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Kathavachak Palak Mishra: जया किशोरी को टक्कर देने वाली पलक, छा गई पूरे देश भर में
Kathavachak Palak Mishra: 17 साल की पलक लोगों के बीच काफी मशहूर हो गईं हैं। उन्हें कथा सुनना और कहना बेहद पसंद है। आइये जानते हैं कौन हैं वो।
Kathavachak Palak Mishra: सोशल मीडिया के दौर में कई कथावाचक काफी मशहूर हो गए हैं साथ ही इंस्टाग्राम से लेकर फेसबुक तक कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी इन धर्म गुरुओं के काफी चर्चे हैं। फिर चाहे हम बात करें पंडित धीरेंद्र शास्त्री की या जया किशोरी जी की। वहीँ इस समय भजन गायिका और कथावाचक जो महज़ 17 साल की हैं वो काफी सुर्खियां बटोर रही हैं। आइये हम आपको बताते हैं आखिर वो हैं कौन और क्यों उनके इतने चर्चे हो रहे हैं।
कौन हैं पलक मिश्रा (Kaun Hia Kathavachak Palak Mishra)
जहाँ एक तरह जया किशोरी जी के खूब चर्चे होते हैं उनकी बातों को उनके भक्त मंत्रमुग्ध होकर सुनते हैं वहीँ इन दिनों एक कथावाचक कही मशहूर हो गयी हैं जिनकी तुलना लोग जया किशोरी से करते दिख रहे हैं। लोगों को इनकी बातें खूब मंत्र मुग्ध कर रही है और उनकी प्रेरणा भरी बातें भी लोगों को काफी मोटिवेट कर रही हैं। दरअसल इनका नाम है पलक मिश्रा। जिनके भजन सभी को काफी पसंद आ रहे हैं और लोग उन्हें बार बार सुन रहे हैं।
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17 साल की पलक लोगों के बीच काफी मशहूर हो गईं हैं। उन्हें कथा सुनना और कहना बेहद पसंद है। उनके अंदाज़ को देखकर हर कोई उनकी तुलना जया किशोरी से कर रहे हैं। आपको बता दें कि पलक मिश्रा का मध्यप्रदेश के सतना काफी लगाव रहा है और वो रीवा से आतीं हैं। उनके कथा कहना लोगों को पसंद आता है लोग घंटो घंटो तक उनकी बातों को गौर से सुनते हैं। वहीँ इतना ही नहीं उनकी शक्ल भी काफी ज़्यादा जया किशोरी की तरह है। उनके लिए बताया जाता है कि पालक के नाना सतना नगर निगम में कार्यरत हैं जिनका नाम रमाकांत शुक्ला है।
पलक मिश्रा का प्रारंभिक जीवन
पलक का जन्म 24 दिसंबर 2005 को हुआ था। उनके पिता का नाम सतीश मिश्रा है जो पेशे से एक वकील हैं। पलक की दो बहनें और एक भाई भी हैं बहनों का नाम अपराजिता और आदित्या मिश्रा है और भाई का नाम मानस मिश्रा है। पलक ने बचपन से ही पाने घर में धार्मिक माहौल देखा। उनका असली नाम शाम्भवी मिश्रा है। वहीँ घर में सभी उन्हें पल्लवी कहकर बुलाते हैं। पलक के पिता काफी धार्मिक व्यक्ति रहे हैं और घर में नित्य प्रति अनुष्ठान होते रहते थे। घिरे घिरे पलक का झुकाव आधायत्म की तरफ बढ़ता चला गया। इसके बाद वो अपने घर में सभी को कथा सुनाया करतीं थीं। इसके बाद वो स्टेज पर लोगों के बीच भी कथा कहने लगीं।
पढ़ने में काफी तेज़ हैं पलक
पलक मिश्रा फिलहाल अभी 12वीं कक्षा में हैं और वो पढ़ने में काफी तेज़ हैं। उन्हें हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ का काफी अच्छा ज्ञान है। वहीँ उनकी श्रीमद भगवत कथा और कृष्ण कथा वाचन सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। उन्होंने पहली बार साल 2021 में रीवा के बांके बिहारी मंदिर में भगवत कथा सुनाई थी तबसे ही लोगों को उनका अंदाज़ खूब पसंद आया और वो सभी के बीच काफी प्रसिद्ध हो गईं। तबसे ही उनके कई कार्यक्रम हुए जिसे लोगों ने खूब पसंद किया।