TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

World AIDS Day: जान कर हो जाएंगे हैरान, हर हफ्ते इतनी महिला होती है HIV का शिकार

आज 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। 31 साल पहले 1988 में दुनिया को एचआईवी संक्रमण के प्रति जागरूक करने के लिए इस दिन की शुरुआत की गई थी।

Roshni Khan
Published on: 1 Dec 2019 10:10 AM IST
World AIDS Day: जान कर हो जाएंगे हैरान, हर हफ्ते इतनी महिला होती है HIV का शिकार
X
HIV Aids

लखनऊ: आज 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। 31 साल पहले 1988 में दुनिया को एचआईवी संक्रमण के प्रति जागरूक करने के लिए इस दिन की शुरुआत की गई थी। ये वो टाइम था जब ये बीमारी तेजी से फैल रही थी। 90 के दशक के आखिर में एड्स चरम पर था, जिसने दुनिया को इसके खिलाफ लड़ने के लिए झकझोरा।

ये भी देखें:एमपी: हनीट्रैप केस में बड़ी कार्रवाई, पांच स्थानों पर छापा, अखबार का दफ्तर सील

हालात बदले, संक्रमण और मौत के मामलों में कम गिरावट आई लेकिन मौजूदा आंकड़ों पर नजर डालें तो इसके उन्मूलन के लिए अभी और आगे जाना है। आज भी हर सप्ताह 15-24 साल की 6000 महिलाएं एचआईवी से संक्रमित होती हैं।

वैज्ञानिकों के मुताबिक सबसे पहले एड्स की उत्पत्ति किन्शासा शहर से हुई थी, जो प्रेजेंट में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो की राजधानी है। एड्स को लेकर सबसे दुखद यह है कि इस बीमारी के फैलने के करीब 30 साल बाद इसका पता चल पाया।

यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 17 लाख नए मामले सामने आए थे। यह संख्या 1997 में 30 लाख था। तीन करोड़ 20 लाख लोगों की जान जा चुकी है। 81 लाख लोगों को मालूम ही नहीं था कि उन्हें एड्स है। इस साल की थीम है 'कम्युनिटीज मेक द डिफरेंस' यानी समुदाय बदलाव लाते हैं

तीसरे पायदान पर है भारत एड्स से संक्रमित लोगों के मामले में

भारत में पहला मामला साल 1986 में तमिलनाडु में सामने आया था। दो साल पहले यूएन एड्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एचआईवी संक्रमण में 46 फीसदी की कमी आई है। 2017 तक 79 फीसदी लोगों को उनका एचआईवी स्टेटस पता था।

इलाज में महिलाएं आगे हैं। 63 फीसदी महिलाएं इलाज करा रही हैं, जबकि पुरुषों में ये संख्या 50 फीसदी ही है। भारत में 21 लाख लोग एड्स से पीड़ित हैं। इनमें 42 फीसदी (8,80,000) महिलाएं हैं।

ये भी देखें:प्रियंका मर्डर केस में बड़ी कार्रवाई, 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड, FIR में देरी का आरोप

साल 2020 तक 90-90-90 हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है यानी एचआीवी से ग्रसित 90 फीसदी लोगों को उनका एचआईवी स्टेटस पता हो। संक्रमित लोगों में से 90 फीसदी का इलाज चल रहा हो और इलाज करा रहे लोगों में से 90 फीसदी वायरली सस्प्रेड हो जाएं यानी वे एचआईवी वायरस को दूसरे व्यक्ति में न फैला पाएं।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story