनकी मृत्यु हो गयी थी। लेकिन इस बात को लेकर कई सारे विवाद भी हैं। कई लोग अपना अपना पक्ष रखते हैं और इसमें कई जाँच एजेंसियां भी जुटी हुईं हैं।

सुभाष चंद्र बोस का जीवन और उनकी मौत का रहस्य

बोस का जन्म 1897 में एक हिंदू-बंगाली परिवार में हुआ था और उनका पालन-पोषण कटक, उड़ीसा में हुआ, जहां उनके पिता एक वकील के रूप में काम करते थे। 1919 में कलकत्ता (आज का कोलकाता) में दर्शनशास्त्र की डिग्री के साथ स्नातक होने के बाद, वो भारतीय सिविल सेवा के अध्ययन के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय चले गए। हालाँकि, अपनी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने खुद को भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के लिए समर्पित करने का फैसला किया।

गाँधी जी के विचारों से असहमत थे नेताजी

कलकत्ता में वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) में शामिल हुए और पार्टी में आगे बढ़े। इस दौरान ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध में हिंसक कार्यवाहियों में भाग लेने के कारण वो कई बार जेल गए और बाहर भी आये। उन्हें जनता से मजबूत समर्थन मिला और 1930 में जेल में रहते हुए उन्हें कलकत्ता के मेयर के रूप में भी चुना गया। बोस कांग्रेस की कुछ नीतियों, विशेषकर गांधी के अहिंसक सविनय अवज्ञा के सिद्धांत से असहमत थे। 1933 और 1937 के बीच वे खराब स्वास्थ्य के चलते और उससे उबरने के दौरान वो यूरोप में रहे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रवादी विचारों को साझा करने के लिए कई यूरोपीय देशों का दौरा किया और इस समय द इंडियन स्ट्रगल और अपनी आत्मकथा दोनों लिखीं।

वियना में बोस अपनी पत्नी एमिली शेंकल से मिले, जिनसे बाद में उन्हें एक बेटी हुई। 1938 में बोस कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, लेकिन अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ सत्ता संघर्ष के कारण उन्हें अगले वर्ष इस्तीफा देना पड़ा। बोस ने तब फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया, इस पार्टी ने अंग्रेजों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग भी की।

भेष बदलकर ब्रिटिश सरकार को दिया चकमा

1941 में बोस ब्रिटिश निगरानी में थे, लेकिन वो भेष बदलकर अफगानिस्तान के रास्ते भाग निकले। कांग्रेस के प्रयासों से पहले से कहीं ज्यादा असंतुष्ट होकर, उन्होंने अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने में मदद करने के लिए धुरी शक्तियों से समर्थन लेने के लिए यूरोप का रुख किया। नाज़ी जर्मनी में बोस ने एडॉल्फ हिटलर से मुलाकात की और बर्लिन में फ्री इंडिया सेंटर की स्थापना की, जहाँ से उन्होंने स्वतंत्रता संदेशों को प्रसारित करने में एक वर्ष बिताया। जर्मनी ने बोस को एक छोटी सेना, फ्री इंडिया लीजन स्थापित करने में भी मदद की। 1943 में बोस अपनी पत्नी और बेटी को छोड़कर जापान चले गए जहाँ उन्हें भारतीय संघर्ष के प्रति काफी सहानुभूति मिली। उन्होंने सिंगापुर में आज़ाद हिंद, स्वतंत्र भारत की अनंतिम सरकार की स्थापना की। जापान ने 1943 में भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) को पुनर्जीवित करने में बोस का समर्थन किया और लगभग 40,000 सैनिकों की भर्ती की गई। बोस ने लक्ष्मी स्वामीनाथन के नेतृत्व में एक महिला रेजिमेंट की भी स्थापना की। 1944 में आईएनए भारत पर जापान के आक्रमण में शामिल हो गया लेकिन उसे करारी हार का सामना करना पड़ा। 15 अगस्त 1945 को बोस ने सिंगापुर से एक रेडियो प्रसारण के दौरान आईएनए के अंत की घोषणा की। तीन दिन बाद ताइवान में एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई।

इसके बाद देश को आज़ादी मिल गयी जिसके बाद भारत सरकार ने नेताजी की मृत्यु/लापता होने की तीन जाँच करवाई। जिसकी पहली रिपोर्ट में ये कहा गया कि 18 अगस्त, 1945 को उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जिसके बाद ताइहोकू के एक सैन्य अस्पताल में उन्हें ले जाया गया जहाँ उनकी मृत्यु हो गयी। साथ ही टोक्यो में रेंकोजी मंदिर में नश्वर अवशेष नेताजी के ही हैं।

फिलहाल सालों बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में एक संदिग्ध व्यक्ति के नेता जी होने का कई लोगों ने किया। उनके पास कई ऐसे दस्तावेज़ मौजूद थे जो सिर्फ उन्ही के पास हो सकते थे। लेकिन आजतक इसका पता कोई नहीं लगा सका और उस शख्स का भी निधन हो गया। वहीँ नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मौत एक रहस्य बनकर ही रह गयी।

Shweta Shrivastava

Shweta Shrivastava

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