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तुलसी के पौधे का आप रखें ध्यान, वो रखेंगी आपका और पर्यावरण का ख्याल

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना गया है. देवी-देवताओं की तरह तुलसी की पूजा का भी प्रचलन है. यहां तह कि देवप्रबोधिनी एकादशी के दिन लोग तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी करवाते हैं. शालिग्राम भगवान विष्णु का ही रूप हैं.

Vidushi Mishra
Published on: 12 May 2019 11:51 AM IST
तुलसी के पौधे का आप रखें ध्यान, वो रखेंगी आपका और पर्यावरण का ख्याल
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नई दिल्ली: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना गया है. देवी-देवताओं की तरह तुलसी की पूजा का भी प्रचलन है. यहां तह कि देवप्रबोधिनी एकादशी के दिन लोग तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी करवाते हैं. बता दें कि शालिग्राम भगवान विष्णु का ही रूप हैं.

मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां सुख, शान्ति और समृद्धि बने रहते हैं. चरणामृत और प्रसाद में तुलसी का प्रयोग किया जाता है. तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है.

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यही वजह है कि ज़्यादातर लोग अपने घरों में तुलसी का पौधा लगाते हैं. लेकिन कई बार इसमें कुछ बड़ी चूक हो जाती है जिस वजह से घर में आर्थिक परेशानी बनी रहती है. आइए जानते हैं कि किस तरह से तुलसी लगाना होगा शुभ:

तुलसी के आसपास कभी गन्दगी नहीं होगा चाहिए. इस पवित्र पौधे को किसी साफ-सुथरी जगह ही रखना चाहिए नहीं तो ये सूखने लगता है. अगर घर में तुलसीचौरा है तो प्रयास करना चाहिए कि कम से कम सप्ताह में एक बार गोबर से लीप दें.

तुलसी के पौधे में दूध में जल मिलाकर देने से तुलसी हमेशा हरी भरी रहती हैं. जिस गमले में तुलसी हों उसमें भूलकर भी कोई दूसरा पौधा नहीं लगाना चाहिए. इससे जड़ों को फैलने की जगह नहीं मिल पाती है और पौधा सूखने लगता है.

स्नान के बाद तुलसी को जल चढ़ाना चाहिए. कुछ लोग शाम को दिया-बाती के बाद तुलसी को जल अर्पित करते हैं जोकि ठीक नहीं है. इस बात का ख्याल रखें कि जब दीप बुझ जाए तो उसे तुलसी के पास से हटा दें.

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महिलाओं को तुलसी की पूजा कभी भी बाल खोलकर नहीं करनी चाहिए. इसलिए खुले बालों में कभी भी तुलसी को जल नहीं अर्पित करना चाहिए. जब भी तुलसी को जल देना हो बालों को बांधकर और सुहाग के सभी चिन्ह पहनकर ही जल दें.

कई लोग तुलसी को मां मानकर या तुलसी विवाह के बाद तुलसी जी को चुनरी ओढ़ाते हैं. लेकिन इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि जब चुनरी पुरानी हो जाए या फल जाए तो उसकी जगह तुलसी जी को नई चुनरी ओढ़ा देनी चाहिए.



Vidushi Mishra

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