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Jaya Kishor Motivation: जानिए आखिर क्यों आतीं है जीवन में परेशानियां, ये जानकार आपको अपना कष्ट लगेगा कम
Jaya Kishor Motivational Thoughts: जया किशोरी ने ये भी बताया कि जीवन में इतनी परेशानियां क्यों आतीं हैं वहीँ जब आप उनकी इस बात को सुनेगें तो आपकी सभी परेशानियां आपसे कोसों दूर भाग जायेंगीं।
Jaya Kishor Motivational Thoughts: कथावाचक जया किशोरी सोशल मीडिया पर अपनी अलग पहचान रखतीं हैं उनकी मोटिवेशनल बातें लोगों को काफी प्रभावित करतीं हैं। ऐसे में उन्होंने अपने भक्तों को जीवन की हर छोटी बड़ी चुनौतियों के बारे में बताते हुए कहा कि आपको इसका सामना करना होगा और आप इससे बेहद आसानी से निकल भी सकते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी बताया कि जीवन में इतनी परेशानियां क्यों आतीं हैं वहीँ जब आप उनकी इस बात को सुनेगें तो आपकी भी सभी परेशानियां आपसे कोसों दूर भाग जायेंगीं।
जया किशोरी ने बताया जीवन में क्यों आती हैं परेशानियां
कथावाचक जया किशोरी अपने भक्तों को हमेशा जीवन की हर परेशानियों से निपटने के लिए कई तरह की नसीयत देतीं हैं वहीँ उनकी कही बातों को उनके भक्त भी काफी तन्मयता से सुनते और समझते हैं अगर आप भी किसी तरह की चिंता से घिरे हुए हैं तो आपको भी जया किशोरी की मोटिवेशनल बातों को सुनना चाहिए जिससे आप जीवन को सकारात्मक तरीके से देखने लगेंगे। उन्होंने ये भी बताया कि आखिर जिंदगी इतनी कठिन क्यों होती है। ये आसान भी तो हो सकती है वहीँ बार बार जीवन में परेशानियां किस वजह से आती है?आइये जानते हैं कि इन सभी बातों का जया जी ने कितनी ख़ूबसूरती से जवाब दिया।
जया किशोरी ने बताया कि जीवन किसी के लिए भी आसान नहीं होता। भगवान् के लिए भी ये उतना सरल नहीं रहा। आप राम जी, भगवान् कृष्ण को देख सकते हैं। कोई भी सुखी नहीं रहा। सभी को अपने कष्ट का अनुभव हुआ। यही वजह है कि इस घरती पर सभी को कष्ट झेलना पड़ता है। जया जी ने जहाँ भगवान् राम के जीवन की चुनौतियों के बारे में बात की वहीँ उन्होंने श्री कृष्ण के जीवन की कठिनायों की भी चर्चा की। जहाँ श्री राम को 14 वर्ष के वनवास पर जाना पड़ा और जंगल में कई तरह के कष्टों से भी दो चार होना पड़ा फिर उनकी पत्नी सीता जी का हरण हुआ। इसके बाद हुई लंका पर चढ़ाई और फिर रावण का वध। जहाँ श्री राम को कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ा तो हम तो एक साधारण मनुष्य हैं।
इतना ही नहीं श्री कृष्ण का जीवन भी ऐसा ही रहा जहाँ वो जन्म लेते ही अपनी माँ देवकी और पिता वासुदेव से बिछड़ गए। वो फिर माँ यशोदा और पिता नंद बाबा के घर में पले। वहीँ कंस उन्हें मरने का लगातार प्रयास करता रहा। जिसके बाद बड़े होने पर श्री कृष्ण ने मथुरा पहुंच कर कंस का वध किया। इसके बाद कंस के ससुर जरासंध ने कंस के वध का प्रतिशोध लेने हेतू कृष्ण पर के आक्रमण किये और कई बार दोनों का युद्ध भी हुआ। लेकिन माँ यशोदा से अलग होने का दुःख श्री कृष्ण को हमेशा कचोटता रहा। इतना ही नहीं जहाँ सालों खेले रहे वहां से जाना उनके किये काफी कष्टकारी था। इसके बाद श्री कृष्ण मन की शांति के लिए द्वारका में बस गए। महाभारत के युद्ध में भी श्री कृष्ण ने सच का साथ दिया। लेकिन उनका जीवन भी कष्टों से भरा ही कहलायेगा। जो आपको भी कभी कष्टों या परेशानियों से दूर नहीं भागना चाहिए बल्कि उसका डटकर मुकाबला करीये।