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कोरोना से बड़ी महामारीः हर साल जाती है लाखों बच्चों की जान, रहें सावधान

निमोनिया किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है लेकिन कम उम्र के बच्चों में यह बहुत खतरनाक हो जाता है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में निमोनिया से भारत में दो साल से कम उम्र के करीब 01 लाख 27 हजार तथा दुनिया भर में करीब 08 लाख बच्चों की मौत हुई है।

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Published on: 12 Nov 2020 12:33 PM IST
कोरोना से बड़ी महामारीः हर साल जाती है लाखों बच्चों की जान, रहें सावधान
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कोरोना से बड़ी महामारीः हर साल जाती है लाखों बच्चों की जान, रहें सावधान (Photo by social media)

लखनऊ: आज दुनियाभर में विश्व निमोनिया दिवस मनाया जा रहा है। निमोनिया के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए वर्ष 2009 में संयुक्त राष्ट्र ने इसकी शुरूआत की थी। इस मौके पर पूरी दुनिया में निमोनियां के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सेमिनार, वर्कशाप और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

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निमोनिया के लक्षण

इसके लक्षणों में अचानक तेज बुखार के साथ छाती में दर्द, पसीना और पेशाब की अधिकता, सिरदर्द, प्यास अधिक लगना, चेहरा, मुंह तथा नेत्र लाल होना, सूखी खांसी आना, सांस लेने की गति बढ़ जाना, पीठ के बल लेटने में कष्ट बढ़ना, फेफड़ों में सूजन आना, नाड़ी की गति बढ़ना, बलगम के साथ खून आना, भूख कम लगने से कमजोरी आदि देखने को मिलते है।

निमोनिया किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है

निमोनिया किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है लेकिन कम उम्र के बच्चों में यह बहुत खतरनाक हो जाता है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में निमोनिया से भारत में दो साल से कम उम्र के करीब 01 लाख 27 हजार तथा दुनिया भर में करीब 08 लाख बच्चों की मौत हुई है। रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि वर्ष 2018-19 में हर 39 सेकेंड पर एक बच्चे की मौत निमोनिया से हुई है। निमोनिया वायरस, बैक्टीरिया तथा पैरासाइट्स के सांस के साथ फेफड़ों में पहुंच कर उन्हे संक्रमित करने से होता है।

खानपान नियंत्रित करके इस बीमारी से बचा जा सकता है

निमोनिया होने पर फेफड़ों में सूजन आ जाती है और कई बार पानी भी भर जाता है। ठंड और बदलते मौसम में होने वाली इस खतरनाक बीमारी से बचने के लिए खानपान में सतर्कता बरतनी होती है। खानपान नियंत्रित करके इस बीमारी से बचा जा सकता है।

निमोनिया के मरीजों को पत्तेदार साग खाना चाहिए इसके साथ सब्जियों में गाजर, लहसुन, तिल, मेथी, चुकंदर, प्याज, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, ककड़ी, जामुन, तथा टमाटर।

फलों और सब्जियों का ताजा पकाया सूप और फलों का जूस आदि भी रोगी को फायदा पहुंचाता है

साथ ही फलों और सब्जियों का ताजा पकाया सूप और फलों का जूस आदि भी रोगी को फायदा पहुंचाता है। निमोनियां के मरीज को प्यास लगने पर गर्म पानी में एक चम्मच शहद घोल कर पिलाना चाहिए और उसकी छाती पर सरसों के तेल में कपूर और तारपीन का तेल मिलाकर मालिश करनी चाहिए। इससे उसे सांस लेने में राहत मिलेगी। इसके अलावा तरल चीजें, जैसेचावल की मांड, साबूदाना की खीर, बाली, शोरबा, आंशिक रूप से उबला या फेंटा हुआ अंडा, अरारोट, मूंग, मसूर की दाल का सूप आदि का सेवन करना चाहिए। निमोनिया में लहसुन बहुत फायदा करता हैै। लहसुन की एक कली को पीसकर 2 चम्मच गर्म पानी के साथ सुबह-शाम मरीज को देना चाहिए।

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इसके अलावा निमोनिया में ज्यादा मीठा नहीं खाना चाहिए और प्रोसेस्ड फूड, शीतल पेय, दूध और डेरी उत्पाद तथा ऐसी सभी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए जिसमे आर्टिफिशियल कलर, स्वाद या फिर कैफिन मौजूद हो।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव

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