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ऐसा चाइल्ड प्रूफ होम, बच्चे के लिए बनेगा सुरक्षा कवच, जानें कैसे

 जिस घर  में छोटे बच्‍चे होते हैं उस घर के इंटीरियर के समय एक और चिंता परेशान करती रहती है, वह है बच्‍चों की सुरक्षा। क्योंकि चाहें कही के बच्चे हो बच्चे तो बच्चे होते हैं, उनका जिज्ञासू मन हमेशा नई चीज़ें तलाशता रहता है। वे कौन-सी चीज़ पकड़कर मुंह में डाल लें या किस चीज़ को गिरा दें कु

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 8 July 2020 10:47 PM IST
ऐसा चाइल्ड प्रूफ होम, बच्चे के लिए बनेगा सुरक्षा कवच, जानें कैसे
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लखनऊ: जिस घर में छोटे बच्‍चे होते हैं उस घर के इंटीरियर के समय एक और चिंता परेशान करती रहती है, वह है बच्‍चों की सुरक्षा। क्योंकि चाहें कही के बच्चे हो बच्चे तो बच्चे होते हैं, उनका जिज्ञासू मन हमेशा नई चीज़ें तलाशता रहता है। वे कौन-सी चीज़ पकड़कर मुंह में डाल लें या किस चीज़ को गिरा दें कुछ कह नहीं सकते। इसके अलावा वे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ भी खेल लेते है जो जानलेवा हो सकता हैं। इससे बचने के लिए अपने घर के इंटीरियर को चाइल्डफ्रूफ़ बनाने की।

*बाथरूम की सुरक्षा के लिए सबसे पहली ज़रूरत है उसके लॉक्स को सुरक्षित ऊंचाई पर इन्स्टॉल कराए। यदि वे बच्चों की पहुंच से दूर रहेंगे तो बच्चे के बाथरूम के अंदर अकेले लॉक हो जाने की संभावना कम हो जाएगी। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि ज़रूरत न होने पर बाथरूम का दरवाज़ा लॉक ही रहे, क्योंकि अनलॉक दरवाज़े से वे अंदर जा सकते हैं।

उसके बाद वहां फिसलने से लेकर फंसने तक जैसी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। बाथरूम में साबुन, शैम्पू, डिटर्जेन्ट पाउडर को इतनी ऊंचाई पर रखें कि बच्चों का हाथ पहुंच न पाए। यदि बाथरूम में बाथटब हो तो हैंडरेल्स और नॉन-स्किड बाथमैट्स ज़रूर हों।

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*सबसे पहले बच्‍चों की तरह घुटनों और टखनों को ज़मीन पर टिकाकर देख लें कि कि वो कौन-सी चीज़ें हैं, जो उनके हाथ लग सकती हैं। उन चीज़ों को इतनी ऊंचाई पर रखें कि वे उनके हाथ न लग सकें। समय-समय पर इसकी समीक्षा करनी चाहिए, क्योंकि बच्‍चे तेज़ी से बढ़ते हैं और साथ ही उनकी पहुंच भी बढ़ती है। तभी आप घर को चाइल्डप्रूफ़ बना सकते हैं।

*अनबैलेंस्ड फ़र्नीचर बच्चों पर गिर सकते हैं। हैवी ड्रेसर्स, एन्टरटेन्मेंट सेंटर्स, बुककेस या कोई भी ऐसा फ़र्नीचर बच्चे जिनपर चढ़ने की कोशिश कर सकते हैं उन्हें दीवार से सटाकर रखना चाहिए। बेहतर तो यह होगा कि उन्हें कील से दीवार में फ़िक्स कर दें, इससे उनके गिरने की संभावना कम होती है। अक्सर बच्‍चे टीवी टेबल्स पर चढ़ने की कोशिश करते हुए चोटिल हो जाते हैं। अत: इस मामले में भी सावधानी बरतनी चाहिए।

*बर्तनों के साथ खेलना या कहें उन्हें बजाना बच्‍चों का एक पसंदीदा टाइमपास है। जब उनके हाथ बर्तन रखने की जगह तक पहुंचने लगते हैं तो वे उन्हें अपना खिलौना समझने लगते हैं। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि बर्तनों को खिलौना समझनेवाले बच्चे घरवालों का ध्यान हटते ही गर्म बर्तनों को छूकर ख़ुद को जला लेते हैं। स्टोव नॉब कवर्स और अवन डोर लॉक्स सुरक्षा के कुछ उपाय हैं।

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*घर की खिड़की के आसपास से ऐसे चीज़ें हटा दें, जिनपर चढ़कर बच्चे खिड़की तक पहुंच सकें। साथ ही विंडो गार्ड्स और विंडो वेजेस लगवाएं, ताकि खिड़की ज़्यादा न खुले। यह करके आप खुली खिड़की के चलते होनेवाली किसी तरह की दुर्घटना को रोक सकते हैं।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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