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Premanand ji Maharaj: जानिए प्रेमानंद जी इतनी गंभीर बीमारी में कैसे रख रहे अपना ख़्याल, होश उड़ जाएंगे आपके
Premanand ji Maharaj:संत श्री प्रेमानंद महाराज जी ने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव भरा दौर देखा है जहाँ डॉक्टर्स ने उन्हें किसी भी तरह की वर्जिश करने से भी मना कर दिया था क्योकि उनकी दोनों किडनी ख़राब हो चुकी हैं। आइये जानते हैं ऐसे में महाराज जी अपना ख्याल कैसे रखते हैं।
Premanand ji Maharaj: संत श्री प्रेमानंद महाराज जी अपने सत्संगों और विचारों को लेकर सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ काफी पॉपुलर हैं। वो अपनी बातों से लोगों को ज़िन्दगी जीने की सही राह दिखते हैं। प्रेमानंद महाराज जी राधा रानी के परम भक्त हैं साथ ही ऐसी मान्यता है कि जो भी उनके सत्संग को पूरे मन से सुनता है उसे राधा रानी के दर्शन ज़रूर होते हैं। साथ ही अगर आप उनकी बातों का अनुसरण करते है तो आपको जीवन में कई प्रकार के कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। संत श्री प्रेमानंद महाराज जी ने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव भरा दौर देखा है जहाँ डॉक्टर्स ने उन्हें किसी भी तरह की वर्जिश करने से भी मना कर दिया था क्योकि उनकी दोनों किडनी ख़राब हो चुकी हैं। आइये जानते हैं ऐसे में महाराज जी अपना ख्याल कैसे रखते हैं।
दोनों किडनी ख़राब होने पर भी प्रेमानंद महाराज जी ऐसे रखते हैं अपना ख्याल
संत श्री प्रेमानंद महाराज जी की ज़िन्दगी में कुछ समय के लिए काफी चीज़ें बदल गईं थीं जब उन्हें डॉक्टर्स ने ये बताया कि उनकी दोनों किडनियां ख़राब हो चुकी है। लेकिन महाराज जी ने हार नहीं मानी और उन्होंने इस हाल में भी सकारात्मकता नहीं छोड़ी। साथ ही एक कठिन दिनचर्या को अपनाते हुए उन्होंने दोनों किडनी ख़राब होने के बाद भी अपने जीवन को बेहद अच्छे से संभाला हुआ है। आइये जानते हैं किस तरह से प्रेमानंद महाराज जी अपना ख्याल रखते हैं और क्या है उनकी दिनचर्या।
प्रेमानंद महाराज जी बेहद गंभीर बीमारी में भी सत्संग करते हैं और अपने भक्तों को सही रास्ता दिखाते हैं। दूर दूर से उनके भक्त उनके दर्शन के लिए वृंदावन आते हैं। वहीँ आपको बता दें कि प्रेमानंद जी की 10 से 15 सालों से दोनों किडनी खराब हैं। इतना ही नहीं प्रेमानंद जी को पॉलीसिस्टिक किडनी रोग Ploycystic Kidney Disease है। जिसकी वजह से उनकी दोनों किडनी ख़राब हो गयी थी। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने खुद को स्वस्थ रखा हुआ है। ऐसे में प्रेमानंद महाराज जी सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं और फिर वृंदावन की परिक्रमा करते हैं। सुबह के समय ही कई लोग उनके दर्शन करने भी आते हैं।
वो अपनी इस बीमारी के बाद भी रोज़ सतसंग करते हैं और अपने भक्तों की परेशानियों को भी सुनते हैं। साथ ही उन्हें सही रास्ता दिखाते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रेमानंद महाराज जी दिनभर में कुछ ही घंटे सोते हैं और सुबह 2 बजे उठ जाते हैं। जिसके बाद वो वृंदावन की परिक्रमा करते हैं। इसके बाद 4:20 बजे से 5:20 के बीच वो भक्तो के साथ सत्संग करते हैं। इसके बाद प्रेमानंद महाराज जी 5:30 से 6:30 के बीच राधा नाम संकीर्तन भक्त नामावली और इसके बाद 9:30 शृंगार आरती का आयोजन करते हैं। इसके बाद वो दोहपर में संत श्री प्रेमानंद महाराज जी दैनिक वाणी पाठ, संध्या आरती और सत्संग करते हैं। वो राधा वल्लब और बांके बिहारी जी के दर्शन और परिक्रमा रोज़ करते हैं कभी कभी उनकी तबियत बिगड़ने भी लगती है तो भी वो राधा रानी और बांके बिहारी जी की आराधना ज़रूर करते हैं।
भक्तों का मिलता है प्यार
प्रेमानंद महाराज जी से लोग बेहद प्रभावित रहते हैं ऐसे में वो उन्हें अपनी किडनी देने के लिए भी तैयार रहते हैं। उनके कई भक्तों ने कई बार उन्हें अपनी किडनी देने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन वहीँ प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उन्हें किडनी की कोई आवश्यकता नहीं है। उन मानना है कि किसी और के शरीर को काटकर उनका अंग निकलकर अपने शरीर में लगा लेना सही नहीं है। साथ ही वो कहते हैं कि इस शरीर को जबतक चलना है तबतक चलेगा। वो अपने सुख के लिए किसी और को किसी तरह का कोई कष्ट नहीं देना चाहते।