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Sharad Pawar: सुप्रिया सुले ने सियासी धमाके की ओर पहले ही किया था इशारा,शरद पवार ने रोटी पलटने वाले बयान पर लगाई मुहर

Sharad Pawar: चार दिन पहले गुरुवार को खुद शरद पवार ने भी एक अहम सियासी बयान दिया था। उनका कहना था कि अब रोटी पलटने का वक्त आ गया है। यदि रोटी को समय पर नहीं पलटा जाता है तो वह कड़वी हो जाती है। पवार के इस बयान के बाद भी किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वे जल्द ही पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान करने वाले हैं।

Anshuman Tiwari
Published on: 2 May 2023 3:40 PM GMT
Sharad Pawar: सुप्रिया सुले ने सियासी धमाके की ओर पहले ही किया था इशारा,शरद पवार ने रोटी पलटने वाले बयान पर लगाई मुहर
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Sharad Pawar (Photo-Social Media)

Sharad Pawar: महाराष्ट्र की सियासत में एक बड़ा धमाका हो गया है। एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है। पवार की ओर से अचानक की गई इस घोषणा ने सियासी पंडितों को भी चौंका दिया है। हालांकि यदि हम पिछले दिनों के बयानों पर गौर करें तो शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले ने करीब 15 दिनों पूर्व महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा विस्फोट होने की बात कही थी। शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच बढ़ती खींचतान के बीच सुप्रिया सुले ने कहा था कि अगले 15 दिनों के भीतर दो बड़े सियासी धमाके होंगे। एक विस्फोट दिल्ली में होगा तो दूसरा विस्फोट महाराष्ट्र में होगा। चार दिन पहले गुरुवार को खुद शरद पवार ने भी एक अहम सियासी बयान दिया था। उनका कहना था कि अब रोटी पलटने का वक्त आ गया है। यदि रोटी को समय पर नहीं पलटा जाता है तो वह कड़वी हो जाती है। पवार के इस बयान के बाद भी किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वे जल्द ही पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान करने वाले हैं।

24 साल से शरद पवार को नहीं मिली कोई चुनौती

एनसीपी में पिछले कई दिनों से शरद पवार और उनके भतीजे राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच तनातनी की खबरें आ रही थीं। 1999 में एनसीपी का गठन किए जाने के बाद से लगातार शरद पवार ही पार्टी का नेतृत्व करते रहे हैं। इस कारण शरद पवार की ओर से पार्टी के अध्यक्ष पद को छोड़ने के ऐलान को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है।
1999 में एनसीपी का गठन करने के बाद से ही शरद पवार पार्टी पर एकछत्र राज करते रहे हैं। उनके नेतृत्व को कभी किसी नेता की ओर से कोई चुनौती नहीं मिली। पार्टी की ओर से किए गए हर फैसले पर अंतिम मोहर शरद पवार की ही लगती रही है।

भतीजे अजीत पवार से चल रही थी तनातनी

यदि हम हाल के दिनों में महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम को देखें तो शरद पवार के भतीजे अजीत पवार को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रहे थीं। कहा जा रहा था कि अजित पवार कुछ एनसीपी विधायकों के साथ भाजपा से हाथ मिला सकते हैं। हालांकि अजित पवार ने बाद में इसका खंडन करते हुए कहा था कि वह आजीवन एनसीपी में रहकर पार्टी की सेवा करते रहेंगे।
वैसे यदि अजित पवार के पूर्व के इतिहास को देखा जाए तो वह देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर 2019 में डिप्टी सीएम पद की शपथ भी ले चुके हैं। हालांकि बाद में भी पार्टी में समर्थन जुटाने में नाकाम साबित हुए थे।

रोटी पलटने वाले बयान पर लगाई मुहर

एनसीपी नेता शरद पवार ने चार दिनों पूर्व गुरुवार को एक महत्वपूर्ण सियासी बयान दिया था। हालांकि इस बयान का मतलब उस समय कोई नहीं समझ सका था। पवार का कहना था कि अब रोटी पलटने का वक्त आ गया है। पवार का कहना था कि किसी ने मुझे बताया है कि रोटी को सही समय पर पलटना होता है। यदि उसे सही समय पर नहीं पलटा गया तो वह कड़वी हो जाती है। माना जा रहा है कि पवार ने इस बयान के जरिए एनसीपी में होने वाले बड़े बदलाव की ओर संकेत किया था।
मुंबई में आज अपनी आत्मकथा के विमोचन कार्यक्रम के दौरान पवार ने अपने इसी संकेत पर मुहर लगा दी। उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि मैं सार्वजनिक कार्यक्रमों और बैठकों में हिस्सा लेता रहूंगा। मैं हमेशा की तरह आप लोगों के लिए उपलब्ध रहूंगा। मैं लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए पहले की तरह 24 घंटे काम करता रहूंगा।

अब दिल्ली में होगा कौन सा सियासी विस्फोट

मौजूदा समय में शरद पवार की उम्र 82 साल हो चुकी है और उनका स्वास्थ्य भी अब ठीक नहीं रहता। माना जा रहा है कि पद छोड़ने के पीछे इसे भी बड़ा कारण माना जा रहा है। शरद पवार ने अपने राजनीतिक विरासत सौंपने के संबंध में भी कोई खुलासा नहीं किया है। एनसीपी में शरद पवार की विरासत संभालने के लिए उनकी बेटी सुप्रिया सुले और भतीजे अजीत पवार का नाम चर्चाओं में है।
सुप्रिया सुले ने जब सियासी 15 दिनों में दो सियासी धमाके होने की बात कही थी तो उनका कहना था कि एक धमाका महाराष्ट्र में होगा तो दूसरा विस्फोट दिल्ली में होगा। ऐसे में यह भी देखा जाना बाकी है कि आखिरकार दिल्ली में कौन सा सियासी विस्फोट होने वाला है।

शरद पवार की रजामंदी पर ही होगा फैसला

सियासी हलकों में अजित पवार को भी काफी महत्वाकांक्षी माना जाता रहा है और ऐसे में वह पार्टी में अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश कर सकते हैं। शरद पवार के ऐलान के बाद अजित पवार ने कहा कि शरद पवार साहेब के निर्देश संचालक के मार्गदर्शन में ही अध्यक्ष चुना जाएगा। पार्टी का अध्यक्ष कोई भी बने मगर वह पवार साहब के मार्गदर्शन में ही हमेशा काम करेगा।
नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की एक समिति भी बनाई गई है। वैसे जानकारों का मानना है कि नए अध्यक्ष के चुनाव में समिति से ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका शरद पवार की होगी और अब यह देखने वाली बात होगी कि शरद पवार नए अध्यक्ष के रूप में आखिरकार किसका समर्थन करते हैं।

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