TRENDING TAGS :
कपड़ों से कोरोनाः बना लें इनसे दूरी, जिंदा रहता है यहां वायरस, रिसर्च में खुलासा
कई शोध पहले भी हुए हैं और अब एक लेटेस्ट रिसर्च सामने आई है कि कोविड-19 वायरस सामान्य रूप से पहने जाने वाले कपड़ों पर तीन दिनों तक जीवित रह सकता है।
लखनऊ: कोरोना वायरस की धीमी रफ्तार के बाद एक बार फिर कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। अब फिर लोगों में इस महामारी को लेकर डर भी फैल रहा है। इर से इससे बचने के लिए लोगों को घरों में रहने और बार-बार हाथ धोने की सलाह दी जा रही है।
कोविड-19 वायरस
कोरोना वायरस को दुनिया में आए एक साल से भी अधिक का समय हो चुका है, लेकिन अभी भी वैज्ञानिक इसके बारे में पूरी तरह नहीं जान पाए हैं। हालांकि इसको लेकर लगातार शोध चल रहे हैं। यह वायरस कपड़ों समेत कौन सी सतह पर कितने समय तक जिंदा रहता है, इसको लेकर कई शोध पहले भी हुए हैं और अब एक लेटेस्ट रिसर्च सामने आई है कि कोविड-19 वायरस सामान्य रूप से पहने जाने वाले कपड़ों पर तीन दिनों तक जीवित रह सकता है।
यह पढ़ें....Newstrack: एक क्लिक में पढ़ें आज सुबह 10 बजे की देश और दुनिया की बड़ी खबरें
कपड़े धोते समय सावधानियां
यह रिसर्च ब्रिटेन के लीसेस्टर शहर में स्थित डी मोंटफोर्ट विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने किया है। वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन ये जानने के लिए किया कि कोरोना वायरस स्वास्थ्य सेवा से जुड़े उद्योग में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले तीन तरह के कपड़ों पर कैसे व्यवहार करता है। क्या यह वायरस कपड़ों पर जीवित रह सकता है और कपड़े धोते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
तीन दिनों तक वायरस
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि आमतौर पर हेल्थकेयर यूनिफॉर्म में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियों में वायरस के संचरण का जोखिम होता है। रिसर्च में आया कि पॉलिएस्टर ने उच्चतम संचरण जोखिम उत्पन्न किया। उसपर वायरस तीन दिनों के बाद भी मौजूद था और वो भी अन्य सतहों पर स्थानांतरित करने की क्षमता के साथ।
वायरस की स्थिरता
रिसर्च के मुताबिक, 100 फीसदी कॉटन पर वायरस 24 घंटे तक रहता है, जबकि रिसर्च के दौरान पाया गया कि पॉलीकॉटन पर वायरस केवल छह घंटे तक ही जीवित रहा। दरअसल, वैज्ञानिकों ने 72 घंटों तक प्रत्येक सामग्री पर वायरस की स्थिरता की निगरानी की।
यह पढ़ें....शाम-ए-अवध: इतना खूबसूरत लखनऊ का नजारा, मन मोह लेंगी ये तस्वीरें
100 फीसदी सूती कपड़े सबसे बेस्ट
रिसर्च में 100 फीसदी सूती कपड़े से वायरस को हटाने के लिए सबसे विश्वसनीय वॉश विधि को भी देखा गया। इस दौरान पाया गया कि जब डिटर्जेंट का उपयोग किया गया और तापमान 67 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ गया, तो वायरस पूरी तरह खत्म हो गया। रिसर्च में यह भी पाया गया कि स्वच्छ वस्तुओं को धोए जाने पर क्रॉस-कनटेमिनेशन का कोई खतरा नहीं था, यानी जिन वस्तुओं पर वायरस मौजूद थे, उनके साथ ही स्वच्छ वस्तुओं को भी धोने पर वायरस के मौजूद होने का कोई खतरा नहीं था।
वैसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कपड़ों को गर्म पानी से धोना चाहिए। माना जाता है कि डिटर्जेंट वायरस को मार देते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के मामले में ऐसा कोई डाटा नहीं है। फिर भी संक्रमित लोगों के कपड़े धोते समय सावधानी बरतनी चाहिए। इस रिसर्च से वायरस से बचाव में मदद मिलेगी।