TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

जींस पहनना खतरनाक: पहनें तो धोएं कम, आपकी सेहत से जुड़ा है मामला

हमें अपने पर्यावरण के संरक्षण के हिसाब से ही अपना रहन सहन अपनाना चाहिए । क्या आप जीन्स पहनते हैं? आधी से ज़्यादा दुनिया ब्लू या किसी और रंग के डेनिम जीन्स पहनने का शौक रखती है, लेकिन इस फैक्ट से बेखबर हैं कि इस जीन्स के सूक्ष्म पार्टिकल नदियों, झीलों या समुद्र में जाकर मिलते हैं।

Newstrack
Published on: 15 Oct 2020 1:21 PM GMT
जींस पहनना खतरनाक: पहनें तो धोएं कम, आपकी सेहत से जुड़ा है मामला
X
जींस पहनना खतरनाक: पहनें तो धोएं कम, आपकी सेहत से जुड़ा है मामला

नई दिल्ली: हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में खाने-पीने के साथ-साथ पहनना और रहना सभी का संबंध पर्यावरण से सीधे तौर पर सम्बंधित है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए जो लोग शिद्दत से काम करते हैं, उनका रहन-सहन कैसा है और वो किस तरह के फैशन की वकालत करते हैं। जिज्ञासा होना चाहिए कि आपके किस एक्शन से पर्यावरण पर क्या असर पड़ सकता है।

जीन्स के सूक्ष्म पार्टिकल नदियों, झीलों को नुकसान पहुंचाते हैं

हमें अपने पर्यावरण के संरक्षण के हिसाब से ही अपना रहन सहन अपनाना चाहिए । क्या आप जीन्स पहनते हैं? आधी से ज़्यादा दुनिया ब्लू या किसी और रंग के डेनिम जीन्स पहनने का शौक रखती है, लेकिन इस फैक्ट से बेखबर हैं कि इस जीन्स के सूक्ष्म पार्टिकल नदियों, झीलों या समुद्र में जाकर मिलते हैं और नुकसान करते हैं।

Wash jeans less-2

माइक्रोफाइबर भी शामिल होते हैं

रिसर्च में पता चला है कि जीन्स जब धोई जाती है, तो सूक्ष्म रेशे उसमें से निकलते हैं और व्यर्थ पानी के साथ बह जाते हैं। हालांकि रिसर्च में अभी यह पता नहीं चला है कि इससे वाइल्डलाइफ और पर्यावरण को किस तरह नुकसान होता है, लेकिन चिंता ज़रूर जताई गई है। कहा गया है कि भले ही डेनिम कॉटन से बनता है, लेकिन इसमें कई तरह के रसायनों का इस्तेमाल होता है, जिनमें माइक्रोफाइबर भी शामिल हैं।

ये भी देखें: CNG बोट से गंगा की सेहत सुधारने की तैयारी, घाट किनारे बनेंगे पंप

Wash jeans less-6

जलस्रोतों की तलछट में मिले कई सूक्ष्म रेशे जीन्स के सूक्ष्म कण

जितनी बार जीन्स धोई जाती है, ये रेशेनुमा माइक्रोफाइबर हर बार निकलते हैं और व्यर्थ पानी के साथ नदियों, झीलों या अन्य जलस्रोतों में पहुंच जाते हैं और प्रदूषण का कारण बनते हैं। रिसर्च में वैज्ञानिकों ने जलस्रोतों की तलछट में मिले कई सूक्ष्म रेशों का परीक्षण कर पता किया कि वो जीन्स से निकले सूक्ष्म कण ही हैं।

अमेरिका और कनाडा के कई हिस्सों में कई छोटी बड़ी झीलों की तलछट में डेनिम माइक्रोफाइबर का प्रदूषण पाया गया। चूंकि दुनिया में कई लोग जीन्स पहन रहे हैं इसलिए शोधकर्ताओं ने इस प्रदूषण को जीन्स के साथ जोड़कर रिसर्च की। ये भी पता चला कि जीन्स की लिए सिंथेटिक डाय का इस्तेमाल होता है। सिंथेटिक प्राकृतिक पदार्थ नहीं है और जीन्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले कुछ पदार्थ तो ज़हरीले तक भी होते हैं।

Wash jeans less-3

पॉलीविनाइल क्लोराइड कैंसर का कारण बन सकता है

ये फाइबर्स अस्ल में, सूक्ष्म प्लास्टिक होते हैं, जिनमें पर्यावरण के लिए नुकसानदायक केमिकल होते हैं। वैज्ञानिक अभी पूरी तरह नहीं जानते कि प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों से मनुष्यों की सेहत को किस तरह खतरे होते हैं। लेकिन कुछ के बारे में पता चल चुका है जैसे पॉलीविनाइल क्लोराइड कैंसर का कारण बन सकता है, तो कुछ केमिकल्स हॉर्मोन संबंधी गड़बड़ियां पैदा करते हैं।

Wash jeans less-4

ये भी देखें: मोदी सरकार का बड़ा तोहफा: राहत पैकेज का ऐलान जल्द, इन सेक्टर्स की होगी चांदी

माइक्रोप्लास्टिक को लेकर सतर्क रहना ज़रूरी

इस स्टडी का कहना यही है कि माइक्रोप्लास्टिक को लेकर सतर्क रहना ज़रूरी है। प्राकृतिक माइक्रो फाइबर वाले डेनिम में भी चूंकि केमिकल हैं इसलिए इसे लेकर भी चिंता की जाना चाहिए। एक बात और समझना चाहिए कि वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में 83 से लेकर 99 फीसदी तक इस तरह के माइक्रो प्लास्टिक को ट्रीट कर दिया जाता है। तो फिर क्यों इसे लेकर चिंता है?

Wash jeans less-5

जीन्स एक बार धोने में 50 हज़ार माइक्रो फाइबर निकलते हैं

जीन्स एक बार धोने में 50 हज़ार माइक्रो फाइबर निकलते हैं, तो इसका एक परसेंट जो ट्रीट नहीं हो पाता, वह भी 500 फाइबर का है। यह संख्या भी कम नहीं है। ये एक जोड़ी जीन्स का गणित है। यानी एक जोड़ी जीन्स से 500 फाइबर ट्रीट नहीं हो पा रहे, तो अब अंदाज़ा लगाइए कि दुनिया की आधी आबादी अगर जीन्स पहन रही है तो हर बार धोने में कितने फाइबर पानी में जाकर मिल रहे हैं!

Newstrack

Newstrack

Next Story