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Maharashtra News: कुछ खेल करने की तैयारी में अजित पवार, शिंदे की जगह लेने की अटकलें
Maharashtra News: एनसीपी में कुछ भी हो और शरद पवार की सहमती न हो, ऐसा नहीं हो सकता सो अजीत पवार के लिए सीनियर पवार की सहमति लेना बहुत जरूरी है। उनके खेमे के वरिष्ठ नेता भी यही चाहते हैं ताकि भाजपा के साथ सरकार बनाने के 2019 के ड्रामे से बचा जा सके, जो 80 घंटे के भीतर गिर गई थी। वजह ये थी कि उस सरकार के केंद्र बिंदु में शरद पवार नहीं थे।
Maharashtra Politics News: कुछ ऐसे हालात बन रहे हैं जिसके चलते महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन होने के आसार दिखाई पड़ने लगे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सिर पर सर्वोच्च न्यायालय के दल-बदल के फैसले की तलवार लटक रही है ऐसे में कहा जा रहा है कि सत्ता परिवर्तन बस कुछ ही समय की बात है। एनसीपी के अजीत पवार गेमचेंजर बन सकते हैं। उनको सीएम बनने के सपने को साकार करने की जल्दी है और उनके पास 35 से 40 एनसीपी सांसदों का समर्थन है, इसलिए उनपर दलबदल विरोधी कानून भी लागू नहीं होगा।
शरद पवार का रुख
एनसीपी में कुछ भी हो और शरद पवार की सहमती न हो, ऐसा नहीं हो सकता सो अजीत पवार के लिए सीनियर पवार की सहमति लेना बहुत जरूरी है। उनके खेमे के वरिष्ठ नेता भी यही चाहते हैं ताकि भाजपा के साथ सरकार बनाने के 2019 के ड्रामे से बचा जा सके, जो 80 घंटे के भीतर गिर गई थी। वजह ये थी कि उस सरकार के केंद्र बिंदु में शरद पवार नहीं थे। बताया जाता है कि इस बार भी शरद पवार भाजपा के साथ जाने से हिचक रहे हैं। जानकारों का कहना है कि उन्होंने अजीत पवार से कहा है कि वह खुद निर्णय लें क्योंकि वह स्वयं भाजपा के साथ गठबंधन करके अपने राजनीतिक करियर को कलंकित करने के लिए तैयार नहीं हैं।
अजीत चार्टर्ड विमान से दिल्ली गए
अजीत के समर्थकों को पता है कि पार्टी के संरक्षक के खिलाफ जाने का मतलब शरद पवार की जनता के मूड को प्रभावित करने की क्षमता के कारण राजनीतिक आत्महत्या हो सकती है। इसलिए, एनसीपी के सतर्क विधायकों ने अजीत पर किसी तरह शरद पवार का आशीर्वाद लेने का दबाव डाला है। जानकारों का कहना है कि जब अजीत पवार अचानक 8 अप्रैल को गायब हो गए थे तो वास्तव में वह एक चार्टर्ड विमान से दिल्ली गए थे। बताया जाता है कि पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे विभागों के बंटवारे पर फैसला करने के लिए उनके साथ थे।
मुश्किल में एकनाथ शिंदे
जानकारों का कहना है कि भाजपा पहले ही एकनाथ शिंदे को बाहर कर चुकी है। मुश्किल ये है कि उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य की लोकप्रियता बढ़ी है, भले ही वे पार्टी का नाम और उसका निशान खो चुके हैं। बताया जाता है कि भाजपा के एक आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार, महा विकास अघाड़ी राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 33 पर जीत हासिल कर सकती है। पार्टी ऐसा झटका नहीं चाहती सो डैमेज कण्ट्रोल के तहत मुख्यमंत्री के रूप में एक मराठा चेहरा स्थापित करना चाहती है क्योंकि मराठा मतदाता 35 फीसदी हैं। इसलिए अजित पवार को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रफुल पटेल को पोजीशन
जब शरद पवार ने हाल ही में नई दिल्ली में कांग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की, तो प्रफुल्ल पटेल नदारद थे। अब पता चला है कि अजित को सुनील तटकरे के साथ बीजेपी गठबंधन में लाने में पटेल की भूमिका रही है।
पहले भी गायब हो चुके हैं पवार
वैसे, अजीत पवार का अचानक बिना किसी कारण के गायब हो जाना हमेशा खबर बनाता है। इस बात के कई उदाहरण हैं कि उनकी गुमशुदगी खबर क्यों है। सितंबर 2019 में, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से लगभग एक महीने पहले, पवार ने विधानसभा अध्यक्ष को विधायक के रूप में अपना इस्तीफा ईमेल किया और खुद गायब हो गए थे। इस्तीफा और पवार के लापता होने के बाद ईडी ने कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले से संबंधित एक मामले में राकांपा और कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ उन्हें और उनके चाचा और राकांपा प्रमुख शरद पवार को नामजद किया था।
भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार
फिर चुनाव के बाद एक त्रिशंकु विधानसभा बनी। ऐसे में जब शरद पवार कांग्रेस, एनसीपी और अविभाजित शिवसेना को महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के रूप में एक साथ लाने की कोशिश कर रहे थे तब अजित पवार दूसरी बार गायब हो गए। लेकिन बाद में राजभवन में भारतीय जनता पार्टी के देवेंद्र फडणवीस के साथ फिर से प्रकट हो गए। एनसीपी के कुछ विधायकों के समर्थन के साथ अजीत पवार के समर्थन ने फडणवीस को राज्य में कुछ घंटों तक चलने वाली सरकार बनाने में मदद की थी। इसलिए, 7 अप्रैल को, जब पवार कथित तौर पर पुणे में एक कार्यक्रम को अधूरा छोड़ने के बाद पहुंच से बाहर हुए तो अफवाहें फैलीं कि उनके एमवीए गठबंधन को छोड़ने, भाजपा के साथ हाथ मिलाने और महाराष्ट्र में एक और राजनीतिक खेल खेलने की संभावना है।
अजीत पवार ने किया स्पष्ट
हालाँकि नाराज पवार ने बाद में स्पष्ट किया कि वह घर पर आराम कर रहे थे। उन्हें एसिडिटी हो गयी थी। उन्होंने अफवाहों के लिए टेलीविजन चैनलों पर जमकर निशाना साधा। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भले ही वे अस्वस्थ रहे हों लेकिन चार बार के महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के विभिन्न गूढ़ कदमों पर विश्वास करने के लिए पर्याप्त आधार हैं। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि - भतीजा ठीक वही कर रहा है जो उसके चाचा करने के लिए जाने जाते हैं। बहुत मुमकिन है कि अजीत पवार किसी बड़े खेल के लिए पिच तैयार कर रहे हैं।