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बड़े काम की उंगलियां! अब इस तरह से आप कर सकेंगे कैंसर की जांच

तेजी से फैल रहे तीन तरह के कैंसर में से एक लंग कैंसर को जांचने के लिए एक फिंगर टेस्ट डेवलप किया गया है। इस तरह व्यक्ति अब खुद ही ये पता लगा सकता है कि, उसे लंग कैंसर है या नहीं।

Shreya
Published on: 28 Nov 2019 11:47 AM GMT
बड़े काम की उंगलियां! अब इस तरह से आप कर सकेंगे कैंसर की जांच
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दुनिया में कैंसर बहुत तेजी से फैल रहा है। आमतौर पर इसका खुलासा तभी हो पाता है जब आप डॉक्टरों के पास जाते हैं। लेकिन कभी-कभी आप अपनी बॉडी में होने वाले बदलावों को इग्नोर कर देते हैं, जिससे बीमारी का पता लगने में देरी हो जाती है। लेकिन एक ऑन्कॉलजी सलाहकार ने इसका हल निकाल लिया है और तेजी से फैल रहे तीन तरह के कैंसर में से एक लंग कैंसर को जांचने के लिए एक फिंगर टेस्ट डेवलप किया है। उनका कहना है कि, इस तरह व्यक्ति अब खुद ही ये पता लगा सकता है कि, उसे लंग कैंसर है या नहीं।

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उंगलियों की मदद से कर पाएंगे जांच

एमा नॉर्टन जो कि बूपा यूके की ऑन्कोलॉजी नर्स और सलाहकार हैं, वो लोगों को हाथ की उंगलियों की मदद से लंग कैंसर का पता लगाने का तरीका सिखा रही हैं। एमा लोगों को अपने दोनों हाथों की तर्जनी उंगलियों यानि कटिंग फिंगर्स को एक साथ मिलाकर हार्ट के ऊपरी शेप को बनाने के लिए कहती हैं। अगर ऐसा करने के बाद आपके दोनों हाथों के नाखूनों के बीच डायमंड शेप का स्पेस (अंतर) बनता है तो इसका मतलब है कि आप स्वस्थ हैं। लेकिन यदि ये स्थान नहीं बनता है तो ये फिंगर क्लबिंग का लक्षण हो सकता है।

क्या होता है फिंगर क्लबिंग

एमा बताती हैं कि, फिंगर क्लबिंग वो स्थिति है, जो कि आपकी उंगलियों और नाखूनों की गलत तरह से बदल रही स्थिति को दर्शाती है। आमतौर पर इस स्थिति की शुरुआत तब होती है, जब नाखून बहुत सॉफ्ट होने लगते हैं और उनके चारों ओर की त्वचा चमकदार होने लगती है। यह इस बदलाव का शुरुआती लक्षण होता है। ऐसी स्थिति में साइड से देखने पर नाखून ज्यादा कर्वी लगते हैं और इससे फिंगर डिजिट का ऐंड काफी बड़ी दिखाई देता है। इसी बदले हुए रुप को 'ड्रमस्टिक फिंगर्स' के नाम से जाना जाता है।

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अगर स्थिति बेहद गंभीर है तो इस स्थिति में हड्डी का जो एक्सट्रा एरिया होता है, वो फिंगर के पार्ट के रूप में नजर आने लगता है। ये उंगलियों, कलाई, और घुटनों पर भी दिखाई दे सकता है। अक्सर ऐसी स्थिति को समझ की गलती की वजह से गठिया का प्रारंभिक संकेत मान लिया जाता है। कैंसर रिसर्च यूके की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी स्थिति फिंगर टिश्यूज में लिक्विड जमा हो जाने के कारण बन सकती है। इसके अलावा और ऐसी स्थिति ब्लड सर्कुलेशन या ट्यूमर द्वारा रिलीज किए गए कैमिकल्स के कारण बन सकती है।

बीएमजे बेस्ट प्रैक्टिस के मुताबिक, खून में कम ऑक्सीजन का स्तर होने पर प्रोटीन "संवहनी एंडोथेलियल ग्रोथ फैक्टर" की मात्रा बढ़ सकती है। इससे नाखूनों में चारों तरफ के एरिया पर सूजन और कोशिका विभाजन हो सकता है। अक्सर ये फिंगर क्लबिंग फेफड़े के कैंसर से जुड़ी होती है।

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