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इतना आसान नहीं बेहतर बॉस बनना, इसलिए कहते हैं चाणक्य की बातों पर करें अमल
बॉस नाम सुनते ही कई लोगों की रचनात्मकता काम करना बंद कर देती है तो कई अपनी क्षमता का आधा ही परिणाम दे पाते हैं। पर सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों होता है?
लखनऊ: बॉस नाम सुनते ही कई लोगों की रचनात्मकता काम करना बंद कर देती है तो कई अपनी क्षमता का आधा ही परिणाम दे पाते हैं। पर सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? लंबे समय तक सकारात्मक परिणाम हासिल करने के लिए बॉस का अपनी टीम के साथ अच्छा तालमेल होना बेहद जरूरी है।
सफल बॉस उसी को कहते हैं जो सीमित संसाधनों के साथ काम करना और अपने सहयोगियों से बेहतर काम लेना जानता है। विपरीत परिस्थतियों में खुद को सामान्य रखते हुए कैसे बेहतर काम किया जाए और सहयोगियों का मनोबल कैसे ऊंचा रखा जाए, इसकी सीख चाणक्य से बेहतर शायद ही कोई दे सकता है। चाणक्य एक सफल गुरु होने के साथ एक बेहतर योद्धा भी थे। वह जानते थे कि समय जब विपरीत होता है तो किस तरह से अपनी उपयोगिता बनाए रखी जा सकती है। इसलिए मौजूदा समय में हर गुरू या बॉस को चाणक्य से जरूर सीख लेनी चाहिए।
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समय प्रबंधन
एक सफल नेता या बॉस वही होता है जो समय प्रबंधन में सफल होता है। समय प्रबंधन जिसका सही नहीं होता वह बेहतर काम कभी नहीं कर सकता है। सहयोगियों से काम लेने के लिए बॉस का समयबद्ध होना सबसे बड़ा गुण होता है। सफल नेतृत्व के लिए जरूरी है कि समय की जरूरत को समझे और समय के अनुसार काम करें। यह एक बेहतरीन गुण हर बॉस या नेतृत्व करने वाले में होना चाहिए।
क्षमता पहचानें
गुरु, बॉस या नेता हैं तो आपको अपने हर सहयोगी की क्षमता का पता होना जरूरी है। साथ ही यह भी समझना होगा कि समय पर कौन काम आ सकता है या कौन विपरीत परिस्थतियों में बिना घबराए काम करता है। सहयोगी के गुण, कमी और अच्छाई के बारे में एक बॉस को हमेशा जानकारी रखनी चाहिए।
अध्ययन और योजना
किसी भी कार्य की सफलता उसकी योजना और कार्य को लेकर किए गए अध्ययन पर निर्भर करती है। इसलिए किसी कार्य को शुरू करने से पहले उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करना और फिर एक योजना के अनुसार काम करना चाहिए। एक सफल नेतृत्व के लिए इस गुण का होना बेहद जरूरी होता है।
जिम्मेदारी वितरण
कार्य योजना तो बन गई, लेकिन एक रणनीति के तहत यदि काम का बंटवारा सहयोगियों में करने का गुण आप में नहीं तो आप सफल नेतृत्व नहीं कर सकते हैं। अच्छे और सफल कार्य के लिए बॉस को कार्य योजना की रणनीति भी बनानी चाहि। रणनीति बनाने के बाद ही कार्य शुरू करना चाहिए। कार्य को पूरा करने और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समूह को जिम्मेदारियों का वितरण करना चाहिए।
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प्रशंसा
बॉस लोगों में यह आदत होनी चाहिए कि वे जब भी किसी का अच्छा काम, विचार या सोच देखें तो उसकी प्रशंसा अवश्य करें। भारतीय प्रबंधकों में इस गुण की खासी कमी देखने को मिलती है। यहां तक कि कई बार जब वे ऐसी कोशिश भी करते हैं तो उनका यह प्रयास हाथ मिलाने, चेहरे पर छोटी-सी मुस्कान और कुछ रटे-रटाए शब्दों तक सीमित रह जाता है। यदि आप भी ऐसा ही करते हैं या खुद को इसी स्थिति में पाते हैं तो बेहतर होगा कि आप उनके काम की प्रशंसा के तरीके में नयापन लाएं। इन गुणों वाले गुरु, नेता और बॉस अपने सहयोगियों के साथ बेहतर सामन्जस्य स्थापित करते हैं और कार्य सफल होने की गारंटी भी देते हैं।
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