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OMG! इसलिए लड़कियों की जींस में होती है चेन, ये राज आपके होश उड़ा देगा

Zipper in Women’s Jeans: लड़कियों की जींस में ज़िपर क्यों होते हैं? इस फैशन ट्रेंड का इतिहास क्या है? ये सवाल क्या कभी आपके मन में आया है? आइये हम आपको विस्तार से बताते हैं ऐसा क्यों है।

Shweta Shrivastava
Published on: 23 Jun 2023 8:06 AM IST (Updated on: 23 Jun 2023 8:09 AM IST)
OMG! इसलिए लड़कियों की जींस में होती है चेन, ये राज आपके होश उड़ा देगा
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ladkiyo ki jeans me chain kyu hoti hai (Image Credit-Social Media)

Zipper in Women’s Jeans: हर लड़की के पास जींस का एक पेयर तो ज़रूर होता है जो उसे अच्छा और कॉंफिडेंट महसूस कराता है। लेकिन लड़कियों की जींस में ज़िपर क्यों होते हैं? इस फैशन ट्रेंड का इतिहास क्या है? ये सवाल क्या कभी आपके मन में आया है? इस रोचक तथ्य के बारे में आइये हम आपको विस्तार से बताते हैं और ये भी बताते हैं कि ये कबसे चला आ रहा है।

इसलिए लड़कियों की जींस में होती है चेन (ladkiyo ki jeans me chain kyu hoti hai)

आखिर लड़कियों की जींस में ज़िप या जिपर क्यों होता है। इस सवाल का जवाब देने से पहले हम आपको इसके इतिहास के बारे में कुछ जानकारी दे देते हैं।

1. ज़िपर का आविष्कार 16वीं शताब्दी के जर्मन आविष्कारक कॉनराड ज़िप्पे ने किया था, जिन्होंने दो इंटरलॉकिंग दांतों का उपयोग करके एक प्रकार का कपड़े बांधने वाला उपकरण बनाया था जिसे लीवर के साथ खींचा जा सकता था।

2. 1892 में, स्विस घड़ी निर्माता लुई ब्रांट ने ज़िपर के आधुनिक संस्करण का आविष्कार किया, जिसे ब्रांट-लूज़ लॉक या संक्षेप में "ब्रांट" कहा जाता है।

3. कपड़ों में ज़िपर का पहला उपयोग 1913 में हुआ जब इन्हें महिलाओं के अंडरवियर में पहनना और उतारना आसान बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया।

4. आज, महिलाओं की जींस लगभग हमेशा ज़िपर फ्लाई के साथ डिज़ाइन की जाती है क्योंकि ये बटन या स्नैप की तुलना में बेहतर फिट और आराम देती है (जब तक कि आपने स्किनी जींस नहीं पहनी हो)।

5. लड़कियों की जींस आमतौर पर ज़िपर के साथ आती है।

आपने एक बात नोटिस की होगी कि महिलाओं की जींस में ज़िपर का आकार थोड़ा छोटा होता है और ये पतला भी होता है। स्किनी फिट जींस में तो ये और भी स्लिम लगती है। ये सिर्फ एक फैशन एक्सेसरी नहीं है बल्कि महिलाओं के लिए जींस को लचीला भी बनाती है।

दरअसल, 1800 के दशक में जब जींस मजदूरों के लिए बनाई गई थी, तब ज्यादातर महिलाएं मजदूरी का काम नहीं करती थीं, लेकिन धीरे-धीरे इसकी भी शुरुआत हो गई। महिलाओं की शारीरिक संरचना पुरुषों के शरीर से अलग होती थी और महिलाओं की कमर का आकार भी बड़ा होता था। शुरुआत में जो जींस बनाई जाती थी वो बहुत कम लचीली होती थी और इसलिए जींस को महिलाओं के फिगर के हिसाब से रखने के लिए ये जिपर दिया गया ताकि वो महिलाओं के कूल्हों के ऊपर आसानी से चढ़ और उतर सकें और उन्हें ज्यादा परेशानी न हो।

अब इसे जींस की बनावट के आधार पर छोटा या बड़ा कर दिया जाता है। यहां बात महिलाओं के फिगर की भी आती है। अगर ज़िपर को पुरुषों की जींस की तरह बड़ा और मोटा कर दिया जाए तो महिलाओं के पेट का निचला हिस्सा और योनि का हिस्सा भी फूला हुआ दिखेगा। ये देखने में अच्छा नहीं लगेगा और इसलिए महिलाओं की ज़िपर सिर्फ इसलिए रखी जाती है ताकि जींस उनके कूल्हों से आसानी से चढ़ सके और महिलाओं का फिगर फूला हुआ न दिखे। जींस के डिजाइन में जेबें भी इसीलिए छोटी रखी जाती हैं। अब क्योंकि महिलाओं के फिगर के हिसाब से अलग-अलग तरह की जींस आने लगी हैं, इसलिए उनकी बनावट और आकार में जेब और जिपर की जगह भी बदलती जा रही है।



Shweta Shrivastava

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