एड्स के मरीजों के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं ये इलाज

अब एड्स के मरीजों के लिए अच्छी खबर आ गयी है या ये कहे कि उनके लिए संजीविनी बूटी मिल गयी है। एचआईवी के चिकित्सा की दिशा में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा 'किल स्विच' खोज निकाला है

Roshni Khan
Published on: 21 Jun 2023 5:11 AM GMT
एड्स के मरीजों के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं ये इलाज
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लखनऊ: अब एड्स के मरीजों के लिए अच्छी खबर आ गयी है या ये कहे कि उनके लिए संजीविनी बूटी मिल गयी है। एचआईवी के चिकित्सा की दिशा में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा 'किल स्विच' खोज निकाला है, जो एड्स का कारण बनने वाले वायरस से संक्रमित कोशिकाओं के रिप्रोडक्शन का पूरी तरह खात्मा करेगा।

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सेल्स में निष्क्रिय पड़े वायरस को खत्म करने के लिए इस आण्विक स्विच को नियंत्रित किया जा सकता है। काफी सालों से दुनियाभर के वैज्ञानिक दशकों से इसकी खोज में जुटे हुए थे। लेकिन काफी सालों बाद इसकी खोज में कामयाबी मिली और एचआईवी से पीड़ित लोग अब वायरस को खत्म करने के लिए दवाएं ले सकते हैं, लेकिन यह पूरा उपचार नहीं है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने यह खोज की है।

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इंसानों की सेल्स पर हुआ प्रयोग :

प्रयोगशाला में इंसानों की सेल्स पर हुए परीक्षण में वैज्ञानिकों ने पाया कि एक विशेष मॉलेक्यूल को नियंत्रित करके निष्क्रिय एचआईवी सेल्स को नष्ट किया जा सकेगा। वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि वह पिछले तीन दशकों से इस स्विच को खोजने में जुटे थे। वैज्ञानिकों का विश्वास है कि अध्ययन में मिली सफलता के जरिए एड्स को जड़ से खत्म करने में मदद मिल सकेगी।

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वर्तमान में थेरेपी और दवा ही हैं सहारा :

वर्तमान में एचआईवी से पीड़ित मरीज जीवनभर दवाएं लेते हैं। वायरस को दबाने के लिए एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी की मदद लेते हैं। लेकिन इसके लिए एक उपचार की खोज अभी भी बाकी है। थेरेपी के बंद होने के बाद यह वायरस दोबारा सक्रिय हो जाता है। कई गुना तेजी से बढ़ता है और दूसरों को संक्रमित करने या एड्स होने का खतरा बढ़ जाता है। आंकड़ों के हिसाब से दुनियाभर में 36.9 मिलियन लोग एचआईवी से संक्रमित हैं।

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उम्मीद की जागी किरण :

प्रमुख अध्ययनकर्ता डॉ. तारिक राना का कहना है कि पिछले तीन दशकों से जिस खोज में एचआईवी फील्ड जुटा है, उसमें यह एक महत्वपूर्ण स्विच है। इस खोज का सबसे दिलचस्प हिस्सा यह है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इस खोज के जरिए अब हमारे पास एचआईवी और एड्स को रोक ने के लिए कुछ समय मिल जाएगा। यह सफलता वैज्ञानिकों के लिए एक बेहद खुशी की बात है, लेकिन अभी इस दिशा में और अध्ययन करने की जरूरत है।

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संक्रमित होने वालों की संख्या 1.8 मिलियन से अधिक-

रिपोर्ट के अनुसार, 1980 के दशक में एड्स महामारी शुरू होने के बाद से 77 मिलियन से अधिक लोगों में इसका वायरस फैल चुका है। 2017 में दुनिया भर में लगभग 40 मिलियन लोग एचआईवी पॉजिटिव थे। ग्लोबल हेल्थ के विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस से मरने वालों की संख्या में प्रतिवर्ष कमी आ रही है और एंटीरेट्रोवायरल उपचार लेने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है। लेकिन फिर भी हर साल एचआईवी से संक्रमित होने वालों की संख्या अभी भी 1.8 मिलियन से अधिक है। दुनियाभर में 2017 में 40 मिलियन लोग एचआईवी पॉजिटिव थे।

Roshni Khan

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