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Manipur violence: मणिपुर में जिंदगी पटरी पर लौट रही, अब तक 54 लोगों की मौत...10 हजार जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात
Manipur violence Update: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर बीते दो दिनों से हिंसा की आग में झुलस रहा है। हालांकि, सरकार के प्रयासों का असर अब दिख रहा है। हिंसा शांत होती नजर आ रही है। कई इलाकों में हालात सुधरे हैं। चप्पे-चप्पे पर जवान अभी भी तैनात हैं।
Manipur violence Update: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में सुलगी आग थोड़ी मद्धम हुई है। बुधवार शाम से सुलगते मणिपुर में अब थोड़ी शांति नजर आ रही है। पिछले दो दिनों से जारी तनाव को कम करने के प्रयास सफल हुए हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, मणिपुर हिंसा में जान गंवाने वालों की संख्या 54 तक पहुंच गई है, जबकि कई घायल हैं। इस बीच शनिवार (06 मई) को कई इलाकों में शांति नजर आई। दो दिनों जारी हिंसा के बाद राजधानी इंफाल में भी हालात सामान्य होते नजर आ रहे हैं। आज पहले की तरह दुकानें और बाजार फिर खुले। सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही भी रही।
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मणिपुर में जिंदगी एक बार फिर पटरी पर लौटती नजर आ रही है। हालांकि, हालात पूरी तरह सामान्य होने में अभी समय लगेंगे। कई इलाकों में अभी भी बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं। इस बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Union Law Minister Kiren Rijiju) का बयान आया है। उन्होंने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। रिजिजू बोले, 'सरकार इसलिए सभी जरूरी और संभव कदम उठा रही है।' बिगड़े हालात के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर 10 हजार जवान की तैनाती हुई है।
मेइती समुदाय के रेस्क्यू के दौरान गोलीबारी
हिंसाग्रस्त मणिपुर के चुराचंदपुरा इलाके में शुक्रवार को 4 और लोगों के मारे जाने की खबर मिली। जानकारी के अनुसार, इन सभी लोगों की मौत उस समय हुई जब सुरक्षा बल इलाके से मेइती समुदाय (Meitei people) के लोगों को रेस्क्यू कर रहे थे। 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, गोलीबारी तब हुई जब आदिवासियों ने मेइती लोगों को निकालने के लिए चलाए रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा डालने का प्रयास किया। इससे पहले तक मणिपुर के अधिकांश जगहों पर हालात धीरे-धीरे सामान्य होने की खबरें सामने आ रही थी। राजधानी इंफाल में एक टैक्स असिस्टेंट लेमिनथांग हाओकिप को भी मार डाला। इस बात की जानकारी इंडियन रेवेन्यू सर्विस (Indian Revenue Service) ने दी है।
13,000 से अधिक लोगों का हुआ रेस्क्यू
मणिपुर में हालात फिर से न बिगड़ें इसे देखते हुए चप्पे-चप्पे पर सेना की तैनाती हुई है। सुरक्षा बल लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं। 13,000 से अधिक लोगों को संवेदनशील इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सभी निकाले गए लोगों के रहने-खाने का प्रबंध किया गया है।
क्यों जल रहा मणिपुर?
ये पूरा बवाल गैर आदिवासी समुदाय मैतेई को अनुसूचित जाति (Scheduled Cast) में शामिल किए जाने की मांग से जुड़ा है। आदिवासी समाज के के लोग मैतेई समुदाय की इस मांग का लगातार विरोध कर रहे हैं। हिंसा उस वक़्त भड़की जब मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय की मांग पर विचार कर 4 महीने के भीतर सिफारिश भेजने को कहा। इसी फैसले के बाद कुकी जनजाति (Kuki Tribe) यानी आदिवासी समुदाय और मैतेई अर्थात गैर आदिवासी समुदाय के बीच हिंसा शुरू हो गई।