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"अंशुमन भगत" अन्य लेखकों के मुकाबले बना रहे अपनी अलग पहचान
जमशेदपुर शहर के लेखक अंशुमन भगत इतनी कम उम्र में दुनियाभर में अपनी पहचान बना लीं। उन्होंने अपने लिखने की कला को जीवन का आधार बना लिया, जिसमें उन्हें सफलता मिली, पहचान मिली।
नई दिल्ली: युवा जिस उम्र में ये सोचते हैं कि आगे भविष्य में उन्हें क्या करना है, उस उम्र में 24 साल के अंशुमन भगत आज की नई पीढ़ी को उन्नत राह की दिशा में ले जाने का काम कर रहे हैं। जमशेदपुर शहर के लेखक अंशुमन भगत इतनी कम उम्र में दुनियाभर में अपनी पहचान बना लीं। उन्होंने अपने लिखने की कला को जीवन का आधार बना लिया, जिसमें उन्हें सफलता मिली, पहचान मिली। अंशुमन बहुत ही सरल स्वभाव के हैं, और जैसे इनका स्वभाव है वैसे ही भाव इनके द्वारा लिखी गई किताबों में भी मिलते हैं। जिसे पढ़ने वाला स्वंय में उन भावों का मुरीद हो जाता है। ये कला सब में नहीं होती है कि शब्दों के बल पर लोगों को अपना बना लिया जाए।
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“योर ओन थॉट” -अमेजॉन बेस्ट सेलर
अंशुमन की अब तक 5 किताबें पब्लिश हो चुकी हैं। इतनी कम उम्र में ही इन्होंने ज्ञान का भंडार एकत्र कर लिया। इनकी पहली किताब “योर ओन थॉट” है। जो अमेजॉन बेस्ट सेलर रही है।
फोटो-सोशल मीडिया
“ बेस्ट इंस्पिरेशनल कोट्स बाय अंशुमन भगत”
दूसरी किताब जिसका शीर्षक “ बेस्ट इंस्पिरेशनल कोट्स बाय अंशुमन भगत” है। अंशुमन की ये किताब भी अमेजॉन बेस्ट सेलर बनी चुकी है। इस किताब का प्रकाशन कन्नन पब्लिकेशन के द्वारा हुआ। इस किताब को पढ़कर पाठकों को आत्मनिर्भरता और स्वप्रेरणा से जुड़े ज्ञान का अनुभव होता है।
अंशुमन की किताब में लेखन के माध्यम से उनका यही प्रयास रहता है कि वे युवाओं को सही रास्ते पर चलना, समय के साथ आधुनिक हो रहे इस युग में खुद की पहचान बनाना भी और उसकी अहमियत से रूबरू करा सके।
फोटो-सोशल मीडिया
वे अपनी बातों को किताब को बेहद सरलता और काबिले तारीफ खूबसूरती से लिखते हैं जिसे सभी वर्गों के पाठकों को समझने में आसानी हो सके। उनकी किताब पाठकों के लिए प्रभावशाली साबित होती है।
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कुछ अच्छा और सकारात्मक बदलाव
अंशुमन की दूसरी किताब "बेस्ट इंस्पिरेशनल कोट्स बाय अंशुमन भगत " मे बहुत बेहतरीन और प्रसिद्ध प्रेरणात्मक विचारो का संग्रहण किया गया है। इस किताब को पढ़कर लोग अपने दैनिक जीवन में काफी कुछ अच्छा और सकारात्मक बदलाव कर सकते है।
फोटो-सोशल मीडिया
वैसे तो हम-आप क्या सभी जानते हैं कि आज की पीढ़ी के बच्चों-युवाओं का मन मनोरंजन की तरफ ज्यादा आकर्षित होता जा रहा हैं वे अपने जीवन में आगे क्या करना है कैसे उन्नत भविष्य बनाना है इस बारे में कुछ ध्यान ही नहीं देते हैं। अपने मन की नहीं सुनते है बस जिसने जो बता दिया, वही करने लगते हैं।
युवा हमेशा सही मार्ग की तरफ बढ़ें
फोटो-सोशल मीडिया
तो इस बारे में अंशुमन का कहना है कि युवाओं को सबसे पहले अपने आप में झांक के देखना चाहिए। अपने अंदर के हुनर का पहचानना चाहिए। किसी की बातों में आकर अपने भविष्य का निर्णय नहीं कर लेना चाहिए।
ऐसे में अंशुमन अपनी पूरी कोशिश करते हैं कि युवाओं को उनके लेखन से काफी मदद मिले। जिससे युवा हमेशा सही मार्ग की तरफ बढ़ते रहें। इनकी यही सोच उन्हे लोगों के बीच में एक अलग पहचान दिलाती है अपने इसी हुनर से उन्हें लोकप्रिय भी बनाती है।
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