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Hindu Nav Varsh 2023: चैत्र माह से इसलिए होती है हिंदू नव वर्ष की शुरुआत, जानिए क्यों इतना ख़ास है ये महीना
Hindu Nav Varsh 2023: इस साल हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत चैत्र नवरात्रि के साथ हो जाएगी। कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि का आरंभ इसी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन से किया था।
Hindu Nav Varsh 2023: इस साल हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत चैत्र नवरात्रि के साथ हो जाएगी। कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि का आरंभ इसी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन से किया था। साथ ही सम्राट विक्रमादित्य ने भी अपने नाम से संवत्सर का प्रारंभ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन से ही किया था।
हिंदू नव वर्ष की शुरुआत
कल यानि 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि प्रारम्भ हो रही है साथ ही हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भी कल से शुरू हो जाएगी। जिसके साथ ही 22 मार्च 2023 दिन बुधवार को नव वर्ष 2080 शुरू हो जाएगा। आपको बता दें कि नल नाम के इस संवत्सर के राजा बुध और मंत्री शुक्र हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ये साल काफी शुभ होने वाला है। दरअसल बुध और शुक्र दोनों ही ग्रह आपस में मैत्री भाव रखते हैं और अगर किसी देश में राजा और मंत्री के बीच तालमेल अच्छा होता है तो तरक्की के नए अवसर खुलते हैं और सभी आगे भी बढ़ते हैं। वहीँ इस साल भी ऐसी ही कुछ स्थिति देखने को मिल रही है।
ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि," ब्रह्मा जी ने सृष्टि का आरंभ इसी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन से ही किया था। फिलहाल अब तक हिन्दू पंचांग के 2079 वर्ष पूरे हो चुके हैं और 22 मार्च 2023 से विक्रमी संवत 2080 शुरु होने वाला है।
क्यों होती है नवरात्र से नए वर्ष की शुरुआत
कई लोगों के मन में अक्सर ये प्रश्न ज़रूर उठता है कि यूँ तो नवरात्र वर्ष में चार होते हैं, जिसमे से दो नवरात्र गुप्त होते हैं वहीँ चैत्र तथा शारदीय नवरात्र वाह्य होते हैं, तो चैत्र मास से ही नव वर्ष का आरंभ क्यों होता है। किसी अन्य मास में नया साल क्यों नहीं मनाया जाता। जिसका सीधा और सरल जवाब ये है कि चैत्र ही एक ऐसा माह होता है जब प्रकृति सबसे खूबसूरत नज़र आती है। इसी समय वृक्ष और लताएं पल्लवित और पुष्पित होती हैं। इसी मास में भौंरों को मधुरस पर्याप्त मात्रा में मिलता है साथ ही हर तरफ हरियाली नज़र आती है। साथ ही भगवान श्रीराम ने चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन जन्म लिया था, जिससे इस माह का और भी महत्व बढ़ जाता है। वहीँ ये भी माना जाता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही सूर्य देव पहली बार चमके थे। इसलिए हिन्दू मान्यताओं में चैत्र माह और इस दिन का विशेष महत्त्व है।