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Chanakya Niti: कौन सा है वो पाप जिसकी माफ़ी स्वयं ईश्वर भी नहीं दे सकते, मनुष्य को मिलती है ये सजा

Chanakya Niti: चाणक्य निति के अनुसार हम मनुष्यों एक ऐसा पाप कर जाते हैं जिसकी माफ़ी ईश्वर के पास भी नहीं होती। आइये जानते हैं कौन सा होता है ये पाप और क्यों नहीं मिलती इसकी माफ़ी।

Shweta Shrivastava
Published on: 13 July 2023 5:25 AM IST
Chanakya Niti: कौन सा है वो पाप जिसकी माफ़ी स्वयं ईश्वर भी नहीं दे सकते, मनुष्य को मिलती है ये सजा
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Chanakya Niti (Image Credit-Social Media)

Chanakya Niti: माता पिता बनना इस दुनिया के सबसे कीमती पलों में से एक है। इसका एहसास बड़ा ही विचित्र और मनोहक होता है वही माता पिता अपने जीवन में अपने बच्चों के लिए अपना सर्वस्व लुटा देते हैं। इस बात का एहसास तब चलता है जब वो स्वयं एक माँ या पिता बनता है। लेकिन चाणक्य निति के अनुसार हम मनुष्यों एक ऐसा पाप कर जाते हैं जिसकी माफ़ी ईश्वर के पास भी नहीं होती। आइये जानते हैं कौन सा होता है ये पाप और क्यों नहीं मिलती इसकी माफ़ी।

ये है मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा पाप

आचार्य चाणक्य ने बताया कि मनुष्य अपने जीवन में कई तरह की गलतियां करता है। लेकिन वहीँ एक ऐसी गलती है जिसकी उसे कभी भी माफ़ी नहीं मिलती और वो पूरे जीवन उस गलती की सजा भुगतता रहता है। दरअसल जब किसी घर में संतान का जन्म होता है तो सबसे ज़्यादा जिन्हे ख़ुशी होती है वो हैं उस बच्चे के माता पिता लेकिन कल वही बच्चा बड़ा होकर अपने माता पिता की परवरिश पर ही सवाल खड़े करने लगता है। वो चीज़ों का हिसाब मांगता है ऐसे में वो अपने माता-पिता से ही गन्दी तरह से बात करना उनपर गुस्सा करना आती शुरू कर देता है। एक माता पिता तंग हाल अपने बच्चे के बारे में सोचते हैं भले की खुद रूखी सूखी में जी लें लेकिन अपने बच्चे के लिए वो हर तरह की सुविधा की कोशिश करते हैं। अपने समर्थ से ज़्यादा उनकी ख्वाहिशों को पूरा करते हैं। माता पिता की यही तमन्ना होती है कि बच्चे बड़े होकर एक कामयाब इंसान बने। इसके लिए वो हर संभव प्रयास भी करते हैं। लेकिन बच्चे बड़े होकर उन्ही माता पिता हो अपशब्द कहते नज़र आते हैं। आइये जनते हैं इसपर क्या कहती है चाणक्य नीति।

आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक चाणक्य निति में लिखा है कि अपने माता पिता से अपशब्द में बात करना एक ऐसी गलती है जिसकी माफ़ी भगवान् भी आपको नहीं दे सकते। दरअसल हथियार में उतनी शक्ति नहीं होती है जितनी जुबां में। आपकी बात और लहज़ा आपके मुँह से निकला हर एक शब्द या अपशब्द आपके माता पिता पर हथियार से भी ज़्यादा गहरा वार करता है। किसी को अपशब्द बोलकर आप बिना किसी अस्त्र शस्त्र की सहायता के सामने वाले को घायल कर सकते हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि जो व्यक्ति अपनी जुबां से अपने माता पिता को उल्टा सीधा बोलता है उसके इन पापों की सजा कहीं नहीं मिल सकती। अगर व्यक्ति अपने माता पिता के लिए अपनी ज़ुबान पर तीखे शब्दों को लाता है तो वो अपने जीवन का सबसे बड़ा पाप कर रहा है। चाणक्य नीति में साफ़ तौर पर लिखा हुआ है कि माता पिता को अपशब्द बोलना महापाप की श्रंखला में आता है।

दरअसल हिन्दू मान्यताओं के अनुसार माता-पिता को ईश्वर के समान माना गया है। ये माता पिता अपनी पूरी ज़िन्दगी सिर्फ बच्चो की खुशियां जुटाने में लगा देते हैं। वहीँ बच्चों के अपशब्द उन्हें तीर की तरह चुभते हैं। कहते हैं बन्दूक से निकली गोली और मुँह से निकली बात वापस नहीं जा सकती।



Shweta Shrivastava

Shweta Shrivastava

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